AI Vs Doctor: क्या डॉक्टरों से बेहतर है AI? चिकित्सा क्षेत्र में नई सुबह की तैयारी

AI Vs Doctor: वो दिन दूर नहीं जब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) न सिर्फ लोगों का इलाज करेगा बल्कि ये डॉक्टर्स से भी तेज़ और सटीक काम करेगा।

Jyotsna Singh
Published on: 29 April 2025 5:46 PM IST
AI Vs Doctor
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AI Vs Doctor (Photo - Social Media)

AI Vs Doctor: कल्पना कीजिए कि आप अपने प्रियजन के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं। डॉक्टर की अपॉइंटमेंट के लिए लंबा इंतजार, रिपोर्ट्स की जटिलता और समय की कमी इन सबके बीच, एक AI चैटबॉट कुछ ही मिनटों में आपकी समस्या का विश्लेषण कर संभावित निदान और उपचार विकल्प प्रदान करता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) चिकित्सा क्षेत्र में कदम से कदम मिलाकर न सिर्फ डॉक्टरों के साथ चल रहा है, बल्कि कई बार उनसे तेज भी दौड़ रहा है। पर क्या वाकई AI डॉक्टरों की जगह ले पाएगा? या यह उनका सबसे बड़ा सहयोगी बनकर उभरेगा? आइए, इस रोचक यात्रा को समझते हैं।

AI बनाम डॉक्टर सीडर-सिनाई मेडिकल सेंटर का बड़ा खुलासा

लॉस एंजेल्स के प्रतिष्ठित सीडर-सिनाई मेडिकल सेंटर ने हाल ही में एक अनूठा अध्ययन किया। इस अध्ययन में एक वर्चुअल क्लिनिक बनाया गया, जिसमें मरीजों का मूल्यांकन पहले K हेल्थ स्टार्टअप के AI चैटबॉट द्वारा किया गया और फिर डॉक्टर से वीडियो कॉल के जरिए परामर्श कराया गया। परिणाम चौंकाने वाले थे। 68% मामलों में, AI और डॉक्टरों की सिफारिशें समान रहीं। 21% मामलों में, AI की सिफारिशें डॉक्टरों से बेहतर थीं।

केवल 11% मामलों में डॉक्टर की सिफारिशें AI से बेहतर पाई गईं। यह परिणाम एक बहुत बड़ा संकेत है कि AI, अब केवल एक सपोर्ट टूल नहीं, बल्कि एक सशक्त सलाहकार बनता जा रहा है।

AI Vs Doctor (Image Credit-Social Media)

AI के फायदे: तकनीक की सटीकता बनाम मानवीय अनुभव

1. मेडिकल गाइडलाइंस का बेहतर पालन

अध्ययन में देखा गया कि AI, मेडिकल प्रोटोकॉल और गाइडलाइंस का अधिक सख्ती से पालन करता है। जहां डॉक्टर कई बार समय की कमी या थकान के कारण छोटे नियमों को नजरअंदाज कर सकते हैं, वहीं AI हमेशा निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन करता है। इसका मतलब है कम गलतियां और अधिक मानकीकृत इलाज।

2. मरीज के इतिहास की गहन जांच

AI, मरीजों के पुराने मेडिकल रिकॉर्ड को बहुत ही संगठित और बारीकी से जांच सकता है। यह न केवल वर्तमान लक्षणों को देखता है, बल्कि पुराने उपचार, दवाओं की प्रतिक्रियाएं, और बीमारी के पैटर्न को भी जोड़कर एक समग्र तस्वीर बनाता है — जो कई बार डॉक्टरों से छूट सकता है।

3. गंभीर लक्षणों को जल्दी पकड़ना

AI की एल्गोरिद्म आधारित विश्लेषण क्षमता उसे गंभीर बीमारियों के संकेतों को बहुत जल्दी पहचानने में सक्षम बनाती है। उदाहरण के लिए, हार्ट अटैक के सूक्ष्म लक्षण, कैंसर के शुरुआती संकेत या संक्रमण के तेजी से बढ़ने वाले पैटर्न — जिन्हें पकड़ने में इंसानी नजर चूक सकती है।

डॉक्टरों की ताकत: इंसानी स्पर्श और लचीलापन

AI Vs Doctor (Image Credit-Social Media)

