यमुना एक्सप्रेस वे अथॉरिटी ने जारी की 45 करोड़ वसूली नोटिस, कोर्ट में मिली चुनौती

Update:2018-07-13 20:01 IST

इलाहाबाद: उच्च न्यायालय ने गौतमबुद्ध नगर के श्रीमती शकुन्तला एजुकेशनल एण्ड वेलफेयर सोसायटी को बकाया वसूली नोटिस के खिलाफ सीईओ के समक्ष विचाराधीन अपनी आपत्ति दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का समय दिया है। मार्केट दर से अधिकारियों की मिलीभगत से कम दर पर हुए आवंटन की जांच रिपोर्ट के आधार पर सीईओ यमुना एक्सप्रेस वे अथॉरिटी ने 45 करोड़ की ब्याज सहित वसूली नोटिस जारी की है। अथॉरिटी ने याची सहित ऐसे 13 आवंटियों को नोटिस जारी की है।

यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डी.बी.भोसले तथा न्यायमूर्ति यशवन्त वर्मा की खण्डपीठ ने दिया है। याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता नवीन सिन्हा ने बहस किया। इनका कहना है कि याची आवंटित दर से भुगतान कर रहा है। अब अथॉरिटी ने अतिरिक्त धन मय ब्याज के वसूली नोटिस दी है, जो गलत है। यमुना एक्सप्रेस वे अथॉरिटी के अधिवक्ता प्रमोद जैन का कहना है कि अथॉरिटी के अधिकारियों की मिलीभगत से कम दर पर 13 संस्थाओं को जमीन आवंटित की गयी। सीईओ ने जांच करायी तो मार्केट रेट से कम दर पर जमीन के आवंटन किये जाने का खुलासा हुआ है। अथॉरिटी ने बाजारी मूल्य के अनुसार आवंटन तिथि से बकाये पर ब्याज वसूली की नोटिस जारी की है और याची ने इसी मामले में सिविल वाद दायर किया है। जिसकी सुनवाई 18 जुलाई को होनी है। 05 जून 2018 की नोटिस पर याची ने आपत्ति भी की है। कोर्ट ने अंतरिम राहत न देते हुए याची को पूरक हलफनामा दाखिल करने का समय दिया है।

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न्यायाधीशों पर अभद्र टिप्पणी, ईश कुमार बलेचा को अवमानना नोटिस

इलाहाबाद: हाईकोर्ट ने सहारनपुर आवास विकास कालोनी के निवासी ईशकुमार बलेचा को आपराधिक अवमानना नोटिस जारी की है और दो हफ्ते में जवाब मांगा है। याची ने बलेचा पर न्यायमूर्तियों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने व न्यायालय की गरिमा गिराने का आरोप लगाया है। यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति डी.बी.भोसले तथा न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खण्डपीठ ने आवास विकास परिषद सहारनपुर की आवासीय योजना के तहत अर्जी अस्वीकार करने की चुनौती याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। याची ने कोर्ट में स्वयं बहस की और याचिका में न्यायाधीशों की गरिमा के खिलाफ लिखी गयी टिप्पणी को स्वीकार किया और कहा कि उसके पास साक्ष्य है, वह जो कह रहा है सिद्ध कर सकता है। कोर्ट ने याची की स्वीकृति के बाद अवमानना कार्यवाही करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी की है। याचिका की सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी।

ठेकेदार ने कटवा डाले 1000 पेड़, कोर्ट ने लगाई रोक, मांगा जवाब

इलाहाबाद: हाईकोर्ट ने आजमगढ़ की बर्रा ग्राम पंचायत के तालाब के भीटे पर स्थित एक हजार पेड़ों की नीलामी के चलते पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दी है और ठेकेदार सहित राज्य सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने हरे पेड़ों को नीलाम करने पर सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने पूछा है कि एक तरफ सरकार ऐसे ही पेड़ों की रक्षा कर रही है। तो दूसरी तरफ ऐसा काम क्‍यों किया जा रहा है। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डी.बी.भोसले तथा न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खण्डपीठ ने अमलेश गुप्ता की जनहित याचिका पर दिया है। याची का कहना है कि तालाब के सुन्दरीकरण के नाम पर ग्राम प्रधान ने एक हजार पेड़ों की नीलामी कर दी है और ठेकेदार हरे पेड़ों को काट रहा है। जिससे पर्यावरण प्रभावित होगा। कोर्ट ने पेड़ काटने पर रोक लगाते हुए जिलाधिकारी से भी जानकारी मांगी है। ठेकेदार का कहना था कि उसने 25 फीसदी धन जमा किया है तो कोर्ट ने कहा कि जमा राशि वापस की जा सकती है।

उन्‍नाव प्रकरण: अवैध असलहे से जुड़े फर्जी केस में विधायक सेंगर के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल

