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Rajkumar Ranjan Singh: गर्ल्स कॉलेज में प्रोफेसर से मोदी कैबिनेट तक का सफर, जानें इस शाही खानदानी सांसद के बारे में

Rajkumar Ranjan Singh: इस समय कैबिनेट मंत्रिमंडल का विस्तार हो रहा है। देश के हर कोने से सांसदों को शामिल किया गया है।

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Newstrack NetworkPublished By Shweta
Published on: 8 July 2021 9:52 AM GMT
राजकुमार रंजन सिंह
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राजकुमार रंजन सिंह  ( फोटो सोशल मीडिया)

Rajkumar Ranjan Singh: इस समय कैबिनेट मंत्रिमंडल का विस्तार हो रहा है। देश के हर कोने से सांसदों को शामिल किया गया है। इस बार के विस्तार में टेक्नोक्रेट्स और ब्यूरोक्रेट्स को भी मौका दिया गया है। कुछ लोग एकेडमिक सेक्टर से आए तो कुछ पूर्व अधिकारी हैं। इसी संदर्भ में मणिपुर से 2019 में लोकसभा सीट जीतकर राजकुमार रंजन सिंह आज यूनियन कैबिनेट में शामिल होने वाले हैं।

भारतीय जनता पार्टी से ही राजराजकुमार रंजन सिंहकुमार रंजन ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। इन्होंने अपनी पढ़ाई गुवाहाटी यूनिवर्सिटी से की है। पेशे से यह एक अध्यापक और शोधकर्ता हैं। पर अपने इस लाइन को छोड़ कर वह पॉलिक्टिक्स में आए और इस साल कैबिनेट मंत्री के तौर पर चुने गए हैं। मणिपुर इम्फाल के पूर्वी जिला के एक गांव कोंगबा मखा नंदीबम लेके में 1 सितंबर साल 1952 में जन्मे राजकुमार रंजन सिंह इस बार मोदी कैबिनेट के विस्तार में शामिल हो रहे हैं। इनके पिता स्वर्गीय राजकुमार नीलमणि सिंह (Rajkumar Nilamani Singh) थे।

राजकुमार रंजन सिंह की शिक्षा

राजकुमार रंजन सिंह ( फोटो सोशल मीडिया0

राजकुमार रंजन की धना मंजुरी (Dhana Manjuri) कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई करने के बाद इनकी शादी देबाला देवी(Debala Devi) से हुई। साल 1971 में गुहाटी यूनिवर्सिटी से भूगोल में मास्टर्स किया और फिर प्रॉब्लम्स ऑफ लैंड यूज पर पीएचडी की पढ़ाई पूरी की। राजकुमार रंजन मणिपुर के शाही खानदान से संबंध रखते हैं जिसे आज भी लोग मानते हैं।

करियर

राजकुमार रंजन सिंह ( फोटो सोशल मीडिया)

राजकुमार रंजन पहली बार साल 1973 में आइडियल गर्ल्स कॉलेज में प्रोफेसर के तौर पर काम किए। यह काम वह साल 1984 तक किए। साल 1985 से वह डिप्टी रजिस्ट्रार के तौर पर काम किए। मणिपुर के कई कॉलेज में पढ़ाने के बाद राजकुमार रंजन ने मणिपुर यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर की तरह काम किया। वह अर्थ साइंस में प्रोफेसर के तौर पर का किया। साल 2004 से 2008 तक मणिपुर यूनिवर्सिटी में रजिस्ट्रार नियुक्त किए गए। साल 2013 तक यह मणिपुर यूनिवर्सिटी के कॉलेज विकास डायरेक्टर बने रहे।शुरू में इनका करियर एक अध्यापक और अध्ययन से संबंधित था।

राजनीतिक सफर

राजकुमार रंजन सिंह ( फोटो सोशल मीडिया)

राजकुमार रंजन के राजनीतिक करियर की शुरुआत साल 2013 में हुई जब यह भारतीय जनता पार्टी से जुड़े। फिर अगले साल 2014 में ही यह लोक सभा चुनाव लड़े। अपने शुरू के इस चुनाव में उन्हे हार का मुंह देखना पड़ा। साल 2019 में बीजेपी ले टिकेट पर वह 17वें विधान सभा चुनाव में सांसद चुने गए। बीजेपी में बतौर स्पोक्सपर्सन के तौर पर काम भी किया। इन्हें विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए स्थायी समिति, डोनर(DoNER) के लिए सलाहकार समिति और संसदीय नियम समिति सहित कई संसदीय समितियों का सदस्य नियुक्त किया गया है।

परिवार

मोदी टीम में शामिल हुए राजकुमार रंजन सिंह

राजकुमार रंजन मणिपुर के शाही परिवार से जुड़े हैं। इनके पिता राजकुमार नीलमणि सिंह थे। इनकी मां का नाम निंगथेम्चा ओंगबी अचौबी (Ningthemcha Ongbi Achoubi) है। इनकी शादी देबाला देवी (Debala Devi) से हुई। इनके दो लड़के हैं। इनकी चल संपत्ति 32 लाख और अचल संपत्ति 1 करोड़ 60 लाख है तथा इनकी कुल संपत्ति 2 करोड़ की है।

Shweta

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