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उम्रकैद की सजा का सदमा बर्दाश्त नहीं कर सकी बंदी महिला, जेल में मौत
अपनी सौतन के बेटे की हत्या के मामले में 2016 से निरूद्ध एक 25 वर्षीय महिला बंदी की न्यायालय द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाने के चंद घंटों बाद ही कारागार में बंदी अवस्था में मौत हो गई। महिला की मौत के कारण की जांच के लिए उसका चिकित्सकों के पैनल से परीक्षण कराया जा रहा है।
एटा : अपनी सौतन के बेटे की हत्या के मामले में 2016 से निरूद्ध एक 25 वर्षीय महिला बंदी की न्यायालय द्वारा आजीवन कारावास की
सजा सुनाने के चंद घंटों बाद ही कारागार में बंदी अवस्था में मौत हो गई। महिला की मौत के कारण की जांच के लिए उसका चिकित्सकों के पैनल से परीक्षण कराया जा रहा है।
कासगंज कोतवाली क्षेत्र के गांव सैलई की रहनेवाली 25 वर्षीय राधा पुत्री अजुद्दी प्रसाद को बीते 20 अगस्त 2016 को अपनी सौतन तुलसी के बेटे 4 वर्षीय शिवम् की गला घोंटकर हत्या करने के आरोप में 24 अगस्त 2016 को गिरफ्तार कर जिला कारागार में निरूद्ध किया गया था।
इस मामले में जनपद न्यायाधीश के न्यायालय ने सोमवार को ही राधा को आजीवन कारावास की सजा से दण्डित किया था।
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जीजा से प्रेम विवाह की परिणति था यह कांड, दरअसल कासगंज के ही सहावर गेट निवासी संजय पुत्र विजयपाल की शादी वर्ष 2007 में सैलई निवासी तुलसी नामक महिला से हुई थी। तुलसी राधा की चचेरी बहन थी। शादी के बाद ट्रक चालक संजय एटा के अबंतीबाई नगर में रहने लगा था। इस दौरान ससुराल आते-जाते संजय की आखें राधा से लड़ गयीं। और तुलसी व परिजनों के विरोध के बावजूद राधा संजय से विवाह कर उसकी दूसरी पत्नी के रूप में एटा आकर रहने लगी।
30 मई 2016 को एटा-कासगंज मार्ग पर लुटेरों ने संजय को गोली मार उसके पास से एक लाख रूपये की लूट कर ली। जबकि घायल संजय उपचार के लिए अलीगढ़ रैफर कर दिया। अब संजय की पहली पत्नी तुलसी तो संजय के पास अलीगढ़ में रहने लगी। जबकि राधा संजय के बच्चों के साथ उसके अबंतीबाईनगर स्थित आवास में रहती रही। इस मध्य 20 अगस्त को राधा ने संजय के दोनों बच्चों 4 वर्षीय शिवम् तथा 7
वर्षीय नितिन के हाथ-पांव बांधकर उनका गला घोंट दिया और उन्हें मरा जान फरार हो गयी। सुबह जब मकान मालिकिन ने देखा तो इस कांड का खुलासा हुआ। इस घटना में 4 वर्षीय शिवम् की तो मौत हो गयी। जबकि दूसरा बेटा नितिन बच गया। उस समय नितिन के बयानों से यह भी सामने आया कि कोई अज्ञात व्यक्ति घरवालों की अनुपस्थिति में राधा के पास आता था तथा उसका पति व बहन उस पर शक करते थे।
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मामले में इस राज का तो भेद नहीं खुला किन्तु 24 अगस्त 2016 को पुलिस ने राधा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। राधा तब से वहीं निरूद्ध थी। इस मामले में सोमवार को जनपद न्यायाधीश रेणु अग्रवाल के न्यायालय ने राधा को हत्या का दोषी मान उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
जिला कारागार के सूत्रों के बाद सजा सुनते ही राधा गुमसुम हो गई तथा कारागार में भी किसी से बात किये बिना बैठी देखी गई। रात करीब 11 बजे उसकी तबियत बिगड़ी। और उसे रात करीब 1 बजे जब तक जिला चिकित्सालय लाया गया, उसकी मौत हो गयी। राधा की मौत की सूचना उसके परिजनों को भी भेजी गयी किन्तु शाम 4 बजे तक किसी परिजन की उपस्थिति नहीं देखी गयी। अंततः प्रशासन ने उसकी मौत का
कारण जानने के लिए चिकित्सकीय पैनल व वीडियोग्राफी सहित उसका परीक्षण कराने का निश्चय किया है।