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आज है गोपाष्टमी, ब्राह्मणों को नहीं, ग्वालों को करें दान, मिलेगा गौमाता का आशीर्वाद

कार्तिक के शुक्ल पक्ष अष्टमी को गोपाष्टमी कहते हैं। इस दिन बछड़े सहित गो माता की पूजा का विधान हैं।  इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने गौ चराने की शुरुआत की।आज के दिन गाय को स्पर्श से लाभ मिलता है।

suman
Published on: 4 Nov 2019 2:29 AM GMT
आज है गोपाष्टमी, ब्राह्मणों को नहीं, ग्वालों को करें दान, मिलेगा गौमाता का आशीर्वाद
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जयपुर:कार्तिक के शुक्ल पक्ष अष्टमी को गोपाष्टमी कहते हैं। इस दिन बछड़े सहित गो माता की पूजा का विधान हैं। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने गौ चराने की शुरुआत की।आज के दिन गाय को स्पर्श से लाभ मिलता है।

देवराज इंद्र ने मानी हार

गोपाष्टमी गोवर्धन पूजा के सातवें दिन मनाया जाता है। जब भगवान कृष्ण ने बारिश से रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत उठाया तो उसके बाद आज दिन ही के देवराज इंद्र ने हार मानी थी। और फिर भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी अंगुली से उतारकर नीचे रखा था। गायों की रक्षा करने के कारण भगवान श्रीकृष्ण का नाम गोविन्द पड़ा। गोवर्धन पर्वत धारण करने के बाद कामधेनु ने भगवान श्रीकृष्ण का अभिषेक किया।

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मान्यताएं

इस दिन गाय को स्नान कराने, गौ-ग्रास देने और उनके साथ कुछ दूर तक साथ में जाने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। सौभाग्य वृद्धि होती है। इस दिन गायों को नहलाकर उनका श्रृंगार किया जाता है।हल्दी रोली से पूजन कर उन्हें भोजन कराया जाता है। इस दिन गोमाता के नीचे से निकलने वालों को बड़ा पुण्य मिलता है।

गाय की देह में समस्त देवी-देवताओं का वास माना जाता है। जो मनुष्य प्रात: स्नान कर गाय स्पर्श करता है, वह पापों से मुक्त हो जाता है। गायों का समूह जहां बैठकर आराम से सांस लेता है, उस स्थान से समस्त पाप नष्ट होते हैं। हवन-यज्ञ से जो पुण्य मिलता है, वही पुण्य गाय को चारा खिलाने से प्राप्त होता है। जिस घर में भोजन से पूर्व गो-ग्रास निकाला जाता है, उस परिवार में अन्न-धन की कभी कमी नहीं होती है।

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किस्मत खुलती है

गोपाष्टमी के दिन ग्वालों को दान करना चाहिए। गाय को हरा चारा एवं गुड़ खिलाना चाहिए। कहते हैं गो माता जिस जगह खड़ी रहकर आनंदपूर्वक चैन की सांस लेती है, उस जगह से सारे वास्तु दोष दूर हो जाते हैं। काली गाय की पूजा करने से नौ ग्रहों की पीड़ा शांत होती है। गौ माता की पूंछ में हनुमानजी का वास है। गो माता चौदह रत्नों में एक हैं। मान्यता है कि गाय अगर अपने जीभ से हथेली पर रखे गुड़ को चाटती है तो किस्मत खुल सकती है। गाय के पैरों में लगी मिट्टी का तिलक करने से तीर्थ का पुण्य प्राप्त होता है।

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