3 तलाक पर सुप्रीम फैसला: मुस्लिमों के साथ हिंदू महिलाओं ने भी मनाया जश्न

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (22 अगस्त) को ऐतिहासिक फैसला देते हुए मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से आजादी दे दी।

Update:2017-08-22 11:58 IST

लखनऊ : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (22 अगस्त) को ऐतिहासिक फैसला देते हुए मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से आजादी दे दी। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद जहां एक तरफ मुस्लिम महिलाओं ने जश्न मनाया। वहीं हिंदू महिलाओं ने कोर्ट के इस सुप्रीम फैसले का स्वागत किया।

मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अंबर ने मिठाई बांटकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जश्न मनाया। उन्होंने इस फैसले को ऐतिहासिक फैसला बताया और कहा कि इससे महिलाओं को तलाक से आजादी मिलेगी। उन्होंने कहा अब तलाक कुरान के कानून तहत होगा।

कानपुर में महिला शहर काजी हिना जहीर ने तीन तलाक के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से मुस्लिम महिलाओं में ख़ुशी की लहर दौड़ गई है। इस समाज में कई पुरुषो ने महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान तलाक दिया है। जिससे बच्चों की आइडेंटिटी में प्रश्न चिन्ह तक लग चुका है। आज सभी मुस्लिम महिलाएं खुद को आजाद महसूस कर रही हैं। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से पूरे देश में ख़ुशी का माहौल है और हम सभी इस फैसले का बड़ी सिद्दत से स्वागत करते हैं।

वहीं भारतीय लोक गायक मालिनी अवस्थी ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद कहा कि औरतों के हक़ में निर्णय देने के लिए शुक्रिया। ज़िंदाबाद सुप्रीम कोर्ट।







केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण मंत्री मेनका गांधी ने क्या कहा

सुप्रीम कोर्ट का फैसला अच्छा कदम है। बहुत सालों से औरतें पीड़ित थीं। उन्होंने कहा कि कोई भी नहीं चाहेगा कि उनके आधे लोग पीड़ित हो। कोई भी धर्म और सामाजिक सिस्टम नहीं चाहेगा कि उनकी आधे लोग पीड़ित हो।

मेनका गांधी ने कहा कि सरकार इस पर जरूर कानून बनाएगी। जल्द कानून में बनाने में कोई दिक्कत नहीं होगी. संविधान में सभी के लिए समान अधिकार हैं।

केंद्रीय मंत्री बोलीं कि यह छोटा कदम है लेकिन एक अच्छा कदम, हम लोगों को बहुत दूर जाना है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने महिलाओं के हित के लिए बड़े कदम उठाएं, उनका हित चाहा है महिलाओं का। कुछ लोगों के विरोध पर मेनका गांधी का कहना है कि परंपराए जो है पत्थर की लकीर तो नहीं है। जैसे-जैसे जमाना बदलता है, वैसे-वैसे सब को बदलना पड़ेगा।

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लखनऊ से मुस्लिम महिलाओं का रिएक्शन

-अनवर फातिमा

-शिवन किदज़मी रिज़वी

-सुमाना बानो

इन सभी लोगों का कहना है कि तीन तलाक को लेकर हम महिलाओं की बहुत पुरानी लड़ाई हैं। सुप्रीम कोर्ट से बड़ी उम्मीद थी और आज कोर्ट ने जो फैसला सुनाया है वह हम लोगों के लिए एक बहुत बड़ी उम्मीद है और यह पहला पायदान है। इसी तरीके से सरकार से भी उम्मीद है कि वह तीन तलाक पर एक ऐसा कानून बनाएगी जिससे महिलाओं को उनका हक़ मिलेगा। अभी तक जिस तरीके से मर्द महिलाओं को पैर की जूती समझते रहे हैं। तीन बार तलाक तलाक करके महिलाओं को घर से बेघर कर देते थे तो अब सुप्रीम कोर्ट ने एक बहुत बड़ी राहत दी है और अब महिलाएं अपने शौहर के घर अपने पैरों पर मजबूती से खड़ी रहेंगी।

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