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India Pakistan War Prediction: क्या होगा अगला कदम? भारत-पाक युद्ध को लेकर ग्रहों की चेतावनी, जानिए मौजूदा तनाव पर ज्योतिषीय भविष्यवाणी
Bharat Pakistan Yudh Ki Bhavishyavani: पाकिस्तान की कुंडली में भारी संकट, युद्ध कब तक चलेगा?, जानिए भारत-पाक तनाव पर ज्योतिषीय भविष्यवाणी
India Pakistan War Prediction
India Pak War Prediction: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव ने देश के जनमानस को चिंता में डाल दिया है। पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले और उसके बाद भारतीय सेना द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के चलते दोनों देशों के बीच अघोषित युद्ध की स्थिति बन चुकी है। लग्नेश शुक्र, जो कि भारत का प्रतिनिधित्व कर रहा है, उच्च राशि मीन में छठे भाव में स्थित है। छठा भाव शत्रु, युद्ध और टकराव का सूचक है। यही नहीं, शुक्र के साथ बुध, शनि और राहु की युति भारत की रणनीति गुप्त, संयमित लेकिन घातक है।
भारत-पाक कुंडली
पाकिस्तान की कुंडली में केतु लग्न में है और सातवें घर में बुध नीच का होकर बैठा है। अभी शनि और राहु का गोचर भी वहीं चल रहा है, जो बताता है कि पाकिस्तान को आने वाले समय में बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।भारत की कुंडली की बात करें तो इस समय चंद्रमा की महादशा में सूर्य की अंतर्दशा चल रही है। चंद्रमा पराक्रम (तृतीय भाव) का स्वामी है और सूर्य चतुर्थ भाव (देश, जनता, भावनाएं) के स्वामी होकर उच्च स्थान पर गोचर कर रहे हैं। इसका मतलब है कि भारत में नेतृत्व मज़बूत रहेगा और देश उन्नति करेगा।
इस बार हिंदू नववर्ष 2082 में सूर्य राजा और मंत्री दोनों बने हैं, जो सत्ता में स्थिरता और शक्ति का संकेत देता है। वित्त मंत्री बुध और खाद्यमंत्री शुक्र हैं, जो अर्थव्यवस्था और खाद्य व्यवस्था के लिए अच्छा माना जा सकता है। यह साल "सिद्धार्थ" नामक संवत्सर है, जो भारत के लिए शुभ रहेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली में इस समय मंगल की महादशा और शनि की अंतर्दशा चल रही है। शनि तृतीय और चतुर्थ भाव के कारक होकर राहु के साथ पंचम भाव में गोचर कर रहे हैं। इसका अर्थ है कि प्रधानमंत्री मोदी कोई बड़ा और रणनीतिक फैसला सोच-समझकर ले सकते हैं। यह ग्रह स्थिति बताती है कि आने वाले समय में भारत और पाकिस्तान के बीच एक छोटा युद्ध हो सकता है।
इस संघर्ष में पाकिस्तान को भारी नुकसान होगा, लेकिन उसकी नीति में कोई बदलाव नहीं होगा। वह फिर भी आतंकवाद और जिहाद के रास्ते से बाज नहीं आएगा। पाकिस्तान की मंशा कश्मीर को हिंदू-विहीन बनाना थी, जो वह कर चुका है। अब उसका इरादा जम्मू से भी हिंदुओं को हटाने और उनके पवित्र स्थलों को नुकसान पहुंचाने का है, जिसे वह आतंक और नफरत के ज़रिये अंजाम देना चाहता है।कुंडली के सप्तम भाव को पाकिस्तान से संबंध रखकर देखते है तो उच्च का सूर्य भले ही पाकिस्तान के आक्रामक रुख को दिखा रहा है, लेकिन सप्तम भाव का स्वामी मंगल नीच का होकर दशम भाव में है।जो साफ संकेत देता है कि पाकिस्तान की सेना और नेतृत्व की स्थिति कमजोर पड़ रही है। मंगल की सक्रियता का संकेत देती है, लेकिन उसकी नीचावस्था से पता चलता है कि पाकिस्तान की कोई भी योजना या युद्ध का परिणाम अच्छा साबित नहीं होने वाला है।पाकिस्तान की नाम राशि कुंडली में सप्तम भाव में 4 ग्रह पाकिस्तान को नुकसान के योग बना रहे हैं, क्योंकि सप्तम भाव विपरीत पक्ष का है और इस वक़्त ग्रहों के कारण पाकिस्तान को विपरीत पक्ष भारत से भारी नुक्सान का योग बना है।23 मई 2025 तक बुध की गति पाकिस्तान के लिए नुकसान भरी रहेगी. इस समय पाकिस्तान पर भारतीय सेना द्वारा गुप्त कार्रवाई की जा सकती है और जून 2025 तक पाकिस्तान का असली चेहरा दिखा देगा।
