इस रमजान होगा कुछ हटकर, मस्जिदों में गूंजेगा 'बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ' का संदेश
पीएम मोदी की 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' योजना से अब मुस्लिम समाज भीं अछूता नजर नहीं आ रहा। कुछ दिनों में शुरू होने जा रहे इबादत तिलावत और खैरात के पवित्र माह रमजान में इस बार मस्जिदों से इस योजना
आगरा: पीएम मोदी की 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' योजना से अब मुस्लिम समाज भीं अछूता नजर नहीं आ रहा। कुछ दिनों में शुरू होने जा रहे इबादत तिलावत और खैरात के पवित्र माह रमजान में इस बार मस्जिदों से इस योजना का संदेश गूंजेगा। फजर से ईशा तक पांच वक्त की नमाज में जहां मुस्लिम लोग अल्लाह की इबादत करेंगे वही मस्जिदों में इमाम खास दुआ के समय अपनी बेटियों को दीनी और दुनियावी तालीम से सवारने का पैगाम देंगे।
ये भी पढ़ें ... यमुना एक्सप्रेस-वे पर बदमाशों ने की परिवार से लूटपाट, 4 महिलाओं से रेप का आरोप
इस रमजान होगा कुछ अलग
- रमजान दस्तक देने को तैयार है। रोजेदारों को चांद के दीदार का इंतजार है।
- उसके बाद रोजो और इबादत का सिलसिला शुरू होगा। इस बार के रमजान में आगरा के मुस्लिम धर्मगुरुओं ने तीन तलाक को काफी पीछे छोड़ कर एक नई लकीर खींच दी है।
- यह इबादत तिलावत खैरात और जकात के दिनों में मस्जिदों से बेटियों के कम हो रहे लिंगानुपात को बढ़ाने और बेटियों को आत्मनिर्भर करने के लिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश शहर की करीब 800 मस्जिदों से देने पर जोर दिया जा रहा है।
- इस पैगाम के तहत सभी से यह गुजारिश की जाएगी कि मुसलमान 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' के तहत खास दुआ करें कि मुसलमानों को अल्लाह पाक इतनी अक्लिएसलिनी अता फरमा दे कि वे अपनी बेटियों को दीनी और दुनियावी तालीम से सवार दें।
- नायब शहर काजी मौलाना उजैर आलम ने बताया कि इस्लामिक तालीमात के तहत इस्लाम में औरतों का एक अलग ही मुकाम है जिस का अंदाजा हम हजरत साहब, मोहम्मद साहब की बेटी और उनकी पत्नी के मुकाम से लगा सकते हैं।
- हजरत मोहम्मद साहब अपनी जिंदगी में कई मसलें उनसे पूछा करते थे। हदीस में भी इस बात का जिक्र है।
- वही एक अन्य मौलाना रियासत अली ने बताया कि दीनी तालीम के साथ-साथ दुनियावी तालीम बेटियों एवं बेटों को दिलाना जरूरी है।
- शहर की हर छोटी बड़ी इबादत गाहों में इबादत का दौर शुरू हो जाएगा। लोग जहां गुनाहों से माफ़ी मांगेंगे वही 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' का संदेश भी दिया जाएगा।