लखनऊ में नारद जयंती पर पत्रकारों का हुआ सम्मान

Update:2017-05-12 19:44 IST

लखनऊ : भारतीय विचार के रक्षण और संरक्षण की आज सबसे ज्यादा आवश्यकता है। यह भारतीय विचार और सनातन संस्कृति की शक्ति ही है, जो हमें श्रेष्ठ बनाती है तथा कुरीतियों से लड़ने की भी क्षमता प्रदान करती है। उक्त विचार दैनिक जागरण के सम्पादक आशुतोष शुक्ल ने नारद जयंती समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में व्यक्त किये।

आद्य पत्रकार देवर्षि नारद जयंती आयोजन समिति द्वारा विश्व संवाद केन्द्र सभागार में शुक्रवार को अपरान्ह आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए श्री शुक्ल ने कहा कि पत्रकार की पहली जिम्मेदारी अपने धर्म, सनातन संस्कृति की रक्षा करना है। यह सनातन संस्कृति ही है जो समाज को कुरीतियों से लड़ने की ताकत देती है। इस समाज में जब जब कुरीतियां आयी हैं तब तब यहां बुद्ध, दयानन्द, राम मोहन राय और अम्बेडकर जैसे लोग आये। उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृति बहता हुआ पानी है, यह ठहरा हुआ नहीं है। हमारी संस्कृति कहने, बोलने और शास्त्रार्थ करने की शक्ति देती है।

श्री शुक्ल ने कहा कि हमें अपने इतिहास को ठीक से देखना होगा। हमें जो इतिहास पढाया और दिखाया गया है, वह एक विचारधारा से प्रभावित था। उस विचार ने हमें इस्लाम से पहले के इतिहास को देखने ही नहीं दिया है। यही लोग हैं जो भारतीय विचार पर हमला कर रहे हैं। देश में नरेन्द्र मोदी की सरकार बनने के बाद से एक द्वन्द चल रहा है। यह द्वन्द भारतीय विचार के खिलाफ है। जबकि यह विचार और संस्कृति अत्यधिक प्रबल थी। हमारी संस्कति में ही स्वयंवर जैसी प्रथा थी जोकि एक तरह से स्त्री को नकारने का अधिकार भी देती थी। यह हमारे समाज की विलक्षण शक्ति थी।

उन्होंने कहा कि पत्रकार अपने जज्बे से बनता है। कोई भी पत्रकार जबरदस्ती नहीं बनाया जा सकता। पत्रकार तभी बनेगा जब उसमें पत्रकार बनने के स्वाभाविक गुण होंगे। आज सूचना क्षेत्र के लिए कठिन समय है। उन्होंने कहा कि जो सूचना आज मोबाइल पर प्राप्त हो रही है जरूरी नहीं कि वह सही भी हो। इसलिए नये संचार माध्यम से आ रही सूचनाओं को अपने विवेक पर तौलना जरूरी हो गया है।

समारोह के मुख्य अतिथि एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति विनय पाठक ने कहा कि समाज के सामने आज कई प्रश्न खड़े हैं। इन प्रश्नों का समाधान करने के लिए ही पत्रकारिता है। पत्रकारिता का विकास होकर वह वेब और इलेक्ट्रानिक रूप में सामने है। इसमें तकनीक का विकास हुआ है। तकनीक के सहयोग से ही पत्रकारिता में त्वरित टिप्पड़ी देने की क्षमता विकसित हुई है। कार्यक्रम के अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार और पूर्व राज्यसभा सांसद राजनाथ सिंह सूर्य ने कहा कि पत्रकार को नीर,क्षीर, विवेक से काम करना चाहिए।

पत्रकार को कर्त्वव्य पर ध्यान रखना चाहिए अधिकार पर नहीं। उन्होंने कहा कि आज पत्रकारिता में तकनीकी विकास तो हुआ है किन्तु नैतिक ह्रास हुआ है। कार्यक्रम में नौ वरिष्ठ पत्रकारों को सम्मानित किया गया। सभी को स्मृति चिन्ह, अंग वस्त्र एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सम्मानित होने वालों में श्रीमती रूमा सिन्हा (दैनिक जागरण), भाष्कर दुबे ( न्यूज टाइम्स), लालमणि वर्मा (इण्डियन एक्सप्रेस), पंकज झा (एबीपी न्यूज), मनोज राजन त्रिपाठी (ईटीवी), अखिलेश रस्तोगी (न्यूज 18 नेटवर्क) दीपचन्द्र ( राष्ट्रीय सहारा), ज्ञानेन्द्र शुक्ल (वरिष्ठ पत्रकार) एवं नीरज भारती (आजतक) शामिल थे।

समारोह में इसके पूर्व प्रचारक राजेन्द्र कुमार ने विश्व संवाद केन्द्र का परिचय दिया। न्यूज टाइम्स नेटवर्क के सम्पादक सौरभ मिश्र ने नारद जयंती के महत्व पर प्रकाश डाला। अतिथियों का आभार कार्यक्रम संयोजक सर्वेश कुमार सिंह ने व्यक्त किया। कार्यक्रम में विश्व संवाद केन्द्र के कोषाध्यक्ष रामनिवास जैन, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रान्त प्रचारक कौशल जी, सह प्रांत प्रचारक रमेश जी, अवध प्रांत के सह प्रचार प्रमुख अरविन्द जी एवं दिवाकर अवस्थी, वरिष्ठ अधिवक्ता उच्च न्यायालय राजेश कटियार, वरिष्ठ पत्रकार नन्दकिशोर श्रीवास्तव, राष्ट्र धर्म प्रकाशन के निदेशक सर्वेश चन्द्र द्विवेदी, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी हरीष चन्द्र श्रीवास्तव, प्रदेश प्रवक्ता शलभमणि त्रिपाठी, लखनऊ विश्वविद्यालय की प्रवक्ता प्रो. अलका मिश्रा, वरिष्ठ पत्रकार राजीव वाजपेयी, दिनेश पाठक, नीरज श्रीवास्तव, श्रीधर अग्निहोत्री, सुशील सहाय कार्यक्रम के सह संयोजक अभिषेक शुक्ला समेत भारी संख्या में पत्रकार उपस्थित थे। संचालन वरिष्ठ पत्रकार राधेश्याम दीक्षित ने किया।

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