विवेक तिवारी हत्याकांड मामले में कोर्ट ने संदीप कुमार के खिलाफ आरोप किया तय

अपर सत्र न्यायाधीश एसएस पांडेय ने एप्पल के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी की हत्या के मामले में जमानत पर रिहा अभियुक्त पुलिसकर्मी संदीप कुमार के खिलाफ हत्या के लिए दुष्प्रेरित करने का आरोप पाया है।

Update:2019-03-07 21:45 IST

विधि संवाददाता।

लखनऊ: अपर सत्र न्यायाधीश एसएस पांडेय ने एप्पल के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी की हत्या के मामले में जमानत पर रिहा अभियुक्त पुलिसकर्मी संदीप कुमार के खिलाफ हत्या के लिए दुष्प्रेरित करने का आरोप पाया है। उन्होंने अपने आदेश में कहा है कि इस मामले की विवेचना के दौरान संकलित साक्ष्य व पत्रावली पर उपलब्ध सामग्री की बिना पर अभियुक्त संदीप के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 सपठित धारा 114 के अधीन आरोप तय करने का प्रर्याप्त आधार है। लिहाजा उसे इस धारा के तहत 22 मार्च को अदालत में आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया जाता है। उसी रोज अभियुक्त संदीप के साथ ही अभियुक्त प्रशांत पर भी आरोप तय करने के मामले में सुनवाई होगी।

उन्होंने यह आदेश आरोप तय करने के बिन्दू पर विवेक की पत्नी कल्पना तिवारी के विशेष वकील प्रांशु अग्रवाल व साथ ही फौजदारी के जिला शासकीय अधिवक्ता मनोज त्रिपाठी की बहस सुनने के बाद दिया है। अपनी दलीलों के जरिए इनका कहना था कि इस मामले में अभियुक्त पुलिसकर्मी संदीप पर समान आशय से हत्या कारित करने के मामले में आरोप तय किया जाए। सुनवाई के दौरान अभियुक्त पुलिसकर्मी संदीप व प्रशांत के वकीलों ने भी अपना पक्ष रखा था। सत्र अदालत ने सभी पक्षों की बहस के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था।

बताते चलें कि इस मामले की विवेचना के बाद अभियुक्त प्रंशात कुमार चैधरी के खिलाफ हत्या (आईपीसी की धारा 302) जबकि संदीप कुमार के खिलाफ मारपीट (आईपीसी की धारा 323) में आरोप पत्र दाखिल किया गया था। निचली अदालत में भी कल्पना तिवारी की तरफ से अभियुक्त संदीप पर समान आशय से हत्या (आईपीसी की धारा 302/34) के आरोप में संज्ञान लेने की मांग की गई थी।

लेकिन निचली अदालत ने आरोप पत्र में दर्ज धाराओं में ही संज्ञान लेते हुए उनकी अर्जी को निस्तारित कर दिया था। साथ ही इस मामले की पत्रावली विचारण के लिए सत्र अदालत को संदर्भित कर दिया था।

28-29 सितंबर, 2018 की रात्रि में हुई इस घटना के बाद इन दोनों पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था। अदालत में आरोप पत्र दाखिल होने के बाद संदीप की जमानत हो गई थी। जबकि प्रशांत की अर्जी खारिज हो गई थी।

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