पूर्व मंत्री भगवती सिंह के पुत्र का निधन, कोरोना से थे संक्रमित

पूर्व मंत्री भगवती सिंह के निधन के 12वें दिन उनके पुत्र राकेश कुमार सिंह का भी निधन हो गया।

Published By :  Suman Mishra | Astrologer
Update:2021-04-16 11:45 IST

अस्पताल जाते पूर्व मंत्री के पुत्र सोशल मीडिया से तस्वीर

लखनऊ: कोरोना संक्रमण ( Coronavirus) लगातार अपना भयावह रुख अख्तियार करता जा रहा है। बीते चौबीस घंटे में लोहिया संस्थान के दस व लोकबंधु अस्पताल के 20 डाक्टर स्टाफ समेत कुल 183 लोग लखनऊ(Lucknow) में संक्रमित हो गए हैं। यहां वायरस ने 26 लोगों को मौत के घाट उतार दिया है। पूर्व मंत्री भगवती सिंह( Former Minister Bhagwati Singh)  के पुत्र राकेश कुमार सिंह ( Rakesh Kumar Singh) का भी निधन हो गया। राकेश 67 वर्ष के थे और कोरोना वायरस से पीड़ित थे।

पूर्व मंत्री के पुत्र का कोरोना से निधन

पूर्व मंत्री भगवती सिंह के निधन के 12वें दिन उनके पुत्र राकेश कुमार सिंह का भी निधन हो गया। राकेश 67 वर्ष के थे और कोरोना वायरस से पीड़ित थे। उनके दो बेटे और दो बेटियां हैं। रिवर बैंक कॉलोनी स्थित आवास पर उनका निधन हुआ है। उनके छोटे भाई हृदेश कुमार सिंह भी कोरोना वायरस से संक्रमित हैं और ऑक्सीजन चल रहा है। कुछ दिन पहले भगवती सिंह का निधन हो गया था। उनका शव केजीएमयू को दान किया गया था, जहां जांच में कोविड निकला था।


कोरोना अस्पताल की तस्वीर, सोशल मीडिया से

 

चरमरा रही व्यवस्था

लखनऊ में अब तक कुल मौतों का आंकड़ा 1410 पहुंच चुका है। बृहस्पतिवार को कुल 973 लोगों को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया है। अब तक कुल 90 हजार मरीज एक वर्ष के दौरान स्वस्थ हो चुके हैं। बावजूद अभी 35 हजार 865 सक्रिय मरीज हैं।

केजीएमयू में अब तक करीब 300, लोहिया संस्थान में 30, पीजीआइ में 100, लोकबंधु में 40, अवंतीबाई में 70, सिविल अस्पताल में 70 व बलरामपुर में 80 स्टाफ समेत पांच से छह सौ डाक्टर व स्टाफ संक्रमित हो चुके हैं। इससे स्वास्थ्य व्यवस्था बुरी तरह चरमराती जा रही है। बावजूद ओपीडी को बंद नहीं किया जा रहा। केजीएमयू कुल 4500 क्षमता का अस्पताल है। मौजूदा समय में यहां करीब 520 कोविड के बेड हैं। पूरी क्षमता के साथ शुरू होने पर दोनों अस्पतालों में कुल मिलाकर पांच हजार से अधिक कोविड बेड हो जाएंगे। इससे मरीजों की मुश्किलें काफी हद तक आसान हो जाएंगी।

फिलहाल मरीज अस्पतालों में कई-कई दिनों से भर्ती नहीं हो पा रहे हैं। अस्पतालों में कोरोना जांच भी लगभग बंद पड़ी है। सिविल अस्पताल में कई कोविड पॉजिटिव मरीज अभी तक दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट नहीं कराए गए। इनमें से दो तीन की मौत भी हो चुकी है। लगातार मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए शासन ने अब केजीएमयू व बलरामपुर को पूरी क्षमता का कोविड अस्पताल बनाने का निर्णय लिया है।

Tags:    

Similar News