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लालू-राबड़ी और डबल इंजन पर सीधा हमला! बिहार की राजनीति में ‘बसपा बम’! मायावती का मिशन बिहार शुरू, इस बार सत्ता से कोई नहीं रोक पाएगा?

BSP Mission Bihar: लंबे वक्त से उत्तर प्रदेश में सक्रिय बसपा अब बिहार में ‘पूरा जोर, पूरा जोर’ की तर्ज पर चुनावी जमीन तोड़ने निकली है। मधुबनी जिले के डीही चौक पर हुई बड़ी समीक्षा बैठक ने यह साफ कर दिया कि मायावती का ‘मिशन बिहार’ अब सिर्फ नारों में नहीं, बल्कि धरातल पर उतर चुका है।

Harsh Srivastava
Published on: 14 Jun 2025 6:16 PM IST
BSP Mission Bihar:
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BSP Mission Bihar: 

BSP Mission Bihar: बिहार की सियासत में हलचल मच गई है। कभी लालू-राबड़ी की ललकार, कभी नीतीश की सामाजिक इंजीनियरिंग और अब मोदी की डबल इंजन सरकार ने बिहार की राजनीति पर कब्जा जमाए रखा। लेकिन अब जो आहट सुनाई दे रही है, वो किसी पुराने खिलाड़ी की नहीं, बल्कि एक ऐसे हाथी की है जो धीरे-धीरे मगर भारी कदमों से बिहार की सत्ता के गलियारों में प्रवेश कर रहा है। जी हां, हम बात कर रहे हैं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की, जिसकी कमान संभाल रही हैं दलितों की आवाज, बहन मायावती।

लंबे वक्त से उत्तर प्रदेश में सक्रिय बसपा अब बिहार में ‘पूरा जोर, पूरा जोर’ की तर्ज पर चुनावी जमीन तोड़ने निकली है। मधुबनी जिले के डीही चौक पर हुई बड़ी समीक्षा बैठक ने यह साफ कर दिया कि मायावती का ‘मिशन बिहार’ अब सिर्फ नारों में नहीं, बल्कि धरातल पर उतर चुका है। और इस बार का नारा है ‘बिना बसपा के बिहार में सरकार नहीं बनेगी।’ अब तक बिहार की जनता ने सियासी अखाड़े में सिर्फ दो ही रंग देखे हैं — एक लालू यादव का समाजवादी लाल, दूसरा नीतीश-मोदी का भगवा मिश्रण। मगर अब मैदान में तीसरा रंग उभरने लगा है — नीला रंग, बसपा का झंडा, जो सीधे-सीधे संदेश दे रहा है कि ‘अब बहुजन बोलेगा, अब बहुजन चलेगा।’

बसपा का बिगुल और मिशन सत्ता

डीही चौक पर आयोजित इस विधानसभा स्तरीय कार्यकर्ता बैठक में बसपा ने पहली बार इतने बड़े स्तर पर ताकत दिखाई। राज्यसभा सांसद और बसपा के राष्ट्रीय समन्वयक ई. रामजी गौतम खुद मंच पर मौजूद रहे। उन्होंने यह कहकर राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया कि, “अब बिहार में बिना बसपा के कोई सरकार नहीं बनने वाली है।” ये सिर्फ शब्द नहीं थे, ये उस आत्मविश्वास का प्रदर्शन था, जिसके पीछे उत्तर प्रदेश में दलितों को सत्ता के शीर्ष तक पहुंचाने का अनुभव खड़ा था। रामजी गौतम ने साफ शब्दों में कहा कि अगर बहन मायावती की सरकार बिहार में बनी तो सबसे पहले गरीब छात्रों की पढ़ाई मुफ्त कर दी जाएगी। साथ ही सरकारी जमीनों का वितरण बहुजन समाज के बीच किया जाएगा। यानी इस बार बसपा खाली वोट मांगने नहीं आई है, बल्कि ‘सत्ता के लिए निर्णायक लड़ाई’ लड़ने उतरी है।

लालू-राबड़ी और डबल इंजन पर सीधा हमला

बैठक में मौजूद बसपा के केंद्रीय प्रभारी अनिल कुमार ने लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार दोनों को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि एक वक्त में वाल्मीकिनगर की चीनी मिलें इस इलाके की ‘शान’ हुआ करती थीं, लेकिन दोनों ही सरकारों ने इसे तबाह कर दिया। आज सिर्फ एक मिल बची है और इलाके में बेरोजगारी ने कोहराम मचा रखा है। यही नहीं, अनिल कुमार ने ‘डबल इंजन सरकार’ पर भी करारा प्रहार किया। उन्होंने कहा, “नीतीश-मोदी की सरकार ने बिहार को सिर्फ वादे दिए, विकास नहीं। अगर सच में बिहार का विकास होता तो आज हमारे युवा दूसरे राज्यों में मजदूरी करने नहीं जाते।”

क्या बिहार की राजनीति में ‘हाथी’ चल पाएगा?

बिहार की राजनीति जातीय समीकरणों पर टिकी रहती है। यादव, मुस्लिम, कुर्मी, दलित, महादलित, ब्राह्मण — हर जाति का अपना पॉलिटिकल ठिकाना रहा है। बसपा की सबसे बड़ी ताकत यही है कि उसका फोकस दलित और महादलित वोट बैंक पर है, जो अक्सर सत्ता की गोटी बनाने का काम करता है।उत्तर प्रदेश में जब बसपा सत्ता में आई थी तो यह दलित चेतना का विस्फोट था। अब सवाल यह है कि क्या बिहार में भी वही कहानी दोहराई जा सकती है? खासकर तब जब लालू परिवार के साथ दलितों का एक हिस्सा पहले से जुड़ा हुआ है और नीतीश ने भी महादलित कार्ड खेल रखा है। लेकिन बसपा के नेताओं का दावा है कि इस बार बिहार के दलितों ने तय कर लिया है कि वे अपनी ‘असली पार्टी’ के साथ जाएंगे, जो उनके अधिकारों के लिए संघर्ष कर रही है।

बसपा का दावा यह सिर्फ शुरुआत है

डीही चौक पर हुई इस समीक्षा बैठक को बसपा नेताओं ने महज एक शुरुआत बताया है। रामजी गौतम ने कहा कि अब बूथ स्तर तक संगठन खड़ा किया जाएगा और हर घर तक पार्टी का संदेश पहुंचेगा। कार्यकर्ताओं को साफ निर्देश दिया गया है कि 2025 के चुनाव में हर सीट पर बसपा को मजबूती से खड़ा करना है। कार्यक्रम में कन्हैया कुमार, मिथिलेश कुमार, मोहम्मद हारून, धीरज चौहान, शम्भू राम जैसे स्थानीय नेताओं की मौजूदगी ने भी संदेश दे दिया कि बसपा अब सिर्फ उत्तर प्रदेश की पार्टी नहीं रही, बल्कि वह बिहार में सत्ता के असली दावेदारों में शामिल होने आ चुकी है।

क्या मायावती करेंगी बिहार में इतिहास?

अब बड़ा सवाल यही है कि क्या बहन मायावती बिहार की सत्ता में वो धमाका कर पाएंगी, जो उन्होंने उत्तर प्रदेश में किया था? क्या नीतीश और लालू जैसे दिग्गजों को पीछे छोड़कर बसपा ‘किंगमेकर’ बन पाएगी या इस बार खुद ही ‘क्वीन’ बनेगी? फिलहाल तो डीही चौक से निकली गूंज यही कह रही है — “अबकी बार, बसपा सरकार!”

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News Coordinator and News Writer

Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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