यूपी के इन तीन अध्यादेशों को मिली राज्यपाल राम नाईक की मंजूरी, पढ़ें पूरी खबर
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने राज्य सरकार द्वारा प्रेषित तीन अध्यादेशों (1) उत्तर प्रदेश सहकारी समिति (संशोधन) अध्यादेश 2018, (2) उत्तर प्रदेश नगर पालिका (संशोधन) अध्यादेश 2018 एवं (3) उत्तर प्रदेश नगर निगम (संशोधन) अध्यादेश 2018 को अपनी अनुमति प्रदान कर दी है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने राज्य सरकार द्वारा प्रेषित तीन अध्यादेशों (1) उत्तर प्रदेश सहकारी समिति (संशोधन) अध्यादेश 2018, (2) उत्तर प्रदेश नगर पालिका (संशोधन) अध्यादेश 2018 एवं (3) उत्तर प्रदेश नगर निगम (संशोधन) अध्यादेश 2018 को अपनी अनुमति प्रदान कर दी है।
मौजूदा समय में राज्य विधान मण्डल सत्र में न होने के कारण एवं विषय की तात्कालिकता को देखते हुए राज्यपाल ने मंत्रि परिषद के प्रस्ताव को विधिक परीक्षणोपरान्त अपनी स्वीकृति प्रदान की है।
- ‘उत्तर प्रदेश सहकारी समिति (संशोधन) अध्यादेश 2018’ द्वारा पूर्व में 7 दिसम्बर, 2017 को प्रख्यापित ‘उत्तर प्रदेश सहकारी समिति (संशोधन) अध्यादेश 2017’ के प्राविधानों को जारी रखने के लिए राज्य सरकार द्वारा लाया गया है।
- पूर्व में जारी अध्यादेश के अधिनियमन हेतु राज्य सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश सहकारी समिति (संशोधन) विधेयक 2017 दिनांक 22 दिसम्बर, 2017 को विधान सभा में पारित हुआ था परन्तु विधान परिषद द्वरा इसे प्रवर समिति को सौंप दिया गया था।
- 7 दिसम्बर, 2017 को जारी अध्यादेश के प्रावधान 24 जनवरी, 2018 तक ही लागू रहेंगे तथा वर्तमान में राज्य विधान मण्डल सत्र न होने से विधेयक का अधिनियमन संभव नहीं है, अतः वर्तमान अध्यादेश पर राज्यपाल ने स्वीकृति प्रदान की है।
- उत्तर प्रदेश नगर पालिका (संशोधन) अध्यादेश 2018 द्वारा पूर्व में अधिनियमित उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1916 की धारा 7 की उपधारा (1) के खण्ड (ज) को संशोधित कर उसमें से ‘वध शाला’ शब्द निकाल दिया गया है और धारा 237 एवं 238 को विलुप्त कर दिया गया है।
- उक्त अधिनियम की धारा 237 एवं 238, पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम 1960 तथा खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 द्वारा बनाये गये नियमों पर अभिभावी प्रभाव रखती है।
- उत्तर प्रदेश नगर निगम (संशोधन) अध्यादेश 2018 द्वारा पूर्व में अधिनियमित उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा 114 के खण्ड (21) तथा धारा 422 को संशोधित कर उसमें से ‘वध शाला’ शब्द निकाल दिया गया है तथा धारा 429 एवं 430 को विलुप्त कर दिया गया है।
- उक्त अधिनियम की धारा 429 एवं 430, पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम 1960 तथा खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 द्वारा बनाये गये नियमों पर अभिभावी प्रभाव रखती है।