मंदिर में एक महीने से काम कर रहे मुस्लिम युवक, इनके लिए जो राम है... वही रहीम है
मुजफ्फरनगर : अयोध्या में राम मंदिर और बाबरी मस्जिद को लेकर भले ही बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक आमने-सामने हों। लेकिन मुजफ्फरनगर के बालाजी धाम मंदिर में पिछले एक महीने से मंदिर की साफ़ सफाई और पेंटिंग का काम कर रहे मुस्लिम युवकों को मंदिर, मस्जिद से कोई लेना-देना नहीं है। मंदिर के पुजारी कहते हैं कि यहाँ कोई भेदभाव नहीं है, मंदिर सभी के लिए खुला हुआ है।
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मंदिर में पिछले एक महीने से बालाजी जन्मोत्सव की तैयारी चल रही है जिसमें मुस्लिम युवक सफाई और पेंटिंग का काम कर रहे हैं। इन सभी का कहना है कि कोई धर्म और समाज खाने को नहीं देता, काम करेंगे तो पेट भरेगा। हमें किसी धर्म और समाज की परवाह नहीं है, हम मजदूर हैं जहाँ काम मिलेगा वहीँ करेंगे।
इनके लिए सभी धर्मंस्थल एक समान हैं। मंदिर में काम कर रहे मुस्कीम ने बताया हम यहाँ एक महीने से काम कर रहे हैं हमें यहीं खाना मिलता है। हमें किसी धर्म और समाज की परवाह नहीं है। मंदिर के पुजारी दिवाकर शास्त्री कहते हैं, बड़ा अच्छा लगता है की बालाजी धाम में मुस्लिम युवक काम कर रहे है।
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