Sunderlal Bahuguna: कोरोना से हारे प्रसिद्ध पर्यावरणविद, ऋषिकेश एम्स में ली अंतिम सांस
Sunderlal Bahuguna: एम्स प्रशासन का कहना है कि चिपको आंदोलन के नेता सुंदरलाल बहुगुणा का आज कोरोन से निधन हो गया है।
Sundarlal Bahuguna: प्रसिद्ध पर्यावरणविद सुंदरलाल बहुगुणा (Sundarlal Bahuguna) का आज कोरोना (Coronavirus) से निधन हो गया है। कोरोना संक्रमित होने के कारण ऋषिकेश के एम्स भर्ती कराया गया था। उनकी मृत्यु की जानकारी ऋषिकेश एम्स (AIIMS) के अधिकारी द्वारा दी गई है।
एम्स ऋषिकेश प्रशासन का कहना है कि चिपको आंदोलन के नेता सुंदरलाल बहुगुणा का आज एम्स ऋषिकेश में कोरोन से निधन हो गया है। बता दें कि सुंदरलाल बहुगुणा के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत (Tirath Singh Rawat) ने शोक व्यक्त किया है।
पीएम मोदी ने व्यक्त किया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi)ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के माध्यम से सुंदरलाल बहुगुणा के निधन पर दुख जाहिर किया है। उन्होंने कहा है, " सुंदरलाल बहुगुणा का निधन हमारे देश के लिए एक बड़ी क्षति है। उन्होंने प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाए रखने के लिए हमारे सदियों पुराने जातीय संस्कार को प्रकट किया है। उनकी सादगी और करुणा की भावना को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। मेरे विचार उनके परिवार और कई प्रशंसकों के साथ हैं। शांति।"
सीएम तीरथ सिंह रावत ने भी जताया दुख
वहीं सुंदरलाल बहुगुणा के निधन पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने भी शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है, "चिपको आंदोलन के प्रणेता, विश्व में वृक्षमित्र के नाम से प्रसिद्ध महान पर्यावरणविद् पद्म विभूषण सुंदरलाल बहुगुणा के निधन का अत्यंत पीड़ादायक समाचार मिला। यह खबर सुनकर मन बेहद व्यथित हैं। यह सिर्फ उत्तराखंड के लिए नहीं बल्कि संपूर्ण देश के लिए अपूरणीय क्षति है।" उन्होंने कहा कि "पहाड़ों में जल, जंगल और जमीन के मसलों को अपनी प्राथमिकता में रखने वाले और रियासतों में जनता को उनका हक दिलाने वाले बहुगुणा के प्रयास सदैव याद रखे जाएंगे।"
कई बड़े पुरस्कारों से नवाजे जा चुके हैं सुंदरलाल बहुगुणा
सुंदरलाल बहुगुणा के जीवन पर प्रकाश डालते हुए सीएम तीरथ सिंह रावत ने कहा, "पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में दिए गए महत्वपूर्ण योगदान के लिए उन्हें 1986 में जमनालाल बजाज पुरस्कार और 2009 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। पर्यावरण संरक्षण के मैदान में सुंदरलाल बहुगुणा के कार्यों को इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। मैं ईश्वर से दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करने और शोकाकुल परिजनों को धैर्य व दुःख सहने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं।"
सुंदरलाल बहुगुणा का निधन देश के लिए एक अपूरणीय क्षति- अखिलेश यादव
पर्यावरणविद सुंदरलाल बहुगुणा के निधन पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने शोक व्यक्त करते हुए कहा है, " चिपको आंदोलन के प्रणेता, पर्यावरण संरक्षण के अग्रदूत एवं मशहूर पर्यावरणविद सुंदरलाल बहुगुणा का निधन देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। ईश्वर पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें। शोकाकुल परिजनों के प्रति मेरी संवेदना है। "
सुंदरलाल बहुगुणा का जन्म 9 जनवरी 1927 में उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल में हुआ था। वे कई सालों से हिमालय के जंगलों के संरक्षण के लड़ाई लड़ रहे थे। कहा जाता है कि जंगलों को बचाने के लिए उनकी पत्नी ने 'चिपको आंदोलन' करने का उपाय बताया था। 1970 में वे चिपको आंदोलन के सदस्य चुने गए। इसके बाद 1980 में उन्होंने टिहरी बांध का विरोधी आंदोलन का अगुवाई की। पर्यावरण को बचाने के लिए सुंदरलाल बहुगुणा का यह योगदान हर किसी को स्मरण रहेगा।