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Capital Expenditure: कैश से भरमार कंपनियां, फिर भी कैपेक्स में सन्नाटा: आखिर इंतजार किस बात का है?

Capital Expenditure: वित्त वर्ष 2025 तक की रिपोर्ट बताती है कि भारत की 3,611 लिस्टेड कंपनियों के पास कुल कैश रिज़र्व 10.67 लाख करोड़ रुपए पहुंच चुका है।

Sonal Girhepunje
Published on: 10 Jun 2025 3:41 PM IST
Capital Expenditure Update in Hindi
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Capital Expenditure Update in Hindi

Capital Expenditure: भारत की लिस्टेड कंपनियां इन दिनों कैश से भरी पड़ी हैं मगर नए निवेश यानी कैपेक्स को लेकर उनकी चाल धीमी बनी हुई है। चाहे IT हो या ऑटोमोबाइल, फार्मा हो या मेटल हर सेक्टर की बड़ी कंपनियां नकदी के ढेर पर बैठी हैं, फिर भी नए प्रोजेक्ट्स में निवेश नहीं हो रहा। सवाल उठता है जब पैसा है, तो निवेश में संकोच क्यों?

बढ़ता कैश रिज़र्व, घटता निवेश :

वित्त वर्ष 2025 तक की रिपोर्ट बताती है कि भारत की 3,611 लिस्टेड कंपनियों के पास कुल कैश रिज़र्व 10.67 लाख करोड़ रुपए पहुंच चुका है। यह 2020 के मुकाबले 50% की भारी बढ़ोतरी है। सिर्फ बीते एक साल में ही कंपनियों के पास मौजूद कैश में 15% की उछाल दर्ज की गई है।

लेकिन इतना कैश होने के बावजूद कंपनियों द्वारा किए जा रहे कैपिटल एक्सपेंडिचर (Capital Expenditure) में कोई खास तेजी नहीं दिख रही। कंपनियां फिलहाल ‘वेट एंड वॉच’ मोड में नजर आ रही हैं।

सेक्टर वाइज नकदी का हाल :

जरा नजर डालिए किस सेक्टर के पास कितना कैश स्टॉक है:

• IT सेक्टर : ₹1,17,000 करोड़

• ऑटोमोबाइल और एंसिलियरी : ₹1,15,000 करोड़

• मेटल, स्टील और माइनिंग : ₹1,10,000 करोड़

• इंजीनियरिंग : ₹73,000 करोड़

• फार्मा : ₹65,000 करोड़

• डिफेंस : ₹54,000 करोड़

ये आंकड़े दिखाते हैं कि लगभग हर प्रमुख इंडस्ट्री ने कैश होल्डिंग्स को मजबूत किया है। बावजूद इसके, बड़े प्रोजेक्ट्स या उत्पादन विस्तार पर खर्च नहीं बढ़ाया जा रहा।

बड़ी कंपनियों की बैलेंस शीट पर नजर :

अब जानिए किन कंपनियों के पास है सबसे ज्यादा कैश:

यह सूची दिखाती है कि भारत की टॉप कंपनियों ने बड़ी मात्रा में नकदी स्टोर कर रखी है। खास बात यह है कि इनमें से कई कंपनियों की आमदनी और प्रॉफिटबिलिटी स्थिर है, बावजूद इसके वे पूंजीगत निवेश (कैपेक्स) से दूर हैं।

• Reliance Industries (RIL): FY24 कैश ₹97,225 करोड़, FY25 अनुमानित कैश ₹1,06,502 करोड़

• LIC: FY24 कैश ₹41,824 करोड़, FY25 अनुमानित कैश ₹69,885 करोड़

• HAL: FY24 कैश ₹26,432 करोड़, FY25 अनुमानित कैश ₹38,182 करोड़

• Coal India: FY24 कैश ₹30,235 करोड़, FY25 अनुमानित कैश ₹34,215 करोड़

• Infosys: FY24 कैश ₹14,786 करोड़, FY25 अनुमानित कैश ₹24,455 करोड़

• L&T: FY24 कैश ₹15,358 करोड़, FY25 अनुमानित कैश ₹22,965 करोड़

• Mahindra & Mahindra (M&M): FY24 कैश ₹12,013 करोड़, FY25 अनुमानित कैश ₹20,615 करोड़

• Wipro: FY24 कैश ₹9,695 करोड़, FY25 अनुमानित कैश ₹12,197 करोड़

• Tata Steel: FY24 कैश ₹8,678 करोड़, FY25 अनुमानित कैश ₹11,647 करोड़

• Aurobindo Pharma: FY24 कैश ₹6,278 करोड़, FY25 अनुमानित कैश ₹8,235 करोड़

क्यों नहीं कर रहीं कंपनियां निवेश?

अब बड़ा सवाल इतना कैश होने के बावजूद कैपेक्स क्यों नहीं हो रहा?

इसके पीछे कई कारण हैं:

  1. मांग में अनिश्चितता: वैश्विक और घरेलू बाजारों में उपभोक्ता मांग स्थिर नहीं है। कंपनियां स्पष्ट डिमांड ट्रेंड का इंतजार कर रही हैं।
  2. ग्लोबल स्लोडाउन: अमेरिका, यूरोप और चीन जैसी बड़ी अर्थव्यवस्थाएं सुस्ती की चपेट में हैं, जिसका असर भारत के निर्यात और प्रोडक्शन रणनीति पर पड़ रहा है।
  3. जियोपॉलिटिकल रिस्क: ट्रेड वॉर, टैरिफ विवाद और चीन की आक्रामक सप्लाई पॉलिसी ने भारतीय कंपनियों की योजनाओं पर ब्रेक लगा दिया है।
  4. उत्पादन लागत का दबाव: कच्चे माल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और लॉजिस्टिक्स की बढ़ती लागत कंपनियों को सतर्क बना रही है।
  5. नीतिगत अनिश्चितता: कई कंपनियां सरकार की नीति स्पष्टता और रिफॉर्म्स की दिशा पर नजर बनाए हुए हैं, जिससे वे तत्काल बड़े निवेश से बच रही हैं।

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