कुंभ: मकर संक्रांति पर 2 करोड़ लोगों ने संगम में लगाई आस्था की डुबकी

प्रयागराज में मंगलवार को कुंभ का पहला शाही स्‍नान आरंभ हो चुका है। शाही स्नान में सबसे पहले अखाड़ों के साधु स्नान करते हैं। सूर्योदय के साथ जूना अखाड़ा, अटल, महानिर्वाणी और आह्वान अखाडों ने शाही स्नान किया। ब्रह्म मूहर्त में ढोल नगाड़ों के नागा साधुओं और संतों की टोली स्नान के लिए निकली।

Update:2019-01-15 08:35 IST

प्रयागराज : प्रयागराज में मंगलवार को कुंभ का पहला शाही स्‍नान आरंभ हो चुका है। शाही स्नान में सबसे पहले अखाड़ों के साधु स्नान करते हैं। सूर्योदय के साथ जूना अखाड़ा, अटल, महानिर्वाणी और आह्वान अखाडों ने शाही स्नान किया। ब्रह्म मूहर्त में ढोल नगाड़ों के नागा साधुओं और संतों की टोली स्नान के लिए निकली। कुंभ क्षेत्र में सूबे की योगी सरकार ने हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा भी की।

इस पर्व पर केंद्रीय मंत्री उमा भारती और स्मृति ईरानी और सांसद साक्षी महराज ने बिना वीवीआइपी प्रोटोकॉल के केवल सिक्योरिटी प्रोटोकॉल के साथ संगम में स्नान किया। मेला प्रशासन ने 2 करोड़ लोगों के स्नान का दावा किया है। जिसमें कल 56 लाख और आज 1करोड़ 30 लाख लोग शामिल हुए हैं।



दिव्य कुंभ का आगाज मंगलवार को मंकर संक्रान्ति के प्रथम शाही स्नान के साथ हो गया। कुंभ क्षेत्र में पहली बार शासन द्वारा स्नानार्थियों एवं साधू संतों का स्वागत पुष्पवर्षा के साथ किया गया। मंगलवार को मकर संक्रान्ति पर भोर में 6:15 बजे से शाही स्नान का आरंभ महानिर्वाणी अखाड़े के पेशवाई संग शाही स्नान के साथ हुआ।

इसी क्रम में अटल अखाड़े के महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर, महंतों ने भी शाही स्नान किया। शाही स्नान का सिलसिला चलता रहा। सुबह जब निर्मोही अखाड़ा, दिगम्बर अखाड़ा व अखिल भारतीय पंच निर्वाणी अखाड़े ने अपने हजारों साधू संतों के साथ पूरी सज धज के साथ पेशवाई निकाल संगम में डुबकी लगाने को निकले से शाही स्नान देखने वालों का हुजूम उमड़ पड़ा। एक तरफ जहां संगम में चिन्हित स्थान पर शाही स्नान का दौर चल रहा था तो वहीं दूसरी ओर संगम पर लाखों की तादाद में श्रद्धालुओं ने भी गंगा, यमुना एवं अदृश्य सरस्वती के पावन संगम में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य लाभ लिया।

हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा रही आकर्षण का केंद्र

कुंभ नगर: कुंभ मेला तो पुरातन संस्कृति का हिस्सा है। लेकिन अब तक हुए कुंभ मेले को 2019 में हो रहे कुंभ का सबसे बड़ा अंतर कुंभ 2019 की दिव्यता और उसकी भव्यता है। जहां मेले में आने वाले लाखों करोंड़ों श्रद्धालुओं एवं साधू संतों का स्वागत करने के लिए शासन द्वारा हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा की गई। हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा देख लोगों में गजब का उत्साह दिखा तो वहीं युवाओं में मोदी और योगी के जयकारों की भी एक झलक दिखाई दी।

भीड़ कन्ट्रोल करने का भी दिखा अनूठा प्रयोग

कुंभ नगर: कुंभ 2019 का आगाज मकर संक्रान्ति से हो गया। जिसमें लगभर 2 करोड़ लोगों के स्नान का शासन ने अनुमान लगाया था जो लगभग डेढ़ करोड़ के आस पास पहुंच रहा है। मेले में आई इस अपार भीड़ को कंट्रोल करने के लिए प्रशासन ने भारी भरकम तैयारियां कर रखी थी। भी को जगह जगह डाइवर्ट कर दिया गया। इसका प्रारम्भ शहर के मुख्य स्थानों से ही शुरू कर दिया गया। बैरहना से मेले की ओर जाने वाले श्रद्धालुओं को आनन्द भवन और सोहबतियाग की तरफ मोड़ दिया गया। जिसका असर रहा की भीड़ को कहीं भी प्रशासन ने इकट्ठा नहीं होने दिया। जिससे चलती हुई अपार भीड़ का स्वागत करते हुए लिए जहां शहरियों ने जगह जगह खिचड़ी बांटने का आयोजन किया तो वहीं भीड़ भी शहर की सड़कों पर समा गई और मकर संक्रांति के शाही स्नान पर्व को जिला प्रशासन एवं मेला प्रशासन ने सकुशल सम्पन्न करा लिया।

हर चौराहे रहे सील, नहीं हो सकती थी कोई चूक

कुंभ नगर: कुंभ मेले की सुरक्षा को लेकर प्रशासन पूरी तरह से चौकन्ना है। शहर के प्रमुख चौराहो और मार्गो से लेकर मेला क्षेत्र तक चप्पे चप्पे पर पुलिस व अर्ध सैनिक बलों का पहरा रहा तो वहीं सुरक्षा की दृष्टि से हेली काप्टरों पर बैठे अधिकारी व जवानों ने भी मेले में अपनी पैनी नजरें जमाए रखी। मेले में जगह जगह तीसरी नजर ने भी अपनी दृष्टि को बखूबी जमाए रखा।

शाही स्नान के दौरान उचक्के ने उड़ाई महंत की चैन

कुंभ नगर: मंगलवार को अखाड़ों का शाही स्नान चल रहा था। दोपहर शाही स्नान के दौरान माधव दास त्यागी भक्त माल बड़ा अखाड़ा के पूर्व अध्यक्ष भी भारी संख्या में अपने शिष्यों संग संगम स्नान को गए थे। संगम स्नान के दौरान घाट पर सक्रिय चोरों ने महंत के गले से दो तोले की सोने की चैन पार कर दिया। जिससे हड़कम्प मच गया कि तभी महंत के कुछ शिष्यों ने संदिग्ध युवक को दबोच लिया और पुलिस को सौंपा जहां पुलिस उससे पूछताछ तो कर रही थी लेकिन किसी को वहो भटकने नहीं दिया। जिससे लोगों को इसकी भनक तक नहीं लग सकी।

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मंगलवार को शाम 4 बजे अखाड़ों का शाही स्नान चलेगा रहेगा। इसके साथ श्रद्धालु भी गंगा और यमुना के संगम घाट पर आस्था की डुबकी लगा रहे हैं।

शाही स्नान के लिए सबसे पहले संगम तट पर अखाड़ा महानिर्वाणी का जुलूस पहुंच चुका है। अखाड़े के देव भगवान कपिल देव तथा नागा संन्यासियों ने अखाड़े की अगुआई की। महानिर्वाणी अखाड़े के बाद श्री पंचायती अटल अखाड़े के संत, आचार्य और महामंडलेश्वर संगम तट पर शाही अंदाज में पहुंचे और तय समय के मुताबिक पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के संतों ने सबसे पहले संगम तट पर डुबकी लगाई।

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शाही स्नान के लिए श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के संतों का आगमन शुरू हो चुका है। तय किए गए समय के अनुसार महानिर्वाणी अखाड़े की शोभायात्रा सुबह 5.15 बजे शुरू हो गई। दूधिया रोशनी में नहाये पीपों के पुल की आभा देखते ही बन रही है।

संगम के वे घाट अन्य श्रद्धालुओं से खाली करा दिए गए थे जहां अखाड़ों के साधु-संन्यासियों को शाही स्नान करना है।

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प्रथम शाही स्नान के लिए महानिर्वाणी अखाड़े के श्री महंत, महंत, आचार्य, रथ, घोड़े, छत्र, चंवर लिए अपनी पूरी भव्यता के साथ संगम की ओर रवाना हुए, तो दिव्य दृश्य नजर आया।

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