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हकीकत में भारत में कई गुना ज्यादा हो सकते हैं कोरोना के केस

प्रोफेसर डॉ प्रभात झा के अनुसार, ये अनुमान है कि भारत में अब कोरोना मामलों की असली संख्या दस गुना ज्यादा हो सकती है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Shreya
Published on: 8 May 2021 4:28 PM GMT
हकीकत में भारत में कई गुना ज्यादा हो सकते हैं कोरोना के केस
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जांच कराती महिला (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

लखनऊ: भारत ही नहीं, कोई भी देश कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के हर केस की गिनती नहीं कर सकता। तमाम संक्रमित लोग बिना लक्षण वाले होते हैं और बहुत से संक्रमित लोगों की टेस्टिंग ही नहीं होती। ऐसे में सही संख्या नहीं मिल सकती।

ये भी जान लीजिये कि विश्व भर में सरकारी आंकड़ों में आमतौर पर सिर्फ कोरोना के कन्फर्म मामलों की गिनती होती है। वास्तविकता में कितने संक्रमण हैं, इनकी गिनती शामिल नहीं होती। ऐसे में ये सही सही पता नहीं चल पाएगा कि कोरोना ने कुल कितनी जानें ली हैं।

(फोटो- न्यूजट्रैक)

दस गुना ज्यादा मामले

यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो के प्रोफेसर डॉ प्रभात झा के अनुसार, भारत में पिछली लहर के आधार पर ये अनुमान है कि भारत में अब कोरोना मामलों की असली संख्या दस गुना ज्यादा हो सकती है। दूसरी तरफ, यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन के इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मैट्रिक्स के अनुसार, भारत में कोरोना संक्रमण से मारे गए लोगों की असली संख्या सात लाख है और 27 मई तक ये आंकड़ा 10 लाख के पार हो जाएगा। सितंबर तक भारत कोरोना मौतों के मामले में अमेरिका को पीछे छोड़ देगा।

वहीं सीबीएस ने स्टडी की है कि पिछले दो हफ़्तों में भारत में प्रति घंटा औसतन 120 मौतें हो रहीं हैं लेकिन ये सिर्फ पुष्ट कोरोना मरीजों की अस्पताल में हुई मौतों का आंकड़ा है। ग्रामीण क्षेत्रों में हो रही मौतों और शहरों में भी बिना टेस्टिंग के हुई मौतों को जोड़ लिया जाए तो असल आंकड़ा कहां से कहाँ पहुंच जाएगा।

जांच कराती युवती (फोटो- न्यूजट्रैक)

इसलिए नहीं सामने आ पा रहा असल आंकड़ा

दरअसल, जितनी कम टेस्टिंग होगी, उतने ही कम मामलों का पता चलेगा। यही वजह है कि ढेरों केस पता ही नहीं चल पाते। डब्लूएचओ का कहना है कि सभी देशों को प्रति कनफर्म्ड केस पर 10 से 30 टेस्ट करने चाहिए। लेकिन भारत में प्रति कनफर्म्ड केस पर 5 टेस्ट हो रहे हैं। वहीं अमेरिका में 17 और फिनलैंड में तो 57 टेस्ट हो रहे हैं।

शोधकर्ताओं के कैलकुलेशन एक ऐसे सांख्यकीय मॉडल पर आधारित होते हैं जिसमें स्थापित औसत से ज्यादा हुई मौतों की गिनती की जाती है। एक अन्य नई स्टडी के अनुसार, दुनिया में कोरोना से अब तक करीब 70 लाख मौतें हो चुकी हैं जबकि आधिकारिक आंकड़ा इसका आधा ही है। इस स्टडी के अनुसार रूस और मिस्र में मौतों की असली संख्या 13 गुना ज्यादा हो सकती है।

Shreya

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