उत्तराखंड के तीन शहरों में प्लास्टिक पर बैन, जानें कहां
उत्तराखंड में रोक के बावजूद सरकार द्वारा प्लास्टिक के कचरे के निस्तारण की कोई ठोस योजना न बनाए जाने के कारण राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी
देहरादून: उत्तराखंड में रोक के बावजूद सरकार द्वारा प्लास्टिक के कचरे के निस्तारण की कोई ठोस योजना न बनाए जाने के कारण राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने गंगा नदी के किनारे स्थित हरिद्वार, ऋषिकेश और उत्तरकाशी जैसे शहरों में कैरी बैग, प्लेट और कटलरी जैसी प्लास्टिक से बनी चीजों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया।
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एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने उत्तरकाशी से हरिद्वार तक इस तरह की चीजों की बिक्री, विनिर्माण और भंडारण पर भी रोक लगा दी है। हरित अधिकरण ने कहा कि आदेश का उल्लंघन करने वालों पर 50 हजार रपए का जुर्माना लगेगा और गलती करने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
- एनजीटी ने यह उल्लेख करने के बाद आदेश पारित किया कि इसके पूर्व के आदेश के बावजूद इन क्षेत्रों में प्लास्टिक की थैलियों का इस्तेमाल किया जा रहा है जिससे गंगा नदी में प्रदूषण हो रहा है।
- हरित इकाई पर्यावरणविद एमसी मेहता की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
- गौरतलब है प्राधिकरण के पूर्व में पारित आदेश को किसी ने भी गंभीरता से नहीं लिया इसके अलावा श्रद्धालुओं द्वारा पूजन सामग्री के इस्तेमाल के बाद प्लास्टिक गंगा में ही बहाया जा रहा था। जिसे पर्यावरण प्रभावित हो रहा था और नदी के जीवन पर भी प्रभाव पड़ रहा था।