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भारत में कब तक आएगी कोरोना की चरम स्थिति, जानिए क्या है एक्सपर्ट की राय

कोरोना के मामले कब घटेंगे और संक्रमण का शीर्ष लेवल कब आएगा, ये बड़ा सवाल है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Dharmendra Singh
Published on: 5 May 2021 11:45 AM GMT (Updated on: 5 May 2021 2:49 PM GMT)
Coronavirus
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कोरोना वायरस की जांच करते स्वास्थ्यकर्मी (फाइल फोटो- सोशल मीडिया)

लखनऊ: भारत में कोरोना जंगल की आग की तरह फैल रहा है। कोरोना के मामले कब घटेंगे और संक्रमण का शीर्ष लेवल कब आएगा, ये बड़ा सवाल है। इस बारे में सिर्फ यही जवाब है कि कोरोना के मामले घटने के सीधा संबंध ज्यादा से ज्यादा टीकाकरण और अनुशासन यानी बंदिशों से है। इन दोनों ही चीजों को सरकार ही पूरी तरह लागू कर सकती है। इन्हीं दोनों का कॉम्बिनेशन कोरोना को काबू में कर सकता है। बंदिशों की बात करें तो देश में आवागमन जारी है, लॉकडाउन पूरे देश में नहीं है और सबसे बड़ी बात ये कि बहुत लोग अब भी एहतियात नहीं बरत रहे हैं।

कोरोना संक्रमण की चरम स्थिति के बारे में अलग अलग कैलकुलेशन हैं। कुछ एक्सपर्ट 15 मई, कुछ 7 मई तो कुछ जून के पहले हफ्ते की बात कर रहे हैं। दरअसल, चरम स्थिति कई कारकों पर निर्भर है, जैसे कि आबादी में किस उम्र के लोग ज्यादा हैं, जोखिम वाले वर्ग में कितने लोग हैं, कितनों को टीका लगा है, मौसम व तापमान की क्या स्थिति है, संक्रमित हो कर कितने लोग ठीक हो चुके हैं आदि। ये सभी कारक हर राज्य में अलग अलग हैं। सो कोई एक चरम स्थिति की सटीक भविष्यवाणी मुमकिन नहीं है। इसके अलावा जिस तरह नए वायरस वेरिएंट सामने आ रहे हैं वो भी डरावनी स्थिति है।

अन्य देशों की स्थिति

अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोप की बात करें तो वहां कोरोना की कई लहरें आ चुकी हैं। इन देशों ने बहुत बुरा समय देखा लेकिन व्यापक टीकाकरण और बंदिशें लगा कर स्थितियों को कंट्रोल किया। इन देशों में दूसरी - तीसरी लहर की चरम स्थिति अब आई और कब गई, पता ही नहीं चला। इसके पीछे बहुत बड़ा योगदान पहली लहर के बाद किये गए जबरदस्त इंतजाम और तैयारियों का था। अमेरिका में तो बहुत से राज्यों में अब तक सख्त बंदिशें जारी हैं।

एक महिला की कोरोना जांच करता स्वास्थ्यकर्मी (फोटो: सोशल मीडिया)
टीकाकरण की हालत
टीकाकरण की रफ्तार अपने देश में बहुत धीमी है। दोनों डोज़ लेने वालों की संख्या मात्र 2 करोड़ 75 लाख है (2 मई तक) यानी कुल जनसंख्या का 2 फीसदी। टीके की एक डोज़ लगी है 12 करोड़ 67 लाख लोगों को। यानी 9.3 फीसदी जनसंख्या। भारत में अब 18 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों को भी टीका लग रहा है। भारत विश्व का सबसे बड़ा वैक्सीन निर्माता है तब भी प्रतिमाह 7 करोड़ डोज़ का उत्पादन अपने देश के लिए पर्याप्त नहीं है। 18 वर्ष से ज्यादा की आबादी करीब 59.50 करोड़ की है और इस हिसाब से 1.20 अरब खुराकें चाहिए होंगी।
भारत ने वैक्सीन का स्टॉक जमा करना तो दूर, साढ़े छह करोड़ खुराकें अन्य देशों को वैक्सीन डिप्लोमेसी के तहत दे दी थीं। अब भारत खुद अमेरिका से वैक्सिनों के मामले में मदद मांग रहा है। जरूरत है अत्यंत तीव्रता से सघन टीकाकरण की और ये कैसे होगा ये बहुत बड़ी चुनौती है।


Dharmendra Singh

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