बंदरों का कहर: खतरे में ताज की खूबसूरती कभी प्रदूषण से गंदगी तो कभी इनसे..
एक तो पहले से ही वायु प्रदूषण ने ताज की खूबसूरती पर कहर बरसा रहा था, ऊपर से अब बंदरों ने भी ताज को भद्दा और गन्दा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। ताज का दीदर करने आये पर्यटकों के लिए मुसीबत बने बंदर अब स्मारक के लिए भी खतरा बन गए हैं। शुक्रवार देर शाम को ताज महल की उत्तरी-पश्चिमी बुर्जी की जाली बंदरों ने क्षतिग्रस्त कर दी। इस सूचना के साथ ही विभाग में हड़कंप मच गया। हालांकि, इसके बावजूद विभागीय अधिकारी इसकी जानकारी होने से इनकार कर रहे हैं।
आगरा: एक तो पहले से ही वायु प्रदूषण ने ताज की खूबसूरती पर कहर बरसा रहा था, ऊपर से अब बंदरों ने भी ताज को भद्दा और गन्दा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। ताज का दीदर करने आये पर्यटकों के लिए मुसीबत बने बंदर अब स्मारक के लिए भी खतरा बन गए हैं। शुक्रवार देर शाम को ताज महल की उत्तरी-पश्चिमी बुर्जी की जाली बंदरों ने क्षतिग्रस्त कर दी। इस सूचना के साथ ही विभाग में हड़कंप मच गया। हालांकि, इसके बावजूद विभागीय अधिकारी इसकी जानकारी होने से इनकार कर रहे हैं।
क्या है पूरा मामला?
- दरअसल ताजमहल के पश्चिमी गेट से बाग खान-ए-आलम को रास्ता जाता है।
- यहां बसई घाट की तरफ यमुना किनारे ताजमहल की उत्तरी-पश्चिमी बुर्जी है।
- इधर बंदरों का आतंक अधिक रहता है। शुक्रवार को बंदरों ने बुर्जी में लगी रेड सैंड स्टोन की जाली को हिलाकर तोड़ दिया।
- जाली के पत्थर टूटकर नीचे फर्श पर गिर पड़े। इससे स्मारक की देखरेख पर सवाल उठ रहे हैं।
आपको बता दें ताजनगरी में पर्यटकों को बंदरों से बचाने के लिए बजट का इंतजाम किया गया था। कलक्ट्रेट में तो बंदरों को पकड़ने के लिए पिंजड़ा लगाया गया, लेकिन स्मारकों में बंदरों को नहीं पकड़ा गया। यहां बंदर कई बार पर्यटकों पर हमला कर चुके हैं।