Jhansi: धर्म के प्रति जागरूक हो और सनातन संस्कृति को अपनाएं हर भारतीयः पं. शिवाकान्त महाराज

साप्ताहिक श्रीमद् भागवत महापुराण की पावन कथा एवं सनातन सत्संग महोत्सव के दिन अंतर्राष्ट्रीय कथा व्यास पं. शिवा कान्त महाराज ने श्रोताओं को समझाया |

Report :  B.K Kushwaha
Update:2023-12-06 12:56 IST

झांसी में श्रोताओं को कथा सुनाते पं. शिवाकान्त महाराज (न्यूजट्रैक)

Jhansi News: साप्ताहिक श्रीमद् भागवत महापुराण की पावन कथा एवं सनातन सत्संग महोत्सव के दिन अंतर्राष्ट्रीय कथा व्यास पं. शिवा कान्त महाराज ने श्रोताओं को समझाया कि सुदामा ही जीव है। सुशीला ही बुद्धि है। बुद्धि रूपी सुशीला से जीव रूपी सुदामा प्रेरित होकर के जब परमात्मा की शरणागति ग्रहण करता है तो उसे परम गति प्राप्त होती है। सुदामा को भगवान ने द्वारिका जैसी संपत्ति प्रदान कर दी लेकिन सुदामा ने उसका उपभोग नहीं किया और अंत में परमधाम को प्राप्त किया।

कथा व्यास ने भगवान श्री कृष्ण के 16108 विवाह के विषय में विस्तारपूर्वक श्रोताओं को बताया एवं बेटियों के विषय में वर्णन किया। समाज से अपील करते हुए कथा व्यास ने बताया कि बेटियों को मारना नहीं चाहिए, बल्कि बेटियों को जन्म देने की जरूरत है। बेटियां घर की लक्ष्मी होती है जो कि हर किसी को प्राप्त नहीं होती है। बहुत सौभाग्यशाली वह व्यक्ति होते हैं जिनके यहां पर बेटियां जन्म लेती हैं। यही बेटियां आगे चलकर दो परिवारों के मिलन का अहम हिस्सा बनती हैं।

इसलिए बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ आज की कथा में सुदामा जी की झांकी दिखाई गई एवं राधा कृष्ण के साथ में श्रोता समाज ने फूलों की होली खेली गई। फूलों की होली कार्यक्रम में श्रोता झूमते एवं नाचते हुए दिखाई दिए। फूलों की होली के साथ ही कथा का विराम हुआ। कार्यक्रम के प्रधान यजमान एवं आयोजक पूजा पत्नी नितेंद्र रघुवीर राय फौजी, बबीना से कई बार विधायक रहे उत्तर प्रदेश सरकार में पूर्व मंत्री रतनलाल अहिरवार, उत्तर प्रदेश के 75 जिलों से दूर-दूर से कथा सुनने भक्तगण हँसारी पहुंचे श्रीमद् भागवत परिवार सेवा समिति के तत्वाधान में 15 कन्याओं का सामूहिक विवाह संपन्न कराया जाएगा।

कथा की विस्तारपूर्वक जानकारी महाराज के पीआरओ पं. उत्तम शुक्ल द्वारा दी गई कथा के दौरान यहां के बड़े बुजुर्ग भावुक दिखे। जिन्होंने व्यास पीठ पर पहुंचकर व्यास जी का सम्मान करते हुए बताया कि व्यास जी के द्वारा बहुत सुंदर अच्छे तरीके से हम सभी को भारतीय सनातन संस्कृति के बारे में बताया एवं श्रीमद् भागवत महापुराण की पावन पवित्र कथा सुनाई गई। महाराज ने बताया कि सनातन का दूसरा नाम है सदातन जो सदैव तना रहेगा सनातन का मूल्य उद्देश्य है भगवान विष्णु विश्व की धरा पर जब तक एक भी मनुष्य जीवित है तब तक सनातन जीवित हैं। विश्व में केवल एक ही धर्म है जोकि सनातन ही है और रहेगा। प्रत्येक विश्व के नागरिक को सनातन मय होना चाहिए और सनातन संस्कृति को मनाना चाहिए।

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