पूर्व सीएम अखिलेश ने नहीं मानी थी राज्यपाल की बात, सीएम योगी से क्यों खुश हैं नाईक ?
राज्यपाल रामनाईक ने कहा कि मैं दो साल से कह रहा था कि हर प्रदेश अपने स्थापना दिवस का उत्सव मनाता है। पूर्व सीएम अखिलेश यादव से कहा कि मुंबई में उत्तर प्रदेशवासी यूपी स्थापना दिवस बड़े धूम-धाम
लखनऊ : राज्यपाल रामनाईक ने कहा कि मैं दो साल से कह रहा था कि हर प्रदेश अपने स्थापना दिवस का उत्सव मनाता है। पूर्व सीएम अखिलेश यादव से कहा कि मुंबई में उत्तर प्रदेशवासी यूपी स्थापना दिवस बड़े धूम-धाम से मनाते हैं। राज्य में जो भी सरकार होती है वह राज्यपाल की सरकार कहलाती है पर उस सरकार ने मेरी बात नहीं मानी थी। मेरी इस सरकार ने बात मानकर राज्य का स्थापना दिवस समारोह आयोजित करने का निर्णय लिया है। इससे मैं अत्यन्त प्रसन्न हूं।
मौका था राज्यपाल राम नाईक की अध्यक्षता में राजभवन में आयोजित ‘महाराष्ट्र दिवस समारोह’ का। इसमें सीएम योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि यूपी के लोग पूरी दुनियां में रहते हैं। यूपी स्थापना दिवस मनाने का निर्णय प्रदेश के मूल निवासियों के लिये एक उपहार होगा। प्रदेश के बाहर रहने वाले प्रदेश के नागरिकों को एकजुट करने का अवसर भी प्रदान करेगा।
यूपी का महाराष्ट्र से पुराना नाता
श्री नाईक ने कहा कि उत्तर प्रदेश का महाराष्ट्र से पुराना नाता है। भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ था पर वनवास के लिये नासिक गये थे। शिवाजी का राज्याभिषेक काशी के गागा भट्ट ने कराया था। उत्तर प्रदेश में प्रथम स्वाधीनता संग्राम में झांसी की रानी और नानाजी पेशवा सहित अन्य मराठी लोगों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया था। लोकमान्य बालगंगाधर तिलक ने ‘स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है’ जैसी सिंह गर्जना लखनऊ में की थी। सदी के महानायक कहे जाने वाले सिने कलाकार अमिताभ बच्चन का रिश्ता उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद से है लेकिन उनका कार्यक्षेत्र मुंबई है।
24 जनवरी से मनाया जाएगा यूपी स्थापना दिवस
-सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्यपाल की प्रेरणा से ‘उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस’ आयोजित करने का निर्णय लिया गया है।
-सरकार के निर्णय के अनुसार अगले वर्ष से 24 जनवरी को हर जिले में स्थापना दिवस का भव्य आयोजन किया जायेगा।
- इसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत होंगे। महाराष्ट्र के साथ सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिये महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के साथ एक एमओयू पर भी हस्ताक्षर किये जायेंगे।
-राज्य विश्वविद्यालयों में मराठी भाषा पढ़ाये जाने की भी व्यवस्था की जायेगी।