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Covid Precautionary Dose India: प्रीकॉशन डोज़ में मिक्स वैक्सीन पर मिल सकती है मंजूरी
Covid Precautionary Dose India: देश में प्रीकॉशनरी डोज़ 10 जनवरी से लगना शुरू हो जाएगी। मुमकिन है कि तीसरा इंजेक्शन पहले दो मर्तबा लग चुके इंजेक्शन से अलग हो। ऐसे मिक्स वैक्सीनेशन पर विचार किया जा रहा है।
Covid Precautionary Dose India: देश में प्रीकॉशनरी डोज़ (Precautionary Dose) 10 जनवरी से लगना शुरू हो जाएगी। मुमकिन है कि तीसरा इंजेक्शन (Corona Virus Vaccine) पहले दो मर्तबा लग चुके इंजेक्शन से अलग हो। ऐसे मिक्स वैक्सीनेशन (Mix Vaccination) पर विचार किया जा रहा है। 10 जनवरी से पहले इस पर फैसला हो जाएगा।
वैक्सीन का मतलब (Vaccine Ka Matlab) होता है कि लाभार्थी को अलग-अलग कंपनियों की वैक्सीनों की खुराकें दी जाती हैं। इसका मकसद वैक्सीन की प्रभावकारिता और इससे मिलने वाली सुरक्षा को बढ़ाना होता है। इसे इंटरचेंजेबिलिटी और इंटरचेंजेबल डोज रिजीम भी कहा जाता है। अमेरिका समेत कई देशों में इंटरचेंजेबल डोज रिजीम (Interchangeable Dosage Regimen) का इस्तेमाल भी हो रहा है।
वहीं भारत में इस पर स्टडी चल रही है। यदि भारत में इसे मंजूरी मिली तो प्रीकॉशनरी डोज़ (Precautionary Dose India) किसी अन्य कंपनी की हो सकती है। भारत में कोविशील्ड (Covishield), कोवैक्सिन (Covaxin), स्पूतनिक (Sputnik) की वैक्सीनें लगाई जा रही हैं। सो मिक्सिंग के लिए तीनों विकल्प मौजूद रहेंगे। किस वैक्सीन को किसके साथ चुना जाएगा, ये एक्सपर्ट ही तय करेंगे।
किन्हें लगेगी प्रीकॉशनरी डोज़
भारत में 10 जनवरी से स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रंटलाइन कर्मियों और दूसरी बीमारियों से जूझ रहे 60 वर्ष से अधिक लोगों को प्रीकॉशनरी डोज़ दी जाएगी। बीमार बुुजुर्गों को उनके डॉक्टर की सलाह पर यह खुराक लगाई जाएगी। उन्हें इसके लिए पंजीकृत डॉक्टर से बीमारी का प्रमाण पत्र बनवाकर देना होगा। स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) ने फैसला किया है कि बुजुर्गों को प्रिकॉशन डोज की याद दिलाने के लिए उनके मोबाइल नंबर पर मैसेज भेजा जाएगा।
मिक्स वैक्सीनों (Mix Vaccine) पर कई अध्ययन हुए हैं जिनके निष्कर्ष में मिक्स वैक्सीन की डोज को ज्यादा असरदार बताया जा रहा है। यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी (ईएमए) और यूरोपियन सेंटर फॉर डिजीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल (ईसीडीसी) ने एक संयुक्त बयान में कहा था कि वेक्टर और एमआरएनए वैक्सीन का संयोजन कोरोना वायरस के खिलाफ बेहतर सुरक्षा प्रदान कर सकता है। लैंसेट जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, एस्ट्राजेनेका या फाइजर की पहली खुराक के नौ सप्ताह के अंतराल बाद नोवावैक्स या मॉडर्ना की दूसरी डोज देकर शरीर में मजबूत प्रतिरक्षा उत्पन्न करने में मदद मिल सकती है।
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