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होंडा सिटी में घूमने - आलीशान बंगले में रहने की थी इच्‍छा, हर दिन कमाने लगे 3 से 4 लाख, और फिर...  

sudhanshu
Published on: 2 Sep 2018 2:46 PM GMT
होंडा सिटी में घूमने - आलीशान बंगले में रहने की थी इच्‍छा, हर दिन कमाने लगे 3 से 4 लाख, और फिर...  
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नोएडा: जिले की पुलिस ने एक मास्‍टरमाइंड और उसके सहयोगी को रविवार को अरेस्‍ट किया है। ये दोनों होंडा सिटी जैसी लग्‍जरी गाडियों में घूमने और आलीशान बंगले में रहने के लिए क्राइम करने लगे थे। इनका इरादा दिल्ली में इलाहाबाद बैंक के विभिन्न स्थानों पर लगे एटीएम से करीब 1.7 करोड़ रुपये का गबन करके लग्जरी कार और बंगला खरीदने का था। ये दोनों हर दिन 3 से 4 लाख रूपये निकालने में भी सफल होने लगे। ले‍किन पुलिस ने इनको धर लिया।

इस तकनीक के सहारे निकालते थे मोटी रकम

मास्टर माइंड राजन भारद्बाज ने फरीदाबाद में होंडा सिटी कार भी बुक करा दी थी। जबकि उसका सहयोगी शंकर झा दिल्ली में फ्लैट की तलाश कर रहा था। मास्टर माइंड राजन बीए पास है, जबकि शंकर 12 वीं पास है। करीब दो महीने से वे फरार आरोपित अजीत सिंह के साथ एटीएम में कैश लोड करने के दौरान जंपिंग और डी-कोड के जरिये रोजाना दो से चार लाख रुपये निकाल ले रहे थे। सेक्टर 24 कोतवाली पुलिस ने शनिवार रात करीब साढे दस बजे सेक्टर 11 स्थित वीडियोकॉन चौराहे से राजन निवासी फरीदाबाद और शंकर झा निवासी गोविंदपुरी दिल्ली को गिरफ्तार करके मामले का पदार्फाश कर दिया है। आरोपितों से 19.75 लाख रुपये बरामद हुआ है।

एक साल से कर रहे थे एटीएम का काम

सेक्टर 11 स्थित लॉजीकैश सैल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में आरोपित राजन भारद्बाज और शंकर झा कस्टोडियन ऑफिसर थे। यहां छह माह से शंकर और करीब एक साल से राजन नौकरी कर रहा था। लॉजीकैश कंपनी के पास दिल्ली के करीब 24 एटीएम में कैश भरने का कांट्रैक्ट है। इनमें से प्रतिदिन करीब 15 एटीएम में प्रतिदिन कैश डाला जाता है। राजन और शंकर ही अजीत सिंह के साथ एटीएम में पैसे डालने जाते थे। इन्हें कंपनी से एटीएम का कोड वर्ड और पासवर्ड मिला था। आरोपितों को प्रशिक्षण देकर एटीएम में कैश डालने व निकालने की तकनीकी जानकारी दी गई थी। प्रशिक्षण के दौरान ही इनके मन में पैसे उड़ाने का लालच आया था।

मशीनों को डी-कोड कर निकालते थे पैसा

सेक्टर 24 कोतवाली प्रभारी पंकज पंत ने बताया कि आरोपितों ने योजना के तहत एटीएम मशीनों को जम्पिंग और डी-कोड करके पैसे निकालते थे। आरोपित एटीएम के कोड वर्ड व पासवर्ड की मदद से पहले एटीएम मशीन में कैश डालते थे और इसकी पर्ची निकाल लेते थे। इससे पता चलता था कि आरोपितों ने पूरा कैश एटीएम में डाल दिया है। इसके बाद एटीएम को जम्प व डी-कोड करके दो से चार लाख निकाल लेते थे। इस कैश को आपस में बांट लेते थे और पर्ची को कंपनी में जमा कर देते थे। आरोपितों ने दिल्ली के हरिनगर एक्सटेंशन, बदरपुर, साकेत, कालकाजी और नेहरू प्लेस स्थित एटीएम से सबसे अधिक कैश निकाले थे।

हर महीने ऑडिट के बाद भी नहीं चल सका पता

पुलिस का कहना है कि बैंक हर महीने कैश का ऑडिट करता है। एचआर विभाग को पहले महीने ही इस धोखाधड़ी को पकड़ लेना चाहिये था, लेकिन दो महीने तक इसे पकड़ा नहीं जा सका। इसके अलावा लॉजीकैश कंपनी के कर्मचारियों पर भी मिलीभगत का शक है। इन सभी से पूछताछ की जायेगी। आरोपितों ने भी बैंक प्रबंधन पर एटीएम में कैश जमा करने व निकालने की निगरानी करने में लापरवाही बरतने का दावा किया है।

पुलिस पूछताछ में कबूला जुर्म

नोएडा एसपी सिटी अरूण कुमार सिंह ने बताया कि सेक्टर 24 कोतवाली में एटीएम से 1.7 करोड़ रुपये निकाल कर धोखाधड़ी करने की रिपोर्ट दर्ज हुई थी। यह आरोप कस्टोडियन अधिकारियों पर लगा था। दो आरोपितों को गिरफ्तार करके पूछताछ की गई, तो आरोपितों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। आरोपितों का कहना है कि वे एटीएम में कैश लोड करने के बाद पर्ची निकाल लेते थे और फिर जम्पिंग और डी-कोड के जरिये दो से चार लाख रुपये निकाल लेते थे। अभी एक आरोपित फरार है। इस धोखाधड़ी में लॉजिकैश कंपनी व बैंक के कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।

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