नैनीताल। उत्तराखंड हाई कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए राज्यभर के जेलों की दुर्दशा और कैदियों की स्थिति के बारे में त्रिवेंद्र सरकार से जवाब तलब किया है। इसके लिए राज्य सरकार को दो जनवरी तक का समय भी दिया गया है। साथ ही, कोर्ट ने सरकार से सुप्रीम कोर्ट की तय गाइड लाइन के आधार पर उपलब्ध कराई गई व्यवस्थाओं का ब्योरा देने को कहा है।
बताते चलें, कोर्ट ने यह मामला संज्ञान लेकर जनहित याचिका में बदल दिया है। इसमें कैदियों की बुरी दशा, अभिरक्षा में अप्राकृतिक मौत, जेल में स्टाफ कम होना, प्रशिक्षित स्टाफ का न होना आदि का उल्लेख है। इस मामले में कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के बिंदुओं का हवाला भी दिया है।
इसमें शीर्ष अदालत ने देशभर के हाईकोर्ट्स से जनहित याचिका के तौर पर स्वीकार कर न्याय करने की अपेक्षा की थीं।न्यायमूर्ति वीके बिष्ट एवं न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की संयुक्त खंडपीठ ने इस मामले में सरकार से जवाब तलब किया है। कोर्ट ने सरकार से जेलों की स्थिति सुधारने के लिए उठाए गए कदम का पूरा विवरण स्पष्ट करने को कहा है।