लखनऊ: सीबीआई ने उन्नाव रेपकांड की पीड़िता के पिता को अवैध असलहे के साथ फर्जी मुकदमे में जेल भेजने के आरोप में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर व थाना माखी के तत्कालीन एसओ अशोक सिंह भदौरिया व एसआई कामता प्रसाद सिंह तथा कांसटेबिल आमिर खान समेत 10 अभियुक्तों के खिलाफ शुक्रवार को सीबाआई की एक स्पेशल कोर्ट में आरेपत्र दाखिल कर दिया । इससे पहले सीबीआई रेप केस मे विधायक सेंगर व उनकी सहयेगी शशि सिंह के खिलाफ एवं रेप केस की पीड़िता के पिता की हत्या के केस में विधायक के भाई समेत पांच लोगों के खिलाफ पहले ही आरेपपत्र कोर्ट में दाखिल कर चुकी है।

अवैध असलहे से जुड़े फर्जी केस में शुक्रवार को दाखिल आरोपपत्र पर सीबीआई के स्पेशल ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट सपना त्रिपाठी ने सुनवाई के लिए 26 जुलाई की तारीख तय की है।

कोर्ट ने सभी दसों आरोपितों पर आईपीसी की धारा 120 बी सपठित धारा 166, 167, 193, 201, 218 व आर्म्स एक्ट की धारा 3/25 में आरोप पत्र दाखिल किया। सीबीआई ने आरोप पत्र में अभियुक्त शैलेंद्र सिंह उर्फ टिंकू सिंह, विनीत मिश्रा उर्फ विनय मिश्रा, बीरेंद्र सिंह उर्फ बउवा, रामशरण सिंह उर्फ सोनू सिंह व शशि प्रताप सिंह उर्फ सुमन सिंह व जयदीप सिंह उर्फ अतुल सिंह सेंगर को भी इन्हीं धाराओं में आरोपित किया है। इन अभियुक्तों में विधायक के भाई अतुल सिंह व कांसटेबिल आमिर खान के अलावा बाकी आठ अभियुक्त इस मामले में न्यायिक हिरासत में निरुद्ध है।

यह है मामला

पीड़िता के पिता सुरेंद्र सिंह को अवैध असलहे के साथ फर्जी मुकदमे में जेल भेजने के इस मामले में पुलिस ने आईपीसी की धारा 323, 504, 506 के तहत पहले से एफआईआर दर्ज कर रखा था। लेकिन सीबीआई ने अपनी जांच के आधार पर इस मामले में आईपीसी की धारा 120बी सपठित धारा 193, 201 व 218 साथ ही आर्म्स एक्ट की धारा 3/25 के तहत मुकदमा कायम किया था। चार अपै्रल, 2018 को पीड़िता के पिता सुरेंद्र सिंह के साथ यह घटना हुई थी।

उन्नाव रेप केस: 17 जुलाई को संज्ञान पर सुनवाई, सीबीआई ने दाखिल किए मूल दस्तावेज

लखनऊ: उन्नाव के बहुचर्चित रेप कांड मामले में निरुद्ध विधायक कुलदीप सिंह सेंगर व उनकी सहयोगी महिला शशि सिंह के खिलाफ दाखिल आरोप पत्र पर संज्ञान की सुनवाई के लिए सीबीआई के स्पेशल जज वत्सल श्रीवास्तव ने 17 जुलाई की तारीख तय की है। शुक्रवार को अदालत में सीबीआई की ओर से आरोप पत्र के मूल दस्तावेज दाखिल किए गए। गत बुधवार को सीबीआई आरोप पत्र के साथ मूल दस्तावेज दाखिल नहीं कर सकी थी। तब अदालत ने उस रोज सीबीआई को मूल दस्तावेज दाखिल करने के लिए दो दिन का समय दिया था।

इधर, अदालत के समक्ष अभियुक्त विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को सीतापुर जबकि शशि सिंह को लखनऊ जेल से पुलिस की कड़ी सुरक्षा में पेश किया गया था। दोनों मुल्जिमों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।

सीबीआई ने आरोप पत्र में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर व शशि सिंह को आईपीसी की धारा 120बी सपठित धारा 363, 366, 376(1) व 506 के साथ ही पॉक्सो एक्ट की धारा 3/4 के तहत भी आरोपी बनाया है। सीबीआई ने आरोप पत्र में कुल 49 गवाह व 40 दस्तावेजी साक्ष्य पेश किए हैं।

गत 14 अप्रैल को सीबीआई ने इस मामले में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा था। जबकि इसके अगले दिन उनकी महिला सहयोगी शशि सिंह को भी गिरफ्तार कर जेला भेजा गया। 12 अप्रैल, 2014 को सीबीआई ने इस मामले की एफआईआर दर्ज कर विवेचना शुरु की थी।

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