योगी जी, देखिए सरकारी अस्पतालों का हाल, बारिश में चबुतरे पर लेटाकर मरीज को चढ़ाया ग्लूकोज

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भले ही सरकारी अस्पतालों की दशा और दिशा सुधारने के दावे करते हों, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है। डॉक्टरों की लापरवाही अपनी चरम सीमा पर है

Update:2017-07-11 18:58 IST

सहारनपुर: सीएम योगी आदित्यनाथ भले ही सरकारी अस्पतालों की दशा और दिशा सुधारने के लाख दावे करें, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है। डॉक्टरों की लापरवाही अपनी चरम सीमा पर है। अस्पताल में एक मरीज को इमरजेंसी वार्ड के बाहर एक पेड़ के नीचे बने चबूतरे पर लेटाकर ग्लूकोज की बोतल लगा दी गई। मरीज का तीमारदार ग्लूकोज की बोतल को हाथ में पकड़कर बैठा रहा मगर डॉक्टरों का दूर दूर तक कोई अत पता नहीं। सरकारी अस्पताल के चबूतरे पर मरीज को उपचार किया जाना यहां चर्चा का विषय बना हुआ है।

कांवड यात्रा के चलते अस्पताल में डॉक्टरों की कमी

बताया जाता है कि कांवड यात्रा शुरु होने के कारण जिला अस्पताल के अधिकांश डाक्टर और पैरामेडिकल स्टॉफ की ड्यूटी कांवड यात्रियों को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने में लगा दी गई है, जिस कारण डाक्टर और अन्य स्टाफ कांवड मार्ग पर ड्यूटी दे रहे हैं और अस्पताल डाक्टरों से खाली सा नजर आ रहा है।

- थाना देहात कोतवाली के गांव चकहरेटी निवासी मीनू पत्नी सुदेश को देर रात पेट में दर्द की शिकायत हुई थी, जिस पर परिजन उसे उपचार के लिए सरकारी अस्पताल में लेकर पहुंचे थे।

- रात में इमरजेंसी में मौजूद डाक्टरों ने उसे दवा देकर भेज दिया था, लेकिन आज सुबह फिर से उसकी हालत बिगड़ गई और परिजन उसे फिर से सरकारी अस्पताल लेकर आ गए।

- बताया जाता है कि इमरजेंसी वार्ड के सभी बैड फुल होने के कारण मीनू को वार्ड के बाहर एक पेड़ के नीचे बने चबूतरे पर लेटा दिया गया और ग्लूकोज चढ़ाया।

- ग्लूकोज की बोतल को लेकर मीनू के पति सुदेश के हाथ में थमा दी गई।

क्या कहते हैं डॉक्टर ?

- जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. सत्य सिंह ने बताया कि अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण कई बार बैड कम पड़ जाते हैं।

- ट्रामा सेंटर में रिजर्व बैड के जरिए रोगियों को उपचार दिया जाता है। चबूतरे पर इलाज नहीं दिया गया होगा। मामले की जांच कराई जा रही है और संबंधित डाक्टर को तबल किया जा रहा है।

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