HC ने सरकार से पूछा- बिना एयरपोर्ट इलाहाबाद कैसे समार्ट सिटी होगा?
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बम्हरौली एयरपोर्ट को सिविल एयरपोर्ट टर्मिनल और इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका की सुनवाई की।
इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बम्हरौली एयरपोर्ट को सिविल एयरपोर्ट टर्मिनल और इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका की सुनवाई की। कोर्ट ने सरकार से पूछा बिना एयरपोर्ट के इलाहाबाद समार्ट सिटी कैसे बनेगा। अगली तिथि 25 अगस्त नियत करते हुए एयरपोर्ट अथाॅरिटी, वायुसेना और राज्य सरकार से उठाए गए कदमों पर किए गए कार्यवाही की जानकारी मांगी है।
अजय कुमार मिश्र की जनहित याचिका की सुनवाई चीफ जस्टिस डीबी भोसले और जस्टिस यशवंत वर्मा की खंडपीठ कर रही है। कोर्ट को बताया गया कि फ्लाइट का टेंडर मांगा गया था अभी तक इंडिगो और जेट एयरलाइन्स ने उड़ाने भरने की सहमति दी है।
एयरपोर्ट अथाॅरिटी ने बताया कि सरकार ने 90 साल के लिए जमीन पट्टे पर दी है। आईएचएस लगाने का कार्य तेजी से हो रहा है। साथ ही बाउण्ड्रीवाल के लिए टेंडर मांगे जा रहे हैं। नवंबर 2018 तक कार्य पूरा हो जाएगा।
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प्रदेश के अपर महाधिवक्ता नीरज त्रिपाठी ने कोर्ट को बताया कि कौशाम्बी मार्ग बंद होने से डायवर्जन सड़क बनाने के लिए 85 करोड़ जमीन और 60 करोड़ रुपए संपर्क मार्ग बनाने में खर्च होगा। 289 करोड़ रुपए की जमीन एयरपोर्ट के लिए अथाॅरिटी को दी जा चुकी है। 101 करोड़ रुपए अतिरिक्त बजट की जरूरत है। सरकार इस संबंध में विचार कर रही है। इसके अलावा 21 हेक्टेयर जमीन भी अधिग्रहीत की जाएगी।
अपर साॅलिसिटर जनरल अशोक मेहता ने कहा कि सेना की 7.7 हेक्टेयर जमीन पर एनओसी जल्दी ही ले ली जायेगी। अथाॅरिटी के अवकील वी.के उपाध्याय ने कहा कि सिविल एयरपोर्ट टर्मिनल बनाने में कोई अवरोध नहीं है। नवंबर 17 से काम आवंटित होगा और नवंबर 18 तक काम पूरा हो जाएगा। कोर्ट ने जानना चाहा कि क्या कौशाम्बी रोड अंडरग्राउण्ड नहीं बनाई जा सकती? अगली सुनवाई की तिथि पर कार्य का ब्यौरा दिया जाए।