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Shiv Sena in Maharashtra: कांग्रेस में बढ़ी तनातनी, दोनों दलों के बीच चल रहा वार-पलटवार का दौर
महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने पार्टी के अगला चुनाव अपने दम पर लड़ने की बात कही तो मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने यह कहते हुए जवाब दिया कि खुद के दम पर चुनाव लड़ने की बात करोगे तो लोग चप्पलों से मारेंगे।
Shiv Sena in Maharashtra: महाराष्ट्र में शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार में सबकुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। कांग्रेस और शिवसेना नेताओं के बयानों से दोनों पार्टियों के बीच तनातनी लगातार बढ़ती जा रही है। महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने पार्टी के अगला चुनाव अपने दम पर लड़ने की बात कही तो मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने यह कहते हुए जवाब दिया कि खुद के दम पर चुनाव लड़ने की बात करोगे तो लोग चप्पलों से मारेंगे। हालांकि उन्होंने अपने जवाब में कांग्रेस के नाम का जिक्र नहीं किया।
इस बीच शिवसेना के तेजतर्रार नेता माने जाने वाले प्रताप सरनाइक ने पार्टी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में आरोप लगाया है कि कांग्रेस और एनसीपी की ओर से शिवसेना को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने ठाकरे को प्रधानमंत्री मोदी से सुलह करने की सलाह दी है। शिवसेना विधायक सरनाइक ने कहा कि अगर भाजपा और शिवसेना एक साथ आ जाएं तो निश्चित रूप से और पार्टी और कार्यकर्ताओं दोनों को फायदा होगा।
कांग्रेस अपने दम पर चुनाव लड़ने को तैयार
दरअसल हाल के दिनों में शिवसेना और कांग्रेस के बीच लगातार तनातनी का दौर चल रहा है। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने कांग्रेस के अपने दम पर चुनाव लड़ने की बात कहकर शिवसेना नेताओं को नाराज कर दिया है। पटोले पहले भी इस तरह का बयान दे चुके हैं और रविवार को मीडिया से बातचीत में उन्होंने एक बार फिर कांग्रेस के अगला चुनाव अकेले लड़ने की बात कही।
उनका कहना था कि भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए एनसीपी और कांग्रेस ने शिवसेना के साथ मिलकर महाविकास अघाड़ी बनाई थी। पटोले का यह भी कहना है कि यह कोई स्थायी गठबंधन नहीं है और हर पार्टी खुद को मजबूत बनाना चाहती है। पटोले का यह बयान महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी में शामिल दलों के बीच तनातनी का बड़ा कारण बन गया है।
ठाकरे ने इशारों में किया कांग्रेस पर पलटवार
पटोले के बयान के बाद शिवसेना की ओर से भी जवाब दिया गया है। शिवसेना के 55वें स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि खुद के दम पर चुनाव लड़ने की बात करोगे तो लोग चप्पल से मारेंगे। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के हाथ में तलवार उठाने की ताकत नहीं, वे अपने दम पर चुनाव लड़ने की बात कर रहे हैं। हालांकि अपने संबोधन के दौरान ठाकरे ने किसी पार्टी का नाम नहीं लिया मगर सियासी जानकारों के मुताबिक उनका इशारा साफ तौर पर कांग्रेस की ओर ही था।
शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता संजय राउत का भी कहना है कि जिन्हें अपने दम पर चुनाव लड़ना हो वे लड़कर देख लें। हम भी चुप बैठने वाले नहीं हैं। राउत ने कहा कि शिवसेना ने अपने दम पर लड़ाई लड़कर सियासी रूप से मजबूती हासिल की है। चुनाव के दौरान गठजोड़ भले कर लिया जाए मगर जंग अपने दम पर ही लड़ी जाती है।
जनता की अदालत में तय होगी ताकत
ठाकरे के संबोधन के बाद पटोले की भी इस मामले में प्रतिक्रिया आई है। पटोले का कहना है कि अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि ठाकरे ने यह बात किसके संदर्भ में कही है। हालांकि अगर उन्होंने हमारी पार्टी के संदर्भ में यह बात कही है तो हमारे पास भी जवाब तैयार है। वैसे उन्होंने यह भी कहा किसी के कहने से कुछ भी नहीं होता। यह तो जनता की अदालत में तय होगा कि किसे चप्पल पड़ेगी।
शिवसेना विधायक की मोदी से सुलह की सलाह
कांग्रेस और शिवसेना के बीच चल रही तकरार में शिवसेना के तेजतर्रार विधायक प्रताप सरनाइक भी कूद पड़े हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सुलह करने की सलाह दी है। सरनाइक ने अपने पत्र में शिवसेना को हो रहे नुकसान का खुलकर जिक्र करते हुए कहा है कि एनसीपी और कांग्रेस अपना मुख्यमंत्री बनाने की कोशिश में लगे हुए हैं। कांग्रेस की ओर से अकेले चुनाव लड़ने की बात कही जा रही है तो एनसीपी शिवसेना नेताओं को तोड़ने की साजिश में लगी हुई है।
बिना गलती के निशाना बन रही शिवसेना
शिवसेना नेता ने कहा कि केंद्र की ओर से भी एनसीपी को परोक्ष समर्थन मिल रहा है क्योंकि एनसीपी नेताओं के पीछे कई केंद्रीय एजेंसियां लगी हुई हैं। इन एजेंसियों की ओर से शिवसेना को बिना गलती के निशाना बनाया जा रहा है।
ऐसे में अगर शिवसेना पीएम मोदी के करीब आती है तो शिवसेना नेताओं और उनके परिजनों की पीड़ा अपने आप खत्म हो जाएगी। शिवसेना विधायक के पत्र को भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पटोले के बयान का जवाब माना जा रहा है।
एनसीपी ने नहीं दी कोई प्रतिक्रिया
सियासी जानकारों का कहना है कि शिवसेना और कांग्रेस के बीच शुरू हुई इस बयानबाजी से दोनों पार्टियों के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है। अभी महाविकास अघाड़ी सरकार में शामिल तीसरी पार्टी एनसीपी की ओर से खुलकर कोई बयान नहीं दिया गया है।
भाजपा कांग्रेस और शिवसेना में बढ़ रहे तनाव के मामलों में दिलचस्पी जरूर ले रही है मगर भाजपा नेताओं की ओर से भी अभी खुलकर कोई बात नहीं कही जा रही है। अब देखने वाली बात यह होगी कि दोनों पार्टियों का नेतृत्व इस तनातनी से कैसे निपटता है।