डॉक्टर न केवल लक्षणों को देखते हैं, बल्कि मरीज की मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक स्थिति को भी समझते हैं। वे इलाज को व्यक्तिगत परिस्थितियों के अनुसार ढाल सकते हैं, जैसे मरीज का आर्थिक स्तर, मनोवैज्ञानिक स्थिति या पारिवारिक सपोर्ट सिस्टम। AI फिलहाल ऐसी जटिलताओं को समझने में सक्षम नहीं है। बीमार व्यक्ति के लिए भरोसे भरे शब्द, सहानुभूतिपूर्ण छूअन, और सकारात्मक ऊर्जा का इलाज में गहरा प्रभाव पड़ता है। AI भले ही जानकारी और डेटा दे सकता है, लेकिन वह अभी भी इंसानी संवेदनाओं का विकल्प नहीं बन सकता।

भविष्य की झलक: AI सहयोगी नहीं, बल्कि साझेदार

  • तेल अवीव विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डैन जेल्टजर का मानना है कि चिकित्सा का भविष्य डॉक्टरों और AI के बीच साझेदारी में है।
  • AI डॉक्टरों का "सुपर पावर" बनेगा। डायग्नोसिस (निदान) में तेजी। इलाज के विकल्पों की तुलना में सहायता। रोगी की निगरानी में सटीकता। मानव त्रुटियों को न्यूनतम करना।
  • AI डॉक्टरों को बेहतर निर्णय लेने में मदद करेगा, लेकिन खुद डॉक्टर का स्थान नहीं लेगा।

सुरक्षा और गोपनीयता का बड़ा सवाल

चूंकि स्वास्थ्य क्षेत्र में डेटा की सुरक्षा और नियमों का पालन अत्यधिक महत्वपूर्ण है, इसलिए AI का उपयोग बेहद सतर्कता से किया जा रहा है। किसी भी नए मेडिकल AI सिस्टम को सख्त परीक्षणों से गुजरना होगा और चिकित्सकीय अनुमोदन प्राप्त करना पड़ेगा।

AI Vs Doctor (Image Credit-Social Media)

क्या AI पर पूरा भरोसा किया जा सकता है?

अब सवाल उठता है — क्या मरीज आंख मूंदकर AI पर भरोसा कर सकते हैं? शायद अभी नहीं। AI भी डेटा पर आधारित है, और अगर डेटा अधूरा या गलत है तो फैसले भी गलत हो सकते हैं। इसके अलावा, दुर्लभ बीमारियों या अनोखी केस स्टडीज़ में अनुभव होता और सृजनात्मक सोच बेहद जरूरी होती है, जो फिलहाल सिर्फ इंसानी डॉक्टरों में है।

भारत में AI और स्वास्थ्य सेवा

भारत जैसे विशाल आबादी वाले देश में, जहां डॉक्टरों की भारी कमी है, AI एक क्रांति ला सकता है। इस चिकित्सा पद्वति को बढ़ावा मिलने से यहां दूर-दराज के गांवों में स्वास्थ्य सेवा की पहुंच तेजी से संभव होगी। साथ ही सस्ती और तेज़ जांच सुविधाएं, शुरुआती स्तर पर बीमारियों की पहचान जैसी कई तरह से बड़ी मदद हासिल होगी। यही वजह है कि, सरकार और निजी कंपनियां इस दिशा में कई प्रयास कर रही हैं, जैसे AI-आधारित टेलीमेडिसिन ऐप्स, रिमोट डायग्नोस्टिक प्लेटफॉर्म्स, और स्वचालित हेल्थ स्क्रीनिंग कियोस्क आदि।

इंसान और मशीन की साझेदारी से चमकता भविष्य

AI एक शानदार सहायक बनकर उभर रहा है। इसकी खूबी है कि ये इंसान की तरह थकता नहीं, भटकता नहीं और चिकित्सीय नियमों के अनुपालन में कोई चूक नहीं करता। लेकिन एक इंसानी डॉक्टर की तरह अभी धड़कते दिल, सोचते दिमाग, और संवेदनशील आत्मा का विकल्प अभी AI तकनीक के भीतर मुमकिन नहीं है। चिकित्सा क्षेत्र

में अब भविष्य उन डॉक्टरों का है जो AI के साथ कदम से कदम मिलाकर चलेंगे वे अपनी मानवता को कायम रखते हुए तकनीक का भरपूर लाभ उठाएंगे। एक ऐसा भविष्य जहां मरीज को न केवल सबसे बेहतरीन तकनीकी इलाज मिलेगा, बल्कि दर्द के साथ एक सच्चा साथी भी मिलेगा।

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