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100 Cr. फिरौती का केस निकला फर्जी, कारोबारी श्रीनगर में कर रहा था मौज मस्ती

Rishi
Published on: 28 July 2017 4:15 PM GMT
100 Cr. फिरौती का केस निकला फर्जी, कारोबारी श्रीनगर में कर रहा था मौज मस्ती
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आगरा: फि‍रोजाबाद के कारोबारी संजीव गुप्ता के अपहरण मामले में नया खुलासा हुआ है। अपहरण और 100 करोड़ की फिरौती मांगे जाने का मामला फर्जी बन सामने आया है। उसने खुद अपने अपहरण की कहानी रची थी। जानकारी के अनुसार, संजीव श्रीनगर की हसीन वादियों में मौज मस्ती कर रहा था। गुरुवार को उसने अपने आपको पानीपत में एसटीएफ को सौंप दिया।

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कहानी फ़िल्मी है मेरे दोस्त

रीयल एस्टेट के प्रोजेक्ट से जुड़े संजीव का बीसी का भी काम है। सूत्रों के मुताबिक संजीव की बीसी विदेशों में खुलती थी यानी कि संजीव का बीसी का काम अंतराष्ट्रीय स्तर पर था। संजीव ने बीसी की रकम अपने कई अलग-अलग कारोबार में लगाई और उसे वहां से सही रिटर्न नहीं मिला। इसके बाद उसने अपने अपहरण का नाटक रचा।

लेकिन वो ये भूल गया, कि ये असल जिंदगी है और यहाँ सबकुछ असली ही होता है। शनिवार से ही पुलिस और उसके बाद एसटीएफ सक्रीय हो गयी, संजीव की लोकेशन निकाली जाने लगी। 22 जुलाई को गायब होने के बाद संजीव की लोकेशन एटा के अवागढ़ की मिली थी। संजीव का मोबाइल लगातार ऑन-ऑफ हो रहा था। 22 जुलाई की ही रात को संजीव के फोन की लोकेशन दिल्‍ली और नोएडा के बीच मिली।

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रविवार को लोकेशन चंडीगढ़ मिली, वहीं सोमवार को मोबाइल की लोकेशन जम्‍मू की मिली। मंगलवार को भी लोकेशन में बदलाव मिला था। जिस तेजी से लोकेशन बदल रही थी, उससे अपहरण का ये मामला संदिग्‍ध बनता जा रहा था। इसके बाद वो श्रीनगर निकल गया, फिर क्या हुआ वो हम आपको पहले ही बता चुके हैं।

सूदखोरी का मामला रहा था चर्चित, दर्ज है मुकदमा

पिछले दिनों संजीव गुप्ता सूदखोरी के मामले में भी सुर्खियों में रहे थे। सुहाग नगर निवासी एक महिला की तहरीर पर उनके खिलाफ तहरीर दी थी।

बीसी और सिक्‍का कारोबार का बड़ा खिलाड़ी

जानकारी मिली है, कि गुप्‍ता बीसी और सिक्‍का कारोबार का बड़ा खिलाड़ी है। कई जिलों और विदेशों तक उसका ये कारोबार फैला है। उसने इसी से करोड़ों रुपए निकाल स्‍कूल, रेस्‍टोरेंट सहित कई और धंधों में हाथ मारा लेकिन सफलता नहीं मिली।

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कैसे काम करता है बीसी और सिक्‍का कारोबार

बीसी और सिक्‍का के धंधे में 5 साल बाद 12 फीसदी सालाना ब्‍याज के साथ पैसा लौटाना होता है। पहले तो संजीव समय पर पैसे लौटा देता था। लेकिन पिछले 6 महीने से रकम वापसी में पहले 15 दिन फिर डेढ़ महीने की देरी होने लगी थी। उसपर पैसे लौटाने का दबाव था, इसी के चलते उसने अपहरण और करोड़ों की फिरौती की साजिश रची।

Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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