देहरादून। कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने उत्तराखंड से पलायन को रोकने के लिए नए उपाय बताये हैं। उनका कहना है कि प्रदेश में ठेका, पट्टा और सहकारी खेती को बढ़ावा देकर ही पलायन रोका जा सकता है। उनियाल ने कहा कि राज्य को स्वरोजगार की दिशा में स्वावलंबी बनाने की दिशा में और पहाड़ों से पलायन रोकने की दिशा में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत गंभीरता से निर्णय ले रहे हैं।
इसी के तहत कॉन्टैक्ट फार्मिंग, लीज फार्मिंग और कॉपरेटिव फार्मिंग के लिए योजनाएं मंजूर कर दी गई हैं। इन योजनाओं के तहत खेती-किसानी के काम को छोड़ने वाले किसानों को दोबारा से गावों की ओर आकर्षित करने के लिए सरकार ने 85 लाख रुपए प्रत्येक गांव व 15 लाख रुपए का रिवॉल्विंग फंड बनाकर कृषि के विकास के लिए क्लस्टर आधारित व बजट प्राविधान किया है।
वर्तमान में कार्यरत 550 क्लस्टरों की संख्या बढ़ाकर तीन हजार की जा चुकी है और केंद्र से पहले केवल 47 करोड़ रुपये का बजट इस मद में आता था लेकिन अब उसे बढ़ाकर 84 करोड़ रुपये कर दिया गया है। कृषि व बागवानी को विकसित करने के लिये लगभग सात हजार करोड़ रुपये की योजनायें चलाई जा रही हैं। उत्तराखंड को ऑर्गेनिक स्टेट का दर्जा देने के लिए इस ओर तेजी से काम चल रहा है।