सुल्तानपुर: 'गुस्ताखी माफ लेकिन जब से गोरखपुर वाले महंत जी सीएम की कुर्सी पर बैठे हैं लगता है बीजेपी नेता उन्हें सीएम नहीं सैयां मान बैठे हैं तभी तो योगी भय कोतवाल तो अब डर काहे का' गाना गाते हुए ये छुटभैया नेता बलिया से बिजनौर और झाँसी से मुजफ्फरनगर तक बवाल काटे हुए हैं।
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शायद ही कोई हफ्ता ऐसा जाता होगा जब किसी बीजेपी नेता का कहिन कोई कांड न सामने आता हो कुछ ऐसा ही कांड राजधानी लखनऊ के पड़ोसी जिले सुल्तानपुर से सामने आया है। शहर के सुपर मार्केट स्थित नगर पालिका परिषद की खाली पड़ी विवादित जमीन पर बीजेपी नेता ने कूटरचित दस्तावेज़ तैयार कर कानून को धता बताते हुए दुकान का निर्माण आरंभ कर दिया है।
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जानें क्या है पूरा मामला
भाजपा नेता द्वारा बनाई जा रही दुकान के कागजातों की पड़ताल की गई तो मामला सामने आया कि वर्ष 2013 में नगर पालिका प्रशासन द्वारा दुकान आवंटन की साज़िश रची गई थी, जिसके तहत 15 सभासदों ने धरना प्रदर्शन कर दुकान आवंटन का विरोध जताया था। जिसको संज्ञान में लेते हुए तत्कालीन उपजिलाधिकारी सदर एसएन सिंह ने दुकान आवंटन शून्य करते हुए यह आदेश पारित किया था कि नगर पालिका की छवि स्वच्छ रखने के लिए पूर्ण पारदर्शिता हेतु कोई भी कार्यवाही उक्त के संबंध में बोर्ड में चर्चा उपरांत पूर्ण बहुमत से पारित होने के पश्चात पारित किया जायेगा।
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4 साल में किस तरह रची गई दुकान आवंटन की साज़िश
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4 सालों में रणनीति के तहत सुपर मार्किट स्थित विवादित दुकान आवंटन पर पहले नगर पालिका प्रशासन द्वारा बिजली विभाग को 80 हज़ार रुपये देकर ट्रांसफार्मर लगवाया गया। जैसे जैसे नगर में दुकान की कीमतें बढ़ने लगी वैसे पालिका प्रशासन ने ढाई लाख रुपये बिजली विभाग को देकर ट्रांसफार्मर विवादित भूमि के सामने स्थानांतरित करा दिया। तभी से उस खाली ज़मीन पर पालिका प्रशासन की निगाहें गड़ी रही और उत्तर प्रदेश में योगी सरकार बनी तो चेयरमैन व बीजेपी नेता प्रवीण अग्रवाल और पूर्व ईओ ने बैकडेट में उस खाली ज़मीन को कुछ बीजेपी नेताओं के नाम आवंटन कर दिया।
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दुकान बनवाने में जुटे कई भाजपा नेता
मामला सत्ताधारी दल से जुड़ा होने के चलते उपजिलाधिकारी सदर प्रमोद पांडेय जो नियम और कानून के पक्के होने का दावा करते हैं उनकी भी बोलती बंद है एसडीएम साहब को कमिश्नर का आदेश नहीं दिखाई पड़ रहे, जब कि कमिश्नर फैज़ाबाद का आदेश है कोई भी दुकान पालिका द्वारा बिना नीलामी के आवंटन नहीं किया जा सकता है।
क्या कहते हैं उपजिलाधिकारी सदर
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उपजिलाधिकारी सदर प्रमोद पांडेय ने कहा कि मानचित्र पास है, कमिश्नर के आदेश के बारे में जब उनसे बात हुई तो उनका कहना था कि मुझे यह जानकारी नहीं है मैं तत्काल ही ईओ नगर पालिका से पत्रावली मंगवा कर कार्यवाही करता हूँ।
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