चंद्रमा और गुरु का अष्टम भाव में होना संकेत देता है कि इस टकराव का स्वरूप गुप्त, अप्रत्याशित और अंदरूनी रहेगा। पूर्ण युद्ध का स्पष्ट संकेत नहीं मिल रहा है, लेकिन सीमित सैन्य कार्रवाई, ऑपरेशन्स और गुप्त युद्ध की संभावना अत्यधिक प्रबल है। सूर्य-केतु की युति से पता चलता है कि पाकिस्तान प्रत्यक्ष रुप से अकेला है, लेकिन कुछ देश पाकिस्तान को छिपकर समर्थन देंगे, अधिकांश शक्तियां युद्ध को रोकने के प्रयास कर रही है। भारत की स्थिति इस मोर्चे पर अधिक मजबूत है क्योंकि उसकी रणनीति और कूटनीति दोनों ग्रहों से समन्वय में दिखती है।
'ऑपरेशन सिंदूर' की शुरुआत ग्रहों के विशेष योग में
भारतीय सेना द्वारा पहलगाम हमले के बाद चलाया गया ऑपरेशन सिंदूर उसी समय आरंभ हुआ जब कुंडली में शुक्र, शनि और राहु छठे भाव में युति में थे। यह युति दर्शाती है कि भारत ने अत्यंत सोच-समझकर समय का चयन किया है, जिससे दुश्मन की हर रणनीति विफल हो रही है। यही नहीं, यह ऑपरेशन पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर इतना प्रभावी रहा कि लाहौर और इस्लामाबाद में भी कमजोर पडे।
ग्रहों का ऐसा संयोग लंबे समय बाद बन रहा है जो संकेत देता है कि यदि यह संघर्ष कुछ और सप्ताह चलता है, तो भारत POK को पुनः हासिल करने की रणनीति पर आगे बढ़ सकता है। शुक्र की उच्च स्थिति भारत के पराक्रम में वृद्धि का संकेत दे रहा, और विरोधी के कमजोरी को उजागर कर रहा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली के अनुसार, इस समय वे राहु की महादशा में चल रहे हैं, जो उन्हें अप्रत्याशित परिस्थितियों में भी विजयी बनाती है। उनकी राशि वृश्चिक है और लग्नेश मंगल है, जो युद्ध और साहस का प्रतिनिधि है।
इस योग में युद्ध की स्थिति
यदि एक चंद्र मास में 5 शनिवार, 5 रविवार या 5 मंगलवार आ जाए तो खप्पर योग बनता है। 15 मार्च से 11 जून तक खप्पर योग बन रहा है। इसके बाद 11 जुलाई से लेकर 7 अक्टूबर तक खप्पर योग बना रहेगा। खासतौर जून से लेकर अक्टूबर का समय उथल-पुथल का हो सकता है, इसमें प्राकृतिक आपदाओं, महामारी, युद्ध और दंगों के कारण देश को बड़ी आर्थिक नहानि का सामना करना पड़ सकता है।
अब 14 मई को बृहस्पति की अतिचारी अशुभ गति और 18 मई को राहु एवं केतु के राशि परिवर्तन से भारतीय उपमहाद्वीप में कुछ बड़ा होने वाला है। सर्जिकल या एयर स्ट्राइक नहीं, युद्ध होगा। हिंदू पंचांग में स्पष्ट लिखा है कि कश्मीर, बलूचिस्तान और सिंध जैसे क्षेत्र में आतंक और गृहयुद्ध जैसे हालात होंगे। इसके अलावा उसमें खप्पर योग का भी वर्णन है।
12 साल बाद बृहस्पति मिथुन राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं और जब-जब गुरु इस तरह की चाल चलते हैं, युद्ध जैसे हालात बनते हैं। इसके साथ ही 18 मई को राहु कुंभ राशि में और शनि और राहु मिलकर 'पिशाच योग' बना रहे हैं—यह भी एक बेहद अशुभ संकेत है।अगर युद्ध हुआ, तो यह बड़े स्तर पर नहीं होगा लेकिन भारत को रणनीतिक रूप से बढ़त मिलेगी। पाकिस्तान को इस संघर्ष में आर्थिक और सामरिक दोनों स्तर पर भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। शनि, राहु और शुक्र पाकिस्तान की कुंडली में नकारात्मक प्रभाव डाल रहे हैं और शुक्र मारकेश बनकर तबाही ला सकता है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से ही जर्जर है, और इस अवधि में उसके कमाई के स्रोतों पर लंबे समय तक रोक लग सकती है।
इस बात की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि जून 2025 तक एक सीमित युद्ध शुरू हो जाए, जो POK (पाक अधिकृत कश्मीर) को भारत में शामिल करने की दिशा में पहला कदम बन सकता है।भारत को इस समय सतर्क रहना होगा। ग्रह स्थिति भारत के पक्ष में है, लेकिन हर निर्णय सोच-समझकर और समय पर लेना आवश्यक होगा। भारत विजयी रहेगा, लेकिन संयम और रणनीति से ही सफलता पक्की होगी।
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