आर्थिक आजादी की जंग को तैयार रंहे व्यापारी: लोकेश अग्रवाल
इस अवसर पर उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल उत्तर प्रदेश पंजीकृत के अध्यक्ष लोकेश अग्रवाल ने व्यापारियों से एक जुट होकर बहुराष्ट्रीय कंपनियों व शापिंग माल के खिलाफ आर्थिक आजादी की नई जंग छेड़ने का आहवान किया।;
लखनऊ: बहुराष्ट्रीय कंपनियों व सरकारी काले कानूनों के विरोध में आर्थिक आजादी की नई जंग लड़ने का आह्वान के साथ उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल उत्तर प्रदेश (पंजीकृत) की लखनऊ यूनिट का गठन किया गया। जिसमें धर्मेन्द्र गुप्ता को अध्यक्ष, ज्ञान सिंह व उमेश पाटिल को वरिष्ठ महामंत्री तथा मनोज अग्रवाल को कोषाध्यक्ष सहित 21 पदाधिकारियों की घोषणा की गई।
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बाजार में आज जो मंदी दिखाई दे रही है
इस अवसर पर उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल उत्तर प्रदेश पंजीकृत के अध्यक्ष लोकेश अग्रवाल ने व्यापारियों से एक जुट होकर बहुराष्ट्रीय कंपनियों व शापिंग माल के खिलाफ आर्थिक आजादी की नई जंग छेड़ने का आहवान किया। उन्होंने कहा कि बाजार में आज जो मंदी दिखाई दे रही है उसका मूल कारण सरकार द्वारा बहुराष्ट्रीय कंपनियों व शापिंग माल के लिए रेड कारपपेट बिछाकर उनको सुविधाएं देना और स्थानीय व्यापारियों को लाइसेंसीकरण की आड में उत्पीड़न करना है।
मल्टीनेशनल कंपनियों के शापिंग माल साल के 365 दिन 24 घंटे खुल सकते हैं
आज लखनऊ के फैजाबाद रोड स्थित बंधन पैलेस में आयोजित व्यापारियों की बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष श्री अग्रवाल ने कहा कि मल्टीनेशनल कंपनियों के शापिंग माल साल के 365 दिन 24 घंटे खुल सकते हैं। व्यापारी की दुकान साप्ताहिक बंदी व सार्वजनिक अवकाश पर साल में करीब 70 दिन बन्द रखने का प्रावधान और ऐसा न करने पर भारी सजा व जुर्माने का प्रावधान है। अग्रवाल ने कहा कि एक देश एक विधान केवल भाषणों का विषय नहीं होना चाहिए। यदि साप्ताहिक छुट्टी छोटे व्यापारियों के लिए अनिवार्य है तो शापिंग माल्स के लिए इस नियम में छूट क्यों।
पोलिथिन प्रतिबंध का आदेश केवल छोटे दुकानदारों के लिए है
उन्होने कहा कि पोलिथिन प्रतिबंध का आदेश केवल छोटे दुकानदारों के लिए है बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के सभी सामान पोलोथीन पैकिंग में उपलब्ध हैं। पोलेथीन पाबंदी कानून की आड़ में अधिकारी बाजारों में जाकर पैकिंग की पोलोथीन जिन पर कोई पाबंदी नहीं है को भी प्रतिबन्धित पोलोथीन बताकर चालान कर रहे हैं। बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के लिए इस आदेश के कोई मायने नहीं है, न हीं वहां किसी अधिकारी की जाने और चालान करने की हिम्मत है। ऐसा दोहरा कानून देश में नहीं चलेगा।
फूड एक्ट में शमन की व्यवस्था लागू किए जाने की मांग की
फूड एक्ट की खामियों की चर्चा करते हुए अग्रवाल ने कहा कि खाद्य वस्तुओं का कारोबार करने वाले व्यापारी आए दिन फूड एक्ट के अधिकारियों के शोषण का शिकार होते रहते हैं। केंद्र सरकार ने एफ.एस.एस.आई. यानी फूड सेफ्टी एक्ट व्यापारियों को सही मार्गदर्शन करने और जनता के स्वास्थ्य हितों को ध्यान में रखकर बनाया था, किंतु इसमें कार्यरत अधिकारी इस ऐक्ट का दुरुपयोग कर व्यापारियों का शोषण करने में जुटे हैं। उन्होने फूड एक्ट में शमन की व्यवस्था लागू किए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि इसके ना होने से सारे मामले अदालत में भेजे जा रहे हैं जिसके कारण छोटे व मंझोले व्यापारियों का उत्पीड़न होता है।
पैकिंग के सामान में सामान पैक करने वाली कम्पनी दोषी है
पैकिंग के सामान का सैम्पिल फेल आने पर रिटेल के व्यापारी के विरूद्ध मुकदमा चलाया जाता है, जबकि पैकिंग के सामान में सामान पैक करने वाली कम्पनी दोषी है, इसमें व्यापारी का कोई दोष नहीं मैगी जैसे अनेक मामलों का उदाहरण देते हुए अग्रवाल ने पैकिंग के सामान की सैम्पलिंग में रिटेल के व्यापारी को दोषी न मानकर आवश्यकता पड़ने पर गवाह बनाया जा सकता है।
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बैठक मे वरिष्ठ उपाध्यक्ष मनीष अग्निहोत्री कमल अग्रवाल, विनय पटेल, डॉ. पुष्कर सिंह, अभय श्रीवास्तव, राजेश सक्सेना, महामंत्री अभिषेक गुप्ता व प्रियम श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष अरशद सफीपूरी, आशीष बंसल, शेखर श्रीवास्तव, प्रमोद बंसल व सुनील गुप्ता अभिषेक गुप्ता, अनिल सिंह, प्रवक्ता सौरभ अरोरा आदि अन्य व्यापारी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
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