Coronavirus: कोरोना बंदिशों की वजह से दबे वायरस अब उठाने लगे सिर, फैल रहे नए तरह के प्रकोप

Coronavirus: पिछली दो सर्दियों में पश्चिमी देशों में इन्फ्लूएंजा (Influenza) का प्रकोप सबसे निम्न स्तर पर रहा। लेकिन पिछले कुछ हफ्तों में फ्लू का अजीब प्रकोप देखने को मिला है।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2022-05-30 18:09 IST

वायरस (कॉन्सेप्ट फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Covid-19 Restrictions: कोरोना वायरस महामारी (Corona Virus Mahamari) फैलने पर दुनिया भर में अन्य संक्रामक रोग दब से गए थे। इसकी वजह संक्रमण से बचने के लिए लागू किये गए सख्त प्रतिबंध (Corona Restrictions) थे। लेकिन जैसे जैसे बंदिशों और उपायों को खत्म किया गया है, अन्य वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण अप्रत्याशित तरीके से व्यवहार कर रहे हैं।

- पिछली दो सर्दियों में पश्चिमी देशों में इन्फ्लूएंजा (Influenza) का प्रकोप सबसे निम्न स्तर पर रहा। लेकिन पिछले कुछ हफ्तों में फ्लू का अजीब प्रकोप देखने को मिला है। मई के महीने में फ्लू के मरीज अस्पताल में भर्ती हुए हैं।

- एडेनोवायरस टाइप 41, जिसे पहले गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल बीमारी (Gastrointestinal Disease) के काफी अहानिकर स्थिति का कारण माना जाता था, अब स्वस्थ छोटे बच्चों में गंभीर हेपेटाइटिस उत्पन्न कर रहा है।

- रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस, या आरएसवी, जो आमतौर पर सर्दियों में बीमारी का कारण बनता है, ने पिछली गर्मियों में अमेरिका और यूरोप में बच्चों में व्यापक प्रकोप दिखाया है।

- मंकीपॉक्स वायरस (Monkeypox Virus) जो आम तौर पर केवल पश्चिम और मध्य अफ्रीका में पाया जाता है, अब यूरोप, उत्तरी अमेरिका, मध्य पूर्व और ऑस्ट्रेलिया में एक दर्जन से अधिक देशों में अभूतपूर्व प्रकोप पैदा कर रहा है।

- केरल में मच्छर जनित वेस्ट नील वायरस से एक मौत हुई है। भारत में इस वायरस की मौजूदगी एक गंभीर बात है।

बड़ी लहरें आने की संभावना

एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये वायरस पहले से अलग नहीं हैं, लेकिन हम अलग हैं। कोरोना प्रतिबंधों के कारण हमारी प्रतिरक्षा (Immunity) कम हुई है। हममें से अधिकांश लोग अभी भी असुरक्षित हैं। ऐसे में बीमारी की बड़ी लहरें आ सकती हैं, क्योंकि हमें नहीं पता है कि कौन सा वायरस ट्रिगर हो गया है। रोग ऐसे समय या स्थानों पर फैल सकते हैं जब वे सामान्य रूप से नहीं होते।

इंपीरियल कॉलेज, लंदन में बाल रोग प्रतिरक्षा विज्ञान के प्रोफेसर पेट्टर ब्रोडिन ने कहा है कि हम सामान्य स्थितियों से अलग होते जा रहे हैं। जरूरी नहीं कि वास्तव में ये गंभीर हो। नीदरलैंड के रॉटरडैम में इरास्मस मेडिकल सेंटर में वायरोसाइंस विभाग के प्रमुख मैरियन कोपमैन्स का मानना ​​​​है कि हम एक ऐसे दौर का सामना कर रहे हैं, जब यह जानना मुश्किल होगा कि जिन बीमारियों को हमने समझा था, उनसे क्या उम्मीद की जाए।

महामारी के दौरान आया गहरा बदलाव

संक्रमण के सामान्य पैटर्न में बदलाव, विशेष रूप से उन बीमारियों के लिए स्पष्ट किया जा सकता है जहां बच्चे विषाणुओं के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। छोटे बच्चे आमतौर पर जर्म मैग्नेट और जर्म एम्पलीफायर होते हैं। लेकिन महामारी के दौरान उनके जीवन में गहरा बदलाव आया है। वे लंबे समय तक घरों में बन्द रहे । कई लोगों का अपने घरों के बाहर के लोगों से बहुत कम संपर्क था, और जब उनका सामना दूसरों से हुआ, तो वे लोग मास्क पहने हुए थे। लोगों के बीच सामान्य मेलमिलाप या मिक्सिंग में महामारी में बड़ा व्यवधान आया जिसका असर बच्चों के साथ साथ व्यस्कों पर भी पड़ा है। वयस्क भी एंटीबॉडी के उस स्तर को उत्पन्न नहीं कर रहे हैं जो आम तौर पर नियमित जोखिम के माध्यम से प्राप्त किए जाते हैं जो हमें वायरस के प्रति मजबूत बनाते हैं।

रोग नियंत्रण और रोकथाम (सीडीसी) में वायरल रोगों के उप निदेशक थॉमस क्लार्क ने कहा है कि अब डर है कि टीके से रोकथाम योग्य बीमारियों का प्रकोप हो सकता है क्योंकि दुनिया भर में कई बच्चे महामारी के दौरान टीकाकरण से वंचित रह गए हैं। क्लार्क ने कहा कि हम कुछ बीमारियों की गंभीरता में अंतर देख सकते हैं, क्योंकि छोटे बच्चे जो महामारी के शुरुआती चरणों के दौरान वायरस से बच गए थे, वे अब बड़े होने पर उन्हें पकड़ सकते हैं। कुछ बीमारियां अधिक गंभीर लक्षण पैदा करती हैं यदि वे किसी के बड़े होने पर हो जाती हैं। इसका एक उदाहरण चिकेनपॉक्स है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) में स्वास्थ्य आपात स्थिति कार्यक्रम की सलाह देने वाली एक विशेषज्ञ समिति के अध्यक्ष डेविड हेमैन ने कहा कि महामारी नियंत्रण उपायों को उठाने से यूरोप, उत्तरी अमेरिका और उससे आगे के मौजूदा प्रकोप में मंकीपॉक्स के प्रसार को बढ़ावा देने में मदद मिली है।

दो साल तक सीमित यात्रा, सामाजिक दूरी और सार्वजनिक समारोहों में प्रतिबंध के बाद, लोग कोरोना नियंत्रण उपायों से बाहर आ चुके हैं और महामारी से पहले के जीवन में वापसी कर रहे हैं। ऐसे में लोगों के बीच वायरस का संचरण होने लगा है। ऐसे में अब आगे कौन से वायरस क्या स्वरूप दिखाएंगे इस बारे में फिलहाल कुछ कहा नहीं जा सकता है।

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