सिर्फ 15 दिनों में रेलवे ने बनाया ये रिकाॅर्ड, 2024 तक रखा है यह लक्ष्य
उत्तर मध्य रेलवे ने लोडिंग और उपयोगकर्ताओं की सुविधा के लिये बुनियादी ढांचे में अल्पावधि और दीर्घकालिक सुधार कार्यों हेतु अपने तीन मण्डलों में गुड्स शेडों को चिन्हित किया है।
झाँसी: उत्तर मध्य रेलवे ने लोडिंग और उपयोगकर्ताओं की सुविधा के लिये बुनियादी ढांचे में अल्पावधि और दीर्घकालिक सुधार कार्यों हेतु अपने तीन मण्डलों में गुड्स शेडों को चिन्हित किया है। मिशन मोड में काम करते हुए उत्तर मध्य रेलवे ने मात्र 15 दिनों के रिकॉर्ड समय में चिन्हित किये गये अल्पकालिक सुधार कार्यों को पूरा किया और वर्ष 2024 तक माल लदान को दोगुना करने के उद्देश्य से बड़े सुधार कार्यों पर भी काम कर रहा है।
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तत्कालिक सुधार कार्यों के अंतर्गत लोडिंग वार्फ के मरम्मत और बेहतर सड़क संपर्क, व्यापारियों और मजदूरों के विश्रामालयों की मरम्मत, पेयजल सुविधा का प्रावधान, कवर्ड शेडों और लोडिंग / अनलोडिंग प्लेटफार्मों की मरम्मत, सामान्य साफ-सफाई में सुधार, वनस्पति और अवांछित सामग्रियों को हटाने, गुड्स शेडों एवं अन्य सर्विस बिल्डिंगों की लाइटिंग एवं अन्य विद्युत फिटिंग में सुधार कार्यों के साथ साथ उत्तर मध्य रेलवे के महत्वपूर्ण गुड्स शेडों में बेहतर रोशनी के लिए हाई मास्ट लाइटिंग एवं बेहतर दृश्यता के लिये अन्य फिटिंग सम्बंधित कार्य पूरे कर लिये गये हैं।
इन गुड्स शेडों में किया सुधार
इस पहल के तहत, प्रयागराज मण्डल ने चुनार, मिर्जापुर, प्रयागराज छिवकी / नैनी, कानपुर सेंट्रल, पनकीधाम, इटावा, मैनपुरी, शिकोहाबाद, फिरोजाबाद और अलीगढ़ के गुड्स शेड में सुधार किया है। झाँसी मण्डल ने रायरू, दतिया और भीमसेन गुड्स शेड में सुधार कार्य किये हैं, जबकि आगरा मंडल ने कोसी कलां, मथुरा, कुबेरपुर और यमुना ब्रिज गुड्स शेड में अल्पकालीन सुधार कार्य पूरे किए हैं।
मजदूरों के लिए बनाए गए विश्रामालय
उत्तर मध्य रेलवे द्वारा 17 गुड्स शेड में पूर्ण किए गए कार्यों से न केवल सर्विसेबल लोडिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से इन गुड्स शेडों में लोडिंग करने में सुविधा होगी, बल्कि व्यापारियों और मजदूरों के विश्रामालयों एवं गुड्स शेड के कार्यालयों में बेहतर सुविधाओं की उपलब्धता, हमारे मूल्यवान ग्राहकों के लिए व्यापार करने में सरलता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।
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19-20 की अवधि के 454.25 करोड़ की तुलना में 30.17 करोड़ अधिक कमाए
महाप्रबंधक उत्तर मध्य और उत्तर रेलवे राजीव चौधरी के प्रभावशाली नेतृत्व में, संबंधित प्रमुख मुख्य विभागध्यक्षों और मंडल रेल प्रबंधकों की सतत निगरानी के साथ साथ विभिन्न इनीशियेटिव जैसे बिजनेस डेवलपमेंट यूनिटों की स्थापना, गुड्स शेडों में सुधार आदि कार्यो के परिणमस्वरूप उत्तर मध्य रेलवे पर मालगाड़ियों की लोडिंग और औसत गति में वृद्धी हुई है| कोविड-19 के बावजूद उत्तर मध्य रेलवे ने पिछले वित्तीय वर्ष 2019-20 के 52.2 लाख टन माल लदान की तुलना में वर्तमान वित्तीय वर्ष 2020-2021 की समान अवधि में 29 जुलाई 2020 तक 45.1 लाख टन माल लदान कर लिया है।
माल लदान आय के संदर्भ में उत्तर मध्य रेलवे ने वर्तमान वित्तीय वर्ष 20-21 में 29 जुलाई 2020 तक 484.42 करोड़ रुपये अर्जित किये है, जो कि पिछले वित्तीय वर्ष 19-20 की समान अवधि के 454.25 करोड़ कि तुलना में 30.17 करोड़ अधिक है।
औसत गति की तुलना में 80 प्रतिशत अधिक
वर्तमान में कोविड -19 स्थिति से मुकाबला करते हुये उत्तर मध्य रेलवे ने न केवल पिछले वर्ष के माल लदान के आकड़ों को छूने, बल्कि अगले एक महीने के भीतर इसे पार करने की भी योजना बनाई है। बेहतर परिचालन से उत्तर मध्य रेलवे में फ्रेट ट्रेनों की औसत गति में काफी वृद्धि हुई है और जुलाई -2020 में मालगाड़ियों की औसत गति 47 किमी / घंटा तक की रही तथा वर्तमन वित्तीय वर्ष (अप्रैल से जुलाई-2020) में 43 किमी प्रति घंटे की औसत गति को बनाए रखा है, जो कि पिछले वित्तीय वर्ष की समान अवधि के 23.48 किमी प्रति घंटे की औसत गति की तुलना में 80 प्रतिशत से अधिक है।
रिपोर्ट: बी.के. कुशवाहा
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