Chandauli News: सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के मंच पर पूर्व सांसद का नहीं आना छोड़ गया कई सवाल

Chandauli News: पूर्व सांसद रामकिशुन यादव ने कहा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष का निर्देश सरआंखों पर है। मैं समाजवादी पार्टी का सिपाही आज भी हूं और कल भी रहूंगा। समाजवादी पार्टी के लिए काम करता रहूंगा।

Report :  Ashvini Mishra
Update:2024-05-28 09:52 IST

पूर्व सांसद रामकिशुन यादव (Pic: Newstrack)

Chandauli News: चंदौली संसदीय क्षेत्र के समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद रामकिशुन यादव अपने पार्टी के प्रत्याशी के समर्थन में राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की जनसभा के मंच पर नहीं पहुंच सके, जिसको लेकर लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही है। दरअसल, सपा प्रत्याशी वीरेंद्र सिंह के समर्थन में जिला मुख्यालय स्थित पॉलिटेक्निक कॉलेज में अखिलेश यादव की जनसभा थी, जिसमें बनारस से लेकर चंदौली तक के कई नए पुराने नेताओं का मंच पर जमघट लगा था, लेकिन चंदौली के समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता व पूर्व सांसद रामकिशुन यादव का मंच पर नहीं दिखाना लोगों में चर्चाओं का विषय बन गया है।

पूर्व सांसद की भी गरिमा है, बोले रामकिशुन यादव

बताया जा रहा है कि रामकिशुन यादव को इस बार भी टिकट नहीं दिए जाने के बाद वर्तमान प्रत्याशी वीरेंद्र सिंह द्वारा उनको तवज्जो नहीं दिया गया। उनको नजरंदाज किया जा रहा है, जिससे वह छुब्ध है। इसी कारण वह उनके नामांकन में भी नहीं दिखे और राष्ट्रीय अध्यक्ष की जनसभा में मंच पर भी नहीं आए। हालांकि इस संबंध में पूर्व सांसद रामकिशुन यादव ने कहा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष का निर्देश सरआंखों पर है। मैं समाजवादी पार्टी का सिपाही आज भी हूं और कल भी रहूंगा। समाजवादी पार्टी के लिए काम करता रहूंगा। लेकिन, एक पूर्व सांसद की गरिमा भी है, जब मुझे पूछा नहीं गया तो फिर मैं किस हैसियत से वहां जाऊं। मुझे लगातार नजरंदाज किया जा रहा है। मुझसे जितना बन रहा है, मैं समाजवादी पार्टी के लिए कार्य कर रहा हूं।

लोगों में चर्चाएं हैं कि समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद रामकिशुन यादव को किस कारण सपा प्रत्याशी वीरेंद्र सिंह नजर अंदाज कर रहे हैं। यह तो अंदरूनी बात नहीं मालूम है, लेकिन पूर्व सांसद के समर्थक पूरी तरह से मौन होकर कुछ भी करिश्मा कर सकते हैं। यह पहला मामला नहीं होगा 2019 में भी रामकिशुन यादव को समाजवादी पार्टी ने टिकट नहीं दिया था। उस समय भी माना जा रहा है कि रामकिशुन के समर्थकों ने नाराजगी जताते हुए परोक्ष रूप से भाजपा का साथ दिया था। अब आने वाला 1 जून का मतदान और 4 जून का परिणाम ही इसका निर्णय कर पाएगा।

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