कानपुर : शहर में मौरंग कारोबार नया रूप बदल रहा है। अब मौरंग की बिक्री घन फुट से नहीं बल्कि किलो के हिसाब से होगी। जीएसटी लगा कर एक किलो मौरंग का दाम तय हुआ है 2.20 पैसे। कोपरगंज इलाके के कारोबारी नवीन दरौलिया ने राजस्थान से 57 बैगन की एक ट्रेन मौरंग आयात की है। जो रविवार रात पनकी रेलवे यार्ड पहुच गई। राजस्थान से आई मौरंग का रंग पीला है, जो बेतवा नदी से निकलती है। जबकि यूपी में चंबल नदी से निकलने वाली मौरंग लाल रंग की होती है।
सिटी में बन रहे तमाम बड़े और छोटे प्रोजेक्ट की रफ्तार थम चुकी थीं। मौरंग की कमी को देखते हुए सीमेंट कारोबारी नवीन ने मौरंग को राजस्थान से मंगवाने की शुरुआत की है।
आपको बता दें, एक मालगाड़ी में 57 वैगन होते है प्रत्येक वैगन में लगभग 65 टन मौरंग आती है। कानपुर में प्रतिदिन मौरंग की खपत 8 हजार टन है। पहले मौरंग फुट के हिसाब से मिलती थी और नाप में कम से कम 10 फीसदी कम होती थी। बारिश के चलते इस समय यूपी में खनन वैसे भी पूरी तरह बंद है। हाइकोर्ट द्वारा राज्य सरकार से खनन पर लगी रोक हटाने के आदेश के बाद भी राज्य सरकार ने कोई भी पहल नही की है। यूपी के इतिहास में कानपुर में पहली बार राजस्थान से ट्रेन से मौरंग मंगा उपलब्ध कराई जाएगी। मौरंग कारोबारियों का मानना है अब ग्राहकों को उनकी कीमत का पूरा और सही माल किलो के हिसाब से तौल कर मिलेगा।
मौरंग व्यापारी मनोज बांका के मुताबिक अब ग्राहकों को पूरी कीमत और पूरा माल मिलेगा l हम यह मौरंग फिट में न बेच किलोग्राम में बेचेंगे, हमने इसके लिए कीमत 2 रुपये 20 पैसे प्रति किलो रखी हैl यह 2200 रुपये टन के हिसाब से बिकेगीl
एडीएम संजय चौहान के मुताबिक मौरंग एक खनिज पदार्थ है, इसके नियम के अनुसार यदि मंगाई गई हो तो ठीक हैl खनिज पदार्थो की एक अलग नियमावली है, हम इसकी जाँच करेंगे कि किस व्यापारी ने मौरंग मंगाई है, उसके कागजात भी देखे जाएंगेl
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