BRD हादसा: कोडवर्ड में गुफ्तगू करना पड़ा भारी, अलग बंद किये गए आरोपी डॉक्टर
पूर्व प्राचार्य डा. राजीव मिश्र और डा. कफील खान को कोडवर्ड में गुफ्तगू करना भारी पड़ गया। जेल प्रशासन ने सुबह दोनों को अलग कर दिया। डॉ. कफील खान
गोरखपुर: पूर्व प्राचार्य डॉ. राजीव मिश्र और डॉ. कफील खान को कोडवर्ड में गुफ्तगू करना भारी पड़ गया। जेल प्रशासन ने सुबह दोनों को अलग कर दिया। डॉ. कफील खान को मिलेनियम बैरक में स्थित मुलाहिजा बैरक में शिफ्ट किया गया। वहीं डॉ. राजीव मिश्र के बैरक में चोरी, रहजनी और पाकेटमारी में जेल गए बंदियों के पास भेज दिया गया है। वहां से आदर्श कैदियों को भी हटा लिया गया है।
- आक्सीजन प्रकरण में आरोपी डॉ. राजीव मिश्र को 31 अगस्त को गोरखपुर जेल में दाखिल किया गया था।
- उन्हें नेहरू बैरक में तो उनकी पत्नी डा. पूर्णिमा को महिला बैरक में रखा गया।
- डॉ. राजीव जब जेल ले आए गए तो काफी डिप्रेशन में थे। उनकी हालत देखकर जेल प्रशासन ने उनके साथ पांच आदर्श कैदियों को भी नेहरू बैरक में शिफ्ट किया था जिससे वह उनकी गतिविधि पर निगरानी रख सकें।
- 31 अगस्त और एक सितम्बर की रात डॉ. राजीव ने आदर्श कैदियों के साथ काटी हालांकि उसके बाद दो अगस्त की रात में तीसरे आरोपी डॉ. कफील खान को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
कोडवर्ड में बात करना पड़ा भारी
- डॉ. कफील के जेल पहुंचने के बाद डॉ.राजीव मिश्र का एकांतवास खत्म हुआ दोनों आपस में कोडवर्ड में बात करने लगे।
- कोई बंदी या कैदी समझ न सके इसके लिए वह बोलचाल में अंग्रेजी का ही इस्तेमाल कर रहे थे।
- इसके चलते दोनों को अलग कर दिया गया है।
- डॉ. कफील खान को मिलेनियम बैरक में स्थित मुलाहिजा बैरक में शिफ्ट किया गया। वहीं डा. राजीव मिश्र के बैरक में चोरी, रहजनी और पाकेटमारी में जेल गए बंदियों के पास भेज दिया गया है।
- परिवारीजनों को भी मुलाकात की प्राथमिकता दी जा रही है। इसके अलावा कौन कितने बार मिल रहा है यह भी देखा जा रहा है।
- जेल में उनके लिए जा रहे सामानों की भी गहन तलाशी हो रही है। जेल से मिलकर लौट रहे मुलाकातियों की भी तलाशी हो रही है .जिससे कि वह कोई सूचना उनके पास से लेकर बाहर न निकले।