पिता ने जीवित लड़की की हत्या का दर्ज कराया था केस, हाईकोर्ट ने रद्द की FIR
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जीवित लड़की की हत्या के आरोप में रामपुर के अजीम नगर थाने में पिता द्वारा दर्ज करायी गयी झूठी एफआईआर रद्द कर दी है।
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लड़की ने कोर्ट में पेश होकर अपने जीवित होने तथा शादीशुदा जिंदगी जीने का बयान दिया। उसके पिता ने भी उसे अपनी बेटी के रूप में पहचान की। बेटी द्वारा घर से भागकर शादी कर लेने से खिन्न पिता शमशाद हुसैन ने हत्या के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करायी थी, बेटी ने कोर्ट से पिता के खिलाफ कानूनी कार्यवाही न करने की गुजारिश की जिस पर कोर्ट ने दर्ज प्राथमिकी रद्द कर दी।
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यह आदेश न्यायमूर्ति बी.के.नारायण तथा न्यायमूर्ति राजीव जोशी की खण्डपीठ ने इमरान व पांच अन्य की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। याची अधिवक्ता गया प्रसाद सिंह व वी.के.पाल का कहना था कि बब्बों ने अपनी मर्जी से याची से शादी की है। दोनों साथ रह रहे है।
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पिता ने उसकी मर्जी के खिलाफ शादी करने पर बेटी की हत्या का आरोप लगाते हुए याचियां के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करा दी। याचिका में प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की गयी थी।