अखिलेश ने उठाये योगी की टीम-11 पर सवाल, लगाए ये गंभीर आरोप
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कोरोना वायरस के लिए मुख्यमंत्री योगी द्वारा गठित टीम-11 पर सवाल उठाते हुए कहा है कि यूपी में...
मनीष श्रीवास्तव
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कोरोना वायरस के लिए मुख्यमंत्री योगी द्वारा गठित टीम-11 पर सवाल उठाते हुए कहा है कि यूपी में लगातार अपराधों में वृद्धि हो रही है। प्रदेश में राज्य कर्मचारियों के डीए वृद्धि और छह भत्तों पर रोक से कर्मचारियों की अर्थव्यवस्था बिगड़ेगी। ऐसे में क्या इस अराजक स्थिति पर नियंत्रण करने के लिए कोई और टीम-11 गठित की जायेगी।
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हत्या और बलात्कार पर उठाए सवाल
सपा अध्यक्ष ने रविवार को कहा कि लाॅकडाउन के दौरान यूपी में अपराधों में लगातार वृद्धि हो रही है। बलात्कारों के बारे में टीम इलेवन बतायें कि बच्चियों का जीवन और सम्मान सुरक्षित क्यों नहीं है? प्रतापगढ़ में 16 वर्षीय युवती नाबालिग की हत्या। अलीगढ़ में किशोरी ने की आत्महत्या सहित अन्य जनपदों में एक माह में ही दर्जनों बलात्कार की घटनायें हो चुकी हैं।
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फिर क्यों रोकी गई डीए की बढ़ोत्तरी
अखिलेश ने कहा कि कोरोना संक्रमण से मुकाबले के लिए हर नागरिक लाॅकडाउन के नियमों का पालन कर रहा है और यथासामर्थ्य गरीबों, मजबूर लोगों की मदद भी कर रहा है। राज्य कर्मचारियों ने भी संकट की इस घड़ी में सरकार का पूरा साथ दिया है। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के सहायता कोष में स्वेच्छा दान के साथ अपने वेतन से की गई कटौती भी उन्होंने स्वीकार कर ली है। इसके बावजूद प्रदेश में जून 2021 तक डीए बढ़ोत्तरी और छह भत्तों पर भी रोक लगा दी है।
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विज्ञापनों पर भी उठाए सवाल
उन्होंने कहा कि इससे तो अल्प वेतन भोगी कर्मचारियों की घरेलू अर्थव्यवस्था ही बिगड़ जाएगी और उसका जीना मुश्किल हो जाएगा। अखिलेश ने कहा कि बेहतर होता कि सरकार अपनी फिजूलखर्ची तथा नेकनामी दिखाने के लिए बड़े-बड़े विज्ञापनों पर रोक लगाती। उन्होंने सवाल किया कि विज्ञापनों पर रोक लगाने में भाजपा नेतृत्व हिचक क्यों रहा है?
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बाहर से लाए लोगों के लिए होनी चाहिए ये प्राथमिकता
सपा मुखिया ने कहा कि दूसरे राज्यों में उत्तर प्रदेश के लाखों श्रमिक रोजगार की तलाश में गये थे। अब उनमें से ज्यादातर अलग-अलग राज्यों में फंसे हुए है। ऐसी स्थिति में जब सब तरफ से आवाज उठने लगी और सपा ने यह मांग बार-बार उठायी है तो भाजपा सरकार उन्हें अपने राज्य में वापस लाने के लिए तैयार तो हो गई लेकिन अब उनके खान-पान, आवास और इलाज की व्यवस्था प्राथमिकता के आधार पर करनी होगी।
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