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Shadashtak Yog: आने वाला समय रहेगा उथल-पुथल भरा, जानिए षडाष्टक योग का प्रभाव और कब कैसे बन रहा है यह खतरनाक योग

Shadashtak Yog: षडाष्टक योग एक ऐसा समय होता है जब ग्रहों के आपसी टकराव का असर मन, शरीर और जीवन की दिशा पर दिखाई देता है।

Suman  Mishra
Published on: 18 Jun 2025 10:09 AM IST
Shadashtak Yog: आने वाला समय रहेगा उथल-पुथल भरा, जानिए षडाष्टक योग का प्रभाव और कब कैसे बन रहा है यह खतरनाक योग
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Shadashtak Yog: वैदिक ज्योतिष में कुछ खगोलीय स्थितियाँ ऐसी होती हैं, जो व्यक्ति के जीवन में बड़ा मोड़ ला सकती हैं—या तो बहुत बड़ा अवसर देती हैं, या बहुत कठिन परीक्षा। 20 जून 2025 को एक ऐसा ही खतरनाक योग बन रहा है, जिसे ज्योतिष में ‘षडाष्टक योग’ कहा जाता है। मंगल और शनि जैसे दो ताकतवर और परस्पर विरोधी ग्रह उस दिन एक-दूसरे से 150 डिग्री पर होंगे, जो टकराव, संघर्ष और बाधाओं की स्थिति को जन्म देता है।शनि और मंगल ग्रह के कारण अशुभ षडाष्टक योग बना है,

षडाष्टक योग का राशियों पर प्रभाव

यह कोई आम योग नहीं, बल्कि विनाशकारी ग्रहों की एक विस्फोटक खगोलीय युति है। शनि जहां न्याय और तपस्या का प्रतीक है, वहीं मंगल उग्र ऊर्जा और युद्ध का प्रतिनिधि। जब ये आमने-सामने होते हैं तो जीवन में विस्फोट होना तय माना जाता है।

‘षडाष्टक योग’ क्या है

सूर्य और शनि जब एक-दूसरे से छठवें और आठवें भाव में होते हैं, तब षडाष्टक योग बनता है। षडाष्टक योग करियर और आर्थिक मामलों के लिए बहुत ही अशुभ माना जाता है। षडाष्टक योग बनने पर मिथुन और मकर सहित 5 राशियों को करियर में भारी उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है।लग्न से या किसी भी भाव से छठा भाव उस जातक या भाव से सम्बंधित फलो लिए दुःख, रोग, ऋण, चिंता आदि अशुभ परिणामो का होता है तो इसीतरह लग्न या किसी भी भाव से आठवाँ भाव उस जातक या भाव संबंधी फलो के लिए दुर्भाग्य, नष्टता, भयंकर कष्ट, संकट आदि का होता है।

इस योग का प्रभाव सभी राशियों पर नहीं, पर तीन राशियाँ ऐसी हैं जिन्हें इसकी चपेट में आने से मानसिक, आर्थिक और पारिवारिक झटके लग सकते हैं। आइए जानते हैं उन राशियों पर इस योग का कैसा असर पड़ेगा और कैसे इससे बचा जा सकता है।

कर्क राशि: उथल-पुथल भरा मानसिक तूफ़ान

20 जून से कर्क राशि के जातकों के लिए समय किसी तूफानी रात जैसा हो सकता है। पारिवारिक रिश्तों में दरार, ऑफिस में सीनियर्स से कहासुनी, और स्वास्थ्य में गिरावट—तीनों मोर्चों पर सावधानी जरूरी है। विशेष रूप से पेट और रक्तचाप से जुड़ी दिक्कतें उभर सकती हैं। व्यापार कर रहे लोग आर्थिक नुकसान के लिए तैयार रहें। घर के बच्चों में एकाग्रता की कमी और पढ़ाई में रुचि घट सकती है।

कैसे करें बचाव

हर मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी को सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाएं।

हनुमान चालीसा का नित्य पाठ करें।

ॐ भौमाय नमः और ॐ शनैश्चराय नमः मंत्रों का जाप करें।

मंगलवार को मसूर दाल और तांबा, शनिवार को काले तिल और काले कपड़े का दान करें।

तुला राशि: तनाव और टूटते समीकरण

तुला राशि के जातकों के लिए यह समय दिल और दिमाग दोनों पर भारी पड़ सकता है। रिश्तों में गलतफहमियां, साझेदारी में तनाव और निवेश में नुकसान की आशंका है। कोर्ट-कचहरी के मामले या कानूनी उलझनें भी सिर उठाने लगेंगी। अचानक खर्चों की बाढ़ आ सकती है जिससे आर्थिक स्थिति डगमगा सकती है।

कैसे करें बचाव

मां दुर्गा की आराधना करें, शुक्रवार को दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।

शनिवार को पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों तेल का दीपक जलाएं।

ॐ अंगारकाय नमः और ॐ शनैश्चराय नमः का जाप करें।

काले कुत्ते को रोटी और गुड़ खिलाएं।

मकर राशि: गुस्सा, तनाव और करियर में रुकावट

मकर राशि के लिए यह योग भीतर से झकझोर देने वाला हो सकता है। कार्यस्थल पर बढ़ता दबाव, सीनियर्स से मतभेद और प्रमोशन में देरी आपकी आत्मशक्ति को कमजोर कर सकती है। घर पर जीवनसाथी से रिश्तों में कड़वाहट आ सकती है, और हर छोटी बात पर चिड़चिड़ापन बढ़ेगा। दुर्घटना और चोट की संभावना को देखते हुए वाहन सावधानी से चलाएं। उधार या निवेश करने से बचे, वरना पैसा डूब सकता है।

कैसे करें बचाव

शनिवार को लोहे की वस्तु, काले उड़द और काले कपड़े का दान करें।

सूर्यास्त के बाद पीपल वृक्ष के नीचे दीया जलाकर सात परिक्रमा करें।

शिवलिंग पर गंगाजल और शहद से अभिषेक करें, और ॐ नमः शिवाय का जाप करें।

शनि महामृत्युंजय मंत्र का नियमित जाप करें।

षडाष्टक योग से ऐसे बचें

ग्रहों का खेल भले ही रहस्यमय हो, लेकिन ज्योतिष यह भी सिखाता है कि यदि हम समय से पहले चेत जाएं और उचित उपाय करें, तो किसी भी मुश्किल को कम किया जा सकता है। यह योग कठिनाइयों से भरा है, लेकिन धैर्य, साधना और शांति के साथ इसे पार किया जा सकता है।


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Suman  Mishra

Suman Mishra

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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