लखनऊ। राजधानी का केजीएमयू सूबे में इलाज के लिए बेहतर जाना जाता है। यहां के चिकित्सकों के उपचार से लेकर जांच को मरीज सही मानते हैं। इसी कड़ी में सोमवार को केजीएमयू के कलॉम सेंटर में तीन दिवसीय यूपी पैठकोन 2017 प्रोग्राम का आयोजन हुआ। जिसमें सूबे के विभिन्न जनपदों से आए 400 से अधिक डॉक्टर, पैथोलॉजिस्ट, माइक्रोबायोलॉजिस्ट से लेकर बायोकेमिस्टों ने भाग लिया है। कार्यक्रम में पहुंचे विभिन्न क्षेत्रों के स्पेशलिस्टों को केजीएमयू के चिकित्सकीय विशेषज्ञ बेहतर उपचार की विधियों को सीखा रहे हैं।
वैज्ञानिक सत्र में जांच की बेहतर विधि बताया
केजीएमयू के विशेषज्ञों ने चिकित्सकीय जांच करने की विधियों के बारे में बताया। यूपी पैठकोन 2017 प्रोग्राम के दौरान डॉ अरुणा वाणीकार, डॉ प्रदीप वैदीश्वर एवं डॉ अतुल गुप्ता ने गुर्दा, हृदय की धमनियों तथा उनकी बायोप्सी से लेकर हिस्टोपैथालॉजी द्वारा सरल विधि से जांच करने की विधियों से रूबरू कराया।
आंत के कैंसर के खतरे से आगाह किया
डॉ वत्सला मिश्रा ने पेट और आंत के कैंसर एवं गंभीर बीमारियों की बायोप्सी के माध्यम से जांच की पूरी जानकारी दी। कार्यक्रम में आए डॉक्टरों को आंत के कैंसर से होने वाले खतरे के बारे में बताया।
वायरस से दूर रहने की सलाह दी
प्रोफेसर नमिता जैन ने वायरस की जांच को लेकर फैली भ्रमियों से मरीजों को जागरूक करने की सलाह दिया। उन्होंने कहा कि वायरस की जांच में प्रयोग में आने वाली विभिन्न विधियों को जानना बेहद जरूरी है। इसलिए मौके पर जांच का प्रेक्टिकल कर सीखाया।
यूपी को बेहतर करने की कोशिश
केजीएमयू के कुलपति प्रोफेसर एमएलबी भट्ट ने इस मौके पर कहा कि हमारा प्रयास है कि कार्यक्रम में आए डॉक्टरों से लेकर बायोकेमिस्टों को बेहतर चिकित्सकीय गुर सिखाकर भेजा जाए। जो यूपी के विभिन्न में जिलों में मरीजों का इलाज बेहतर तरीके से कर सकें।