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DELHI UNIVERSITY में फाइनल हुई स्पोर्ट्स कोटे की सीटें
दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) ने 2017-18 अकैडमिक ईयर के लिए स्पोर्ट्स कैटिगरी के तहत अतिरिक्त सीटों के लिए अंडर ग्रेजुएट (UG) एडमिशन पॉलिसी को फाइनल कर दिया गया है। दाखिले में 60 फीसदी वेटेज स्पोटर्स ट्रायल्स को और सर्टिफिकेट को 40 फीसदी मिलेंगे। सिस्टम को ट्रांस्पैरेंट और सरल बनाने क लिए अब स्पोर्ट्स काउंसिल कॉमन फिटनेस ट्रायल की जगह गेम्स स्पेसिफिक ट्रायल फिटनेस टेस्ट ले कर आ रहा है अभी एडमिशन की डेट्स तय नहीं की गई हैं। आखिरी फैसला यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर पर निर्भर करेगा।
नई दिल्ली : दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) ने 2017-18 अकैडमिक ईयर के लिए स्पोर्ट्स कैटिगरी के तहत अतिरिक्त सीटों के लिए अंडर ग्रेजुएट (UG) एडमिशन पॉलिसी को फाइनल कर दिया गया है। दाखिले में 60 फीसदी वेटेज स्पोटर्स ट्रायल्स को और सर्टिफिकेट को 40 फीसदी मिलेंगे। सिस्टम को ट्रांस्पैरेंट और सरल बनाने क लिए अब स्पोर्ट्स काउंसिल कॉमन फिटनेस ट्रायल की जगह गेम्स स्पेसिफिक ट्रायल फिटनेस टेस्ट ले कर आ रहा है अभी एडमिशन की डेट्स तय नहीं की गई हैं। आखिरी फैसला यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर पर निर्भर करेगा।
क्या कहना है डीयू स्पोर्ट्स काउंसिल के चेयरमैन का?
डीयू स्पोर्ट्स काउंसिल के चेयरमैन प्रो. सी. एस. दूबे का कहना हैं कि हर स्पोर्ट्स के लिए अलग फिटनेस लेवल होता है। उसे जज करने के लिए अलग पैरामीटर होते हैं। जैसे शूटिंग और फुटबॉल को एक ही टेस्ट के आधार पर इनके खिलाड़ियों को जज नहीं किया जा सकता। इस कारण हम इस बार स्पोर्ट्स स्पेसिफिक फिटनेस टेस्ट रखेंगे। हर गेम के ट्रायल के लिए अलग-अलग कॉलेज में सेंटर बनाए जाएंगे। ट्रायल की विडियोग्रफी भी की जाएगी। इस नए सिस्टम पर एडमिशन कमिटी ने मंजूरी दे दी है।
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3 पैरामीटर्स पर मिलेंगे नंबर
-इस बार स्पोर्ट्स काउंसिल ने ट्रायल के लिए मार्क्स वेटेज 50 के बजाय 60 कर दिए हैं।
-ट्रायल में कम से कम 30 नंबर लाना जरूरी होगा।
-सर्टिफिकेट्स के लिए 40 मार्क्स होंगे।
-ट्रायल में 3 कैटिगरी के तहत एक्सपर्ट्स मार्क्स देंगे, इनमें स्पोर्ट्स स्पेसिफिक फिटनेस टेस्ट, फंडामेंटल गेम्स स्किल्स और प्लेइंग अबिलिटी (किसी खास गेम के लिए) हैं।
प्रो. दूबे का कहना है, इससे पहले एक्सपर्ट्स अपने पैमानों पर नंबर देते थे, मगर अब स्पोर्ट्स काउंसिल से अप्रूव्ड इन 3 पैरामीटर्स पर नंबर दिए जाएंगे। इस सिस्टम से ट्रायल और बेहतर होंगे।
छात्र भी देख सकेंगे मार्क्स
-प्रो दुबे बताते हैं, पिछले बार यह सिस्टम मैनवल था, जिससे काफी परेशानी हुई। गलत मार्क्स चढ़ाने को लेकर शिकायतें भी आईं।
-इस बार स्पोर्ट्स के डॉक्युमेंट्स का वेरिफिकेशन भी ऑनलाइन होगा।
-इनका कहना है कि हमने इस बार ऑनलाइन सिस्टम बनाया है।
-कैटगिरी के हिसाब से हमने एक ‘ड्रॉप डाउन’ मेन्यू तैयार किया है, जिसमें 9 विकल्प है।
-छात्रों को अपने सर्टिफिकेट का लेवल चुनकर भरना होगा और सर्टिफिकेट को स्कैन कर उसकी कॉपी अपलोड करनी होगी।
-फिर इससे बाद काउंसिल मेंबर्स ऑनलाइन वेरिफेकशन करेंगे।
-इसके साथ ही, ट्रायल के बाद कैंडिडेट्स के मार्क्स सभी तीन एक्सपर्ट्स ऑनलाइन ही अपलोड करेंगे, इससे छात्र भी अपने मार्क्स देख सकेंगे।