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इनोवेशन: ये है IIT कानपुर का रियल टाइम डिहेजिंग मेथड, कोहरे में करेगा ट्रेन-प्‍लेन की मदद

sudhanshu
Published on: 31 Aug 2018 2:54 PM GMT
इनोवेशन: ये है IIT कानपुर का रियल टाइम डिहेजिंग मेथड, कोहरे में करेगा ट्रेन-प्‍लेन की मदद
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कानपुर: आईआईटी कानपुर के अनुसंधानकर्ताओं ने रियल टाइम डिहेजिंग मेथड तैयार किया है। यह प्रणाली भारतीय रेल के लिए बहुत उपयोगी साबित होगी। कोहरे एवं खराब मौसम में दृश्यता कम होने के कारण भारतीय रेल का आवागमन अस्त-व्यस्त हो जाता है किन्तु इस प्रणाली के उपयोग से दृश्यता में पर्याप्त वृद्धि होगी जिससे रेल का सही समय में आवागमन हो सकेगा तथा दुर्घटना होने की बहुत कम गुंजाइश रह जाएगी। यही मेथेड हवाई जहाजों के सुगम यातायात के लिए भी लाभदायक होगा।

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर के विद्युत अभियांत्रिकी विभाग के प्रोफेसर के एस वेंकटेश एवं प्रो. सुमन गुप्ता के मार्गदर्शन में इसी विभाग के पूर्व पीएच.डी छात्र सौमिक भट्टाचार्या एवं हिमांशु कुमार ने कंप्यूटर विजन लैब में इस प्रणाली का विकास किया है। इस प्रणाली की मदद से एक ही बार में सिंगल व्यू से देखा जा सकेगा।

मौजूदा प्रणाली से है बेहतर

सौमिक भट्टाचार्या ने बताया कि हमारे बीच अन्य डिहेजिंग मेथड मौजूद हैं। किन्तु भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर के अनुसंधानकर्ताओं द्वारा तैयार की गई प्रणाली अपेक्षाकृत अधिक प्रभावशाली एवं समय-साध्य है। मौजूदा प्रणालियाँ इमेज के कान्ट्रास्ट को बढ़ाती हैं, किन्तु प्रक्रमण के बाद संरचनात्मक सूचना को हटा देती हैं। संस्थान की अनुसंधानकर्ताओं की टीम ने दावा किया है कि उनकी प्रणाली मौजूदा प्रणालियों की अपेक्षा कहीं अधिक सटीक एवं बेहतर प्रदर्शन करने वाली साबित होगी।

फ्लॉड इमेज की रियल टाइम प्रोसेसिंग में समय की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। प्रस्तावित डिहेजिंग मॉडल अन्य अत्याधुनिक प्रणालियों की अपेक्षा लो टाइम काम्प्लैक्सिटी देता है। अनुसंधानकर्ताओं की टीम ने टाइम लैप्स के आधार पर अन्य प्रणालियों के साथ तुलना करने के बाद निष्कर्ष निकाला है कि कमोडिटी हार्डवेयर में मौजूदा प्रणालियों की तुलना में प्रस्तावित प्रणाली की गति लगभग 6 गुना अधिक है। इसके अलावा मार्केट में मल्टीस्पैक्ट्रल साल्यूशन उपलब्ध हैं जो काफी मँहगे हैं। रियल टाइम डिहेजिंग प्रणाली की लागत बहुत कम होगी।

यह प्रणाली कोहरे में व्हीकल नेवीगेशन तथा खराब मौसम में सर्विलांस के लिए उपयोगी साबित हो सकती है तथा वायुयान चालन, एमआरआई एवं सीटी स्कैन जैसी बायोमेडिकल प्रोसेस तथा कंप्‍यूटर विजन एप्लीकेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

स्‍पेशल है ये इमेज इनहैंसमेंट टेक्निक

यह एक विशेष इमेज संवर्द्धन तकनीक है। इमेज संवर्द्धन प्रोसैसिंग का प्रथम चरण हैं, जो विभिन्न एप्लीकेशंस में लागू किया जाता है। इसके लिए विजुएल इनपुट की आवश्यकता होती है। धुन्ध एवं कोहरे के कारण इमेज में हल्का रंग आ जाता है। हल्के रंग को सफेद प्रकाश के रूप में देखा जा सकता है, जिसकी तीव्रता इमेज के एक छोर से दूसरे छोर तक भिन्न-भिन्न होती है। तीव्रता में परिवर्तन होना कैमरे और वस्तु के बीच की दूरी पर निर्भर करता है। इमेज के एक छोर से दूसरे छोर पर आसमान हल्के रंग की समस्या का समाधान करने के लिए टीम ने कलर यूनिफॉर्मिटी प्रिंसीपल का प्रयोग किया है।

इस प्रणाली में तीन मुख्य चीज शामिल हैं - (01) ट्रांसमिशन मैप इस्टीमेशन (02) एटमास्फेयर स्कैटरिंग पैरामीटर इस्टीमेशन (03) इक्वालाइजेशन एवं डिहेजिंग। कलर यूनिफॉर्मिटी प्रिंसीपल का उपयोग करते हुए ट्रांसमिशन मैप का प्राकल्लन किया जाता है। जिसे बाद में फास्ट-गाइडेड फिल्टर में रिफाइन किया जाता है। यह रिफाइन ट्रांसमिशन मैप वायुमंडल के विस्तृत मापदण्ड के आकलन में सहायता करता है। इसके बाद, प्रकाश के आकलन के फलस्वरूप मॉडल इक्वेशन का उपयोग करते हुए इमेज की डिहेजिंग की जाती है।

इस प्रणाली को पूर्व की मेथड एंड सिस्टम फॉर एक्सपेंसन ऑफ विजिबिलिटी रेंज ऑफ एन इमेज जिसका मूल पेटेंट 2016 में दर्ज किया गया था, से जोड़ा गया है। अनुसंधानकर्ताओं ने नई प्रणाली मेथड एंड सिस्टम फॉर डिहेजिंग विडियो एंड इमेज इन रियल-टाइम का भी पेटेंट कराया है।

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