कानपुर: शहीद दीपक पांडेय को नम आंखों से दी गई अंतिम विदाई
शहीद दीपक पाण्डेय को आज नम आंखों से अंतिम विदाई दी गई। एयर फ़ोर्स के जवानों ने उन्हें गार्ड ऑफ़ ऑनर दिया। दीपक पाण्डेय का जाजमाऊ के सिद्धनाथ घाट में अंतिम संस्कार किया। दीपक के चचेरे भाई ने चन्द्र प्रकाश पाण्डेय ने मुखाग्नि दी।
कानपुर: शहीद दीपक पाण्डेय को आज नम आंखों से अंतिम विदाई दी गई। एयर फ़ोर्स के जवानों ने उन्हें गार्ड ऑफ़ ऑनर दिया। दीपक पाण्डेय का जाजमाऊ के सिद्धनाथ घाट में अंतिम संस्कार किया। दीपक के चचेरे भाई ने चन्द्र प्रकाश पाण्डेय ने मुखाग्नि दी। दीपक के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। वहीं उनके साथ ही कानपुर वासी भी फूट-फूट कर रोए।
जब शहीद दीपक पाण्डेय की अंतिम यात्रा की शुरुआत हुई तो जगह-जगह फूलों की बारिश की गई। दीपक पाण्डेय अमर रहे। जब तक सूरज चाँद रहेगा दीपक तेरा नाम रहेगा। जैसे नारों से पूरा इलाका गूंज उठा। श्रीनगर के बड़गाम में एमआई-17 चॉपर क्रैश हो गया था। जिसमें कानपुर के चकेरी में रहने वाले दीपक पाण्डेय शहीद हो गए थे।
गुरुवार रात विशेष विमान से उनके पार्थिव शरीर को कानपुर लाया गया था। दीपक के पार्थिव शरीर को सेवेन एयर फ़ोर्स हास्पिटल में रखा गया था। शुक्रवार को एयर फ़ोर्स के जवानो के साथ ट्रक में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मोर्य पार्थिव शरीर लेकर दीपक के घर पहुचे थे।
दीपक पाण्डेय अपने परिवार के इकलौते बेटे थे। उनके पिता रामप्रकाश पाण्डेय ने रोते हुए कहा कि मैंने सोचा था कि जब मै मरूँगा तो मेरा बेटा मुझे कन्धा देगा। लेकिन मेरे सामने ही मेरा बेटा मुझे छोड़ कर चला गया l मुझे उसकी शहादत पर गर्व है और परिवार को देखता हूँ तो दुःख भी है।
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