कोर्ट ने पूछा- नेशनल अवार्ड प्राप्त अध्यापिका को क्‍यों नहीं दिया सेवा विस्तार

Update:2018-09-06 20:02 IST

इलाहाबाद: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने नेशनल अवार्ड से सम्मानित अध्यापिका को सेवानिवृत्ति के बाद सेवा विस्तार मामले में राज्य सरकार व माध्यमिक शिक्षा सचिव से तीन हफ्ते में याचिका पर जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति डी.के.सिंह ने श्रीमती अनवर जहां की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता हरिलाल पाण्डेय ने बहस की। याची का कहना है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय के शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने याची को उत्कृष्ट सेवा के लिए 2015 मंे राष्ट्रीय अवार्ड दिया। इसके चलते वह सेवा निवृत्ति के बाद सेवा विस्तार पाने का हकदार है। जिला विद्यालय निरीक्षक ने संयुक्त शिक्षा निदेशक माध्यमिक शिक्षा आजमगढ़ को पत्रावली भेजी किन्तु उन्होंने इसे राज्य सरकार को अग्रसारित नहीं किया। जिस पर दाखिल याचिका पर कोर्ट ने संयुक्त शिक्षा निदेशक को पत्रजात तत्काल अग्रसारित करने का निर्देश दिया। याची 31 मार्च 18 को सेवानिवृत्त हो गया किन्तु पत्रावली सचिव को नहीं भेजी गयी तो याची ने अवमानना याचिका दाखिल की, कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर बताया गया याची की जांच चल रही है। जांच पूरी होते ही पेपर भेजे जायेंगे। इस आदेश के खिलाफ यह याचिका दाखिल की गयी है।

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आशीष सिंह यूनियन बैंक के अधिवक्ता नियुक्त

इलाहाबाद: इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अधिवक्ता आशीष कुमार सिंह को यूनियन बैंक का स्थायी अधिवक्ता नियुक्त किया गया हैं। बैंक की तरफ से इन्हें डीआरटी व सेवा संबंधी मामलों के अलावा अन्य मामलों की पैरवी करने के लिए अधिकृत किया गया है। इस आशय का आदेश बैंक के विधि अधिकारी ने जारी किया है।

बमरौली एयरपोर्ट तक कम दूरी व कम लागत से बने पहुंच मार्ग, रेलवे व अन्य अधिकारी तलब

इलाहाबाद: प्रयाग कुंभ को देखते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इलाहाबाद के बमरौली एयरपोर्ट के कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि एयरपोर्ट तक पहुंच मार्ग की दूरी व निर्माण लागत अधिक है। गूगल मैप के सहारे देखा जाए तो रेलवे पुल से कम दूरी का संपर्क मार्ग कम लागत में बनाया जा सकता है। कोर्ट ने रेलवे अधिकारियों व सेना के अधिकारियों को 11 सितम्बर को बुलाया है। कोर्ट का मानना है कि जब कम दूरी व कम लागत से एयरपोर्ट तक सड़क निर्माण किया जा सकता है तो 15 किलोमीटर की दूरी तय कर पहुंचने का बनाने का कोई औचित्य नहीं है। रेलवे, सेना व एडीए के अधिकारी कम दूरी का मार्ग तैयार कर सकते हैं जो कुम्भ से पहले आसानी से बनाया जा सकता है। अधिवक्ता अजय कुमार मिश्र की जनहित याचिका की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश डी.बी.भोसले तथा न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खण्डपीठ कर रही है। अगली सुनवाई 11 सितम्बर मंगलवार को होगी।

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