पलियांकला में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है शारदा, राप्ती-घाघरा भी उफान पर
मानसून में मैदानी सहित पहाड़ी इलाकों में झमाझम बारिश जारी है। पहाड़ी इलाकों में हो रही बारिश से प्रदेश की शारदा, राप्ती और घाघरा नदियां उफान पर हैं।
लखनऊ: मानसून में मैदानी सहित पहाड़ी इलाकों में झमाझम बारिश जारी है। पहाड़ी इलाकों में हो रही बारिश से प्रदेश की शारदा, राप्ती और घाघरा नदियां उफान पर हैं। लखीमपुर के पलियांकला में शारदा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
ग्रामीण बाढ़ के खौफ मे हैं। बता दें कि पिछले कई सालों में इस सीजन में शारदा नदी जब उफान पर होती है तो कटान के बाद फसलों पर कहर बरपाती रही है। जबकि हर साल शारदा तटबंध के रख रखाव के नाम करोड़ो रुपए दिए जाते हैं।
दरअसल, शारदा नदी बरसात के मौसम में कटान शुरू कर देती है। यही कारण है कि इसके किनारे बसे गांव अपना स्थायी ठीकाना नहीं बना पाते हैं। हर साल सैकड़ो एकड़ जमीन पर रेत की परत चढ़ जाती है, इसमें कृषि योग्य भूमि भी शामिल है।
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लगातार हो रही तबाही के कारण किसान स्थायी तटबंध की मांग करते रहे हैं। योगी सरकार बनने के बाद राज्य मंत्री बाढ़ नियंत्रण स्वाति सिंह ने अप्रैल के महीने में इसका निरीक्षण किया था। तब यहां के भुजिया इलाके के लोगों ने क्षेत्र में कटान रोकने के लिए स्पर बनाने की मांग की थी।
स्वाति सिंह ने स्पर बनाये जाने का आश्वासन भी दिया था। पर बजट नहीं मिल पाने के कारण बचाव कार्य नहीं कराया जा सका है।
घाघरा नदी गोंडा स्थित एल्गिन ब्रिज पर खतरे के निशान के बराबर पहुंच गई है। राप्ती नदी का जलस्तर भी लगातार बढ़ना जारी है। सिंचाई और जल संसाधन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक घाघरा, राप्ती और शारदा नदियों का जलस्तर बढ़ना जारी है।