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...तो क्या इस बार भी बोर्ड परीक्षाएं नहीं होंगी हाईटेक?, 1.6 लाख बच्चे देंगे एग्जाम
लखनऊ : यूपी में आगामी 16 मार्च से बोर्ड परीक्षाएं शुरू होंगी, जो 21 अप्रैल तक चलेंगी। लेकिन इस बार बोर्ड परीक्षाओं को हाईटेक तरीकों से आयोजित करवाने के मामले में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड पीछे हटता नजर आ रहा है। अभी तक किसी भी अधिकारी ने बोर्ड परीक्षाओं के आयोजन में किसी विशेष तकनीक जैसे माेबाइल एप या फिर सिम कार्ड से अटेंडेंस की बात की अधिकारिक पुष्टि की है।
गौरतलब है कि पिछलेे साल यूपी बोर्ड परीक्षाओं को हाईटेक बनाने के असफल प्रयास हुए थे। पिछली बार माध्यमिक शिक्षा परिषद की एक भी तकनीकी योजना परवान नहीं चढ़ सकी थी। चूंकि अब बोर्ड परीक्षा आरंभ होने में चंद दिन ही बाकि हैं, तो ऐसे में इस बार परीक्षाओं में तकनीक के किसी अनूठे प्रयोग की संभावना कम ही प्रतीत हो रही है।
ज्वाइंट डायरेक्टर बोले- 10 मार्च तक करें इंतजार
-लखनऊ के माध्यमिक शिक्षा विभाग के संयुक्त शिक्षा निदेशक (षष्ठम् मंडल) दीपचंद ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा परिषद ने पिछले साल कई अनूठे प्रयोग किए थे।
-इसमें केंद्र पर एक सिम कार्ड देकर केंद्र व्यवस्थापक द्वारा कक्ष निरीक्षकों और बच्चों की उपस्थिति की स्थिति को स्पष्ट करने के निर्देश थे।
-इसके अलावा एक मोबाइल एप के जरिए भी अनुपस्थित छात्रों का ब्यौरा तत्काल भेजने के भी प्रयास किए गए थे।
-अति संवेदनशील केंद्रों पर क्रमानुसार उत्तर पुस्तिकाएं भेजी गई थीं।
-केंद्रो पर सीसीटीवी कैमरे भी लगवाए गए थे।
-हालांकि इस बार भी सीसीटीवी लगवाए जाने हैं। |
-अन्य तकनीकों केे इस्तेमाल पर उन्होंने फिलहाल कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया।
-संयुक्त शिक्षा निदेशक दीपचंद ने जानकारी दी कि आगामी 10 मार्च को परीक्षा समिति की एक बैठक इलाहाबाद में होनी प्रस्तावित है।
-जिसमें सभी जिलों के डीआईओएस, ज्वाइंट डॉयरेक्टर समेत सारे शिक्षा अधिकारी मौजूद रहेंगे।
-यदि परीक्षा के आयोजन में कोई हाईटेक तरीका अपनाया जाएगा तो उसी दिन पता चलेगा।
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पिछली बार ये प्रयोग हुए थे असफल
-माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रादेशिक संरक्षक डॉ आरपी मिश्रा ने बताया कि पिछले साल केंद्र व्यवस्थापकों को एक सिम कार्ड जारी किया गया था।
-इसके जरिए केंद्र पर मौजूद उपस्थित छात्रों के साथ कक्ष निरीक्षकों की स्थिति को परीक्षा के दौरान अपडेट करवाना था।
-लेकिन कई सिम तो परीक्षा वाले दिन तक एक्टिवेट ही नहीं हुए थे।
-इसके अलावा अनुपस्थित छात्रों को ब्यौरा परीक्षा के दौरान उपलब्ध करवाने के लिए एक मोबाइल एप लॉन्च किया जाना था।
-लेकिन परीक्षा वाले दिन तक कोई एप फंक्शनल नहीं हो पाया था।
-इसके चलते छात्रों की उपस्थिति का ब्यौरा मैनुअल ही दर्ज करना पड़ा।
-जिन केंद्रों पर सीसीटीवी लगे, उनमें से कुछ विद्यालयों ने समय से सीडी में रिकार्डिंग परिषद को नहीं भेजी।
-हालांकि इस बार सीसीटीवी तो लगेंगे लेकिन अन्य तकनीकी प्रयोगाें के बारेे में जानकारी नहीं दी गई है।
1.6 लाख बच्चे देंगे बोर्ड परीक्षा
-डीआईओएस उमेश त्रिपाठी ने बताया कि इस बार राजधानी में 150 परीक्षा केंद्र बनाए गए है।
-इसमें 48 वित्तविहीन और शेष राजकीय और अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालय सम्मलित हैं।
-इन केंद्रों पर 5000 कक्ष निरीक्षकों की तैनाती होनी है।
-ये कक्ष निरीक्षक राजधानी में पंजीकृत एक लाख 6 हजार बच्चों की परीक्षा कराएंगे।
-इनमें हाईस्कूल के 57,907 बच्चे शामिल हैं।
-जिनमें 29,615 छात्र और 28292 छात्राएं शामिल हैं।
-इनके अलावा इंटरमीडिएट के 44754 बच्चे भी शामिल है।
-इनमें 21503 बालक और 23251 बालिकाएं शामिल रहेंगे।
हर 10 केंद्रो पर होगा एक सेक्टर मजिस्ट्रेट
डीआईओएस उमेश त्रिपाठी ने बताया कि मुख्य सचिव राहुल भटनागर द्वारा 6 फरवरी को सभी मंडलों के कमिश्नरों और डीएम को पत्र लिखकर यूपी बोर्ड परीक्षा को संपन्न करवानेे के लिए राजस्व अधिकारियों को बतौर सेक्टर मजिस्ट्रे्ट तैनात करने का आदेश हुआ हैै। हर 10 सेंटर्स पर एक-एक सेक्टर मजिस्ट्रेटों को तैनात किया जाएगा।
डीआईओएस कार्यालय में बनेगा कंट्रोल रूम
-डीआईओएस उमेश त्रिपाठी ने बताया कि डीआईओएस कार्यालय में ही एक कंट्रोल रूम बनाया जाएगा।
-यहां शिफ्ट के हिसाब से कर्मचारी की तैनाती की जाएगी।
-इसके हेल्पलाइन नंबर को जल्द ही जारी किया जाएगा।
-कोई भी जानकारी के लिए उनके सीयूजी नंबर 9454457262 पर भी कॉल कर सकते हैं।