मनोज द्विवेदी
लखनऊ: केंद्र सरकार तीन तलाक कानून को लेकर संजीदा है और लोकसभा में इसे पास कराने के बाद राजयसभा में पास कराने की कोशिशों में सरकार लगी है। इसी बीच एक ऐसा मामला भी सामने आया है जिसमे पति ने तलाक तो नहीं दिया लेकिन तलाक की धमकी देकर महिला को घर से निकाल दिया। तीन बच्चों के साथ यह महिला पिछले 7 महीनों से न्याय के दर-दर की ठोंकरे खा रही है। महिला ने न्यूज ट्रैक से बातचीत में कहा कि उसे न्याय नहीं मिला तो वह मुख्यमंत्री आवास के सामने अपने बच्चों के साथ आत्महत्या कर लेगी।
मिर्ज़ापुर जिले के इमामबाड़ा क्षेत्र में रहने वाली रूबी खान इन दिनों न्याय की तलाश में राजधानी लखनऊ की गलियों की खाक छान रही हैं। रूबी खान का पति मोहम्मद माजिद सिद्दीकी, युसूफ जूनियर हाईस्कूल में बतौर प्रिंसिपल कार्यरत है।
रूबी मूल रूप से बिहार के सिवान जिले की रहने वाली है। 11 वर्ष पूर्व उनका निकाह माजिद से हुआ। शुरू में तो सब कुछ ठीक ठाक चलता रहा। लेकिन बाद में माजिद ने रूबी को परेशान करना शुरू कर दिया। इस दौरान रूबी कई बार अवसाद ग्रस्त रही और परिवार वालों ने उसका इलाज भी कराया।
रूबी ने बताया कि करीब 7 महीने पहले उसके पति ने तलाक की धमकी देकर उसे घर से निकाल दिया। जिसकी शिकायत उसने स्थानीय पुलिस अधीक्षक और बेसिक शिक्षा अधिकारी से भी की। लेकिन हर जगह से न्याय की जगह सिर्फ आश्वासन ही मिला। इन दिनों रूबी राजधानी लखनऊ में हैं और उन्होंने मंगलवार को एसीएम प्रथम से अपनी पीड़ा बताई। साथ ही यह भी कहा की न्याय नहीं मिला तो सीएम आवास के सामने अपने बच्चों के साथ आत्महत्या करने को मजबूर हो जाएंगी।
बच्चों का भविष्य अधर में
रूबी ने न्यूज ट्रैक से अपना दर्द साझा करते हुए कहा कि सरकार तीन तलाक के खिलाफ कानून तो ला रही है जो स्वागत योग्य है। लेकिन हम जैसी मुस्लिम महिलाओं के बारे में भी सोचना चाहिए, जिन्हे बिना तलाक के ही घर से बेघर कर दिया जाता है। उन्होंने अपील कि है उसके पति पर कार्रवाई हो और उसे तथा बच्चों के भरण पोषण के लिए गुजारे भत्ते की व्यवस्था पति से कराई जाये। अन्यथा उसके पास आत्महत्या के सिवाय कोई और चारा नहीं होगा।