रेलवे के हादसों को रोकेगा ट्रालियों में लगा जीपीएस ट्रैकर

 रेलवे में पिछले महीने से ट्रेन हादसों का दौर जारी है। पूर्व रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने हादसों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद से इस्तीफा भी दे दिया है। अब नए रेल मंत्री पीयूष गोयल इन हादसों के कारण जानने में लगे है और कुछ निर्णय भी लिए हैं।

Update:2017-09-23 13:46 IST

लखनऊ: रेलवे में पिछले महीने से ट्रेन हादसों का दौर जारी है। पूर्व रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने हादसों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद से इस्तीफा भी दे दिया था। अब नए रेल मंत्री पीयूष गोयल इन हादसों के कारण जानने में लगे है और कुछ निर्णय भी लिए हैं।

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अभी ताजा मामला लखनऊ के मानकनगर रेलवे स्टेशन का है। जहां मुंबई पुष्पक एक्सप्रेस ट्रेन टूटी पटरी से गुजर गई। राहत की बात यह रही कि यात्रियों को कोई भी नुकसान नहीं पहुंचा है। पुष्पक एक्सप्रेस ट्रेन का इंजन जैसे ही पटरी पार किया वैसे ही पटरी अलग हो गई। लेकिन पूरी की पूरी ट्रेन अलग हुई पटरी से रेंगकर निकल गई।

इसे रेलवे अधिकारी व ट्रेन में सवार यात्री भगवान का आर्शीवाद मान रहे हैं। अब या तो यह महज एक संयोग है या कह सकते हैं कि कुदरती देन। खैर फिलहाल यात्री बच गए।

लेकिन पिछली घटनाओं पर ध्यान दिया जाय तो अधिकांश रेल हादसों की जिम्मेदार यह बाबा आदम के जमाने की पटरियां हैं। रेलवे के नियमानुसार, अधिकांश पटरियों की आयु पूरी हो चुकी है। रेलवे को हादसे की क्षवि से बचना है तो इन पुरानी पटरियों को या तो बदलना होगा या तो उनकी अच्छी तरह से रिपेयरिंग करवानी होगी।

ट्रालियों में जीपीएस ट्रैकर लगाकर पटरियों पर नजर रखने की योजना

पटरियों की जांच में इस्तेमाल होने वाली सभी ट्रालियों में जीपीएस ट्रैकर लगाया जाएगा। इन ट्रालियों में जीपीएस ट्रैकर लगाये जाने के बाद अधिकारियों की सीधी नजर रहेगी। इससे ट्रालियों को चलाने वाले कर्मचारी भी तत्पर रहेंगे। आला अधिकारियों की सीधी नजर होने से कर्मचारी भी बेहतर तरीके से काम करेंगे। जीपीएस ट्रैकर उनकी लोकेशन बताएगा। रेलवे के इस कदम से पटरियों की रखरखाव पर बेहतर ध्यान दिया जा सकेगा।

धकेल चलती हैं ये ट्रालियां

जिन ट्रालियों में रेलवे जीपीएस टै्रेकर लगाने की योजना बना रही है उनको धकेल कर चलाया जाता है। इन ट्रालियों पर तैनात कर्मचारियों का काम पटरियों पर नजर रखना है। इसके अलावा शिकायत मिलने पर तुरंत सही करने की जिम्मेदारी भी है। जीपीएस ट्रैकर लगने से रेल हादसों में कमी आने की संभावना है।

एक महीने में काम पूरा करने की योजना

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने सभी ट्रालियों में जीपीएस ट्रैकर लगाने के लिए करीब एक महीने का समय दिया है। विभागी तैयारी चल रही है